बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों के बीच भारत निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची के रिवीजन को लेकर बड़ा अपडेट साझा किया है. आयोग के अनुसार, राज्य के 1.5 करोड़ घरों में बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) की पहली यात्रा पूरी हो चुकी है. इस दौरान कुल 7, 89,69,844 (करीब 7.90 करोड़) मतदाताओं में से 87 प्रतिशत, यानी 6,86,17,932 मतदाताओं को गणना फॉर्म वितरित किए जा चुके हैं, जिन घरों में फॉर्म वितरित नहीं हो सके, वे या तो बंद पाए गए, या मृत मतदाताओं के थे, या फिर प्रवासी और यात्रा पर गए लोगों के थे.
चुनाव आयोग ने मतदाता सूची को पूरी तरह त्रुटिहीन और अद्यतन करने के लिए व्यापक रणनीति अपनाई है. प्रत्येक घर में BLO द्वारा तीन बार जाने की योजना बनाई गई है, ताकि कोई भी मतदाता छूट न जाए. पहले चरण में 87 प्रतिशत फॉर्म वितरित होने के बाद, अगले दो चरणों में शेष 13 प्रतिशत घरों को कवर करने का लक्ष्य है. आयोग का कहना है कि बंद घरों, प्रवासियों और अन्य कारणों से छूटे मतदाताओं को शामिल करने के लिए यह कवायद और प्रभावी होगी। इस प्रक्रिया से मतदाता सूची में और वृद्धि होने की संभावना है.
बूथ लेवल एजेंट्स की भूमिका
आयोग ने बताया कि विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा 1,54,977 बूथ लेवल एजेंट्स (BLA) नियुक्त किए गए हैं, जो BLO के साथ मिलकर मतदाता सूची को अंतिम रूप देने में सहयोग कर रहे हैं. ये एजेंट्स मतदाताओं के बीच फॉर्म वितरण, सत्यापन और जमा करने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. अब तक 5 प्रतिशत पूर्ण और हस्ताक्षरित फॉर्म जमा हो चुके हैं, जो इस प्रक्रिया की गति को दर्शाता है. आयोग ने सभी राजनीतिक दलों से इस कार्य में सक्रिय सहयोग की अपील की है, ताकि मतदाता सूची पूरी तरह सटीक हो.
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि बिहार की अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर 2025 को प्रकाशित की जाएगी. इसके बाद, यदि किसी मतदाता को अपनी जानकारी में सुधार या आपत्ति दर्ज करानी हो, तो वे जिला मजिस्ट्रेट (DM) या मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) के पास अपील दायर कर सकते हैं. यह प्रक्रिया मतदाताओं को अपनी जानकारी सही करने और सूची में शामिल होने का अंतिम अवसर प्रदान करेगी. आयोग ने मतदाताओं से अपील की है कि वे BLO और BLA के साथ सहयोग करें, ताकि कोई भी पात्र मतदाता वोट देने से वंचित न रहे.
बिहार चुनाव की तैयारियां तेज
बिहार में 2025 विधानसभा चुनाव को देखते हुए मतदाता सूची का रिवीजन एक महत्वपूर्ण कदम है. यह प्रक्रिया न केवल मतदाताओं की सटीक गणना सुनिश्चित करेगी, बल्कि पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव की नींव भी रखेगी. आयोग ने सभी हितधारकों से इस प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी की अपील की है. बिहार के 7.90 करोड़ मतदाताओं की सूची को अंतिम रूप देने के लिए यह अभियान एक मजबूत लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा है.