पटना में आज पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की 26वीं बैठक होने जा रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में होने वाली इस मीटिंग में बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और झारखंड के मुख्यमंत्री शामिल हो रहे हैं। सदस्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ-साथ प्रत्येक राज्य से दो वरिष्ठ मंत्री भी भाग लेंगे।
पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक आज आयोजित की जा रही है। बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह करेंगे। इसमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग उठा सकते हैं। पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में बिहार के अलावा झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल शामिल है। बताया जाता है कि इन राज्यों में पूंजी के निवेश को आकर्षित करने, खेती-किसानी की दशा में सुधार, पड़ोसी देशों के साथ जुड़ी सीमा क्षेत्रों में आधारभूत संरचना के निर्माण, राज्यों के बीच समन्वय, लंबित मामलों के निबटारे, नक्सलवाद के उन्मूलन को लेकर बैठक में चर्चा हो सकती है।
विशेष राज्य का दर्जा और कोसी हाई डैम का मामला
पूर्वी क्षेत्रीय परिषद (Eastern Zonal Council) की बैठक में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग उठने की पूरी संभावना है। भाजपा से अलग होने के बाद जदयू इस मांग को जोरदार ढंग से उठाने का मन बना चुकी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इसे लेकर अभियान चलाने की घोषणा कर चुके हैं।
हालांकि, केंद्र सरकार इस मांग को पूरी तरह नकार चुकी है। जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि बैठक में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग उठाई जाएगी। एक बड़ा मसला कोसी हाई डैम का है। इसके बनने से बिहार को बाढ़ के कहर से मुक्ति मिलेगी। ये मामला भी उठाया जाएगा।
क्यों अहम है EZC Meeting
राज्यों की ओर से प्रस्तावित मुद्दों को संबंधित क्षेत्रीय परिषद की स्थायी समिति के समक्ष चर्चा के लिए प्रस्तुत किया जाता है।
जिन मुद्दों का राज्यों के बीच आपसी सहमति से समाधान नहीं निकल पाता है, उन्हें क्षेत्रीय परिषद की बैठक में लाया जाता है।
साल 2014 से अब तक पिछले 9 वर्षों में विभिन्न क्षेत्रीय परिषदों की कुल 55 बैठकें हुई, स्थायी समितियों की 29 बैठक भी शामिल है।
क्षेत्रीय परिषदों की भूमिका सलाहकार के रूप में होती है, इसके बावजूद पिछले कुछ वर्षों में ये परिषदें काफी अहम भूमिका निभा रही।
विभिन्न क्षेत्रों में आपसी समझ और सहयोग को बढ़ावा देने में क्षेत्रीय परिषदों का महत्वपूर्ण भूमिका देखने को मिल रहा है।
क्षेत्रीय परिषदें व्यापक मुद्दों पर चर्चा करती हैं, जिनमें खनन, कुछ मदों में केंद्रीय आर्थिक सहायता और बुनियादी सुविधाएं शामिल हैं।
भूमि अधिग्रहण और भूमि स्थानांतरण, जल बंटवारा, डीबीटी स्कीम का कार्यान्वयन समेत अन्य मुद्दें भी एजेंडा में शामिल रहता है।
नीतीश कुमार EZC के उपाध्यक्ष
EZC Meeting की मीटिंग में राज्य सरकारों के मुख्य सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में हिस्सा लेंगे। राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1956 की धारा 15-22 के तहत साल 1957 में 5 क्षेत्रीय परिषदों की स्थापना की गई थी। केंद्रीय गृह मंत्री इन पांचों क्षेत्रीय परिषदों के अध्यक्ष हैं।
इसमें शामिल राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री, उपराज्यपाल और प्रशासक इसके सदस्य हैं। जिनमें से एक मुख्यमंत्री हर साल उपाध्यक्ष होते हैं। पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की 26वीं बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उपाध्यक्ष हैं। राज्यपाल की ओर से दो मंत्रियों को भी परिषद के सदस्य के रूप में नामित किया जाता है। क्षेत्रीय परिषदों ने मुख्य सचिवों के स्तर पर एक स्थायी समिति का भी गठन किया है।
गठबंधन टूटने के बाद पहली बार आमने-सामने होंगे अमित शाह-नीतीश कुमार
गठबंधन टूटने के बाद पटना में रविवार को पहली बार अमित शाह और नीतीश कुमार एक साथ एक मंच पर बैठेंगे और कई मुद्दों पर बात करेंगे. दोनों नेताओं की इस मुलाकात को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. दरअसल रविवार को पटना में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई है, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह करेंगे.
इसी बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी शामिल हो रहे हैं. बैठक में बंगाल, उड़ीसा और झारखंड के मुख्यमंत्रियों को भी शामिल होना था लेकिन वो बैठक में नहीं शामिल हो रहे हैं. उनकी जगह उन राज्यों के वित्त मंत्री और प्रतिनिधि मंडल शामिल हो रहा है. जाहिर है बैठक तो उन राज्यों के लिए महत्वपूर्ण है ही जो शामिल हो रहे हैं लेकिन सबसे ज़्यादा निगाहें बिहार की टिकी हुई क्योंकि अमित शाह और नीतीश कुमार जब बदली हुई राजनीतिक परिस्थितियों में आमने-सामने होंगे तो नजरें दोनों पर ही टिकी हुई रहेंगी.