ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने किसी भी प्रकार के गठबंधन के साथ जाने से साफ इनकार कर दिया है। गौरतलब है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंगलवार को विपक्षी एकता के लिए ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से मुलाकात करने भुवनेश्वर पहुंचे थे। लेकिन नवीन पटनायक की तरफ किसी गठबंधन में ना जाने की बात कहे जाने पर बीजेपी के नेताओं ने इसे विपक्षी एकता के लिए बड़ा झटका बताया जाना शुरू कर दिया है। इसके बाद राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और लालू प्रसाद यादव के करीबी शिवानंद तिवारी ने भी इस मुलाकात पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। यूं समझिए कि RJD ने एक तरह से नाकाम मुलाकात के बाद नीतीश के बचाव की कोशिश की है।
नवीन पटनायक से मुलाकात ही विपक्षी के लिए सकारात्मक संदेश- शिवानंद
राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और लालू प्रसाद यादव के करीबी नेता शिवानंद तिवारी का कहना है कि कांग्रेस को लेकर नवीन पटनायक पाँचवें नेता हैं। जिनसे विपक्षी एकता के संदर्भ में नीतीश कुमार और बिहार के अन्य नेताओं की मुलाकात हुई है। शिवानंद तिवारी ने कहा कि नीतीश कुमार भाजपा विरोधी पार्टियों के बीच तालमेल बिठाने के मकसद से अलग अलग पार्टियों के नेताओं से मिल रहे हैं। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को नीतीश कुमार के मकसद की जानकारी थी। इसलिए मुलाकात का मकसद मालूम होने के बावजूद उन्होंने नीतीश कुमार और उनके साथियों को आमंत्रित किया। शिवानंद तिवारी ने कहा कि विपक्षी एकता के लिए इस लंबी मुलाकात का सकारात्मक संदेश यही है।
कर्नाटक में बुरी तरह हार रही है बीजेपी- शिवानंद तिवारी
शिवानंद तिवारी ने यह भी कहा कि भारतीय राजनीति की पेचीदगियों को समझते हुए हम जानते हैं कि नीतीश और तेजस्वी का अभियान आसान नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर यह इतना सहज और आसान होता तो संविधान और लोकतंत्र पर आये संकट से चिंतित लोगों की नजर इस अभियान पर नहीं टिकी होती। शिवानंद तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस ढंग से संविधान और लोकतांत्रिक मार्यादाओं को तार-तार कर रहे हैं। राजनीतिक पार्टियों पर उसका दबाव नीतीश कुमार के अभियान को सफलता की ओर गति दे रहा है।
वहीं बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि मुख्यमंत्री की उडीसा यात्रा में विपक्षी दलों को एक साथ लाने के मुद्े पर कोई कवायद नहीं होने के कारण यह यात्रा निष्फल हो गयी है। मुख्यमंत्री को उनसे राज्य के प्रति समर्पण का भी सबक लेना चाहिए। श्री सिन्हा ने कहा कि उडीसा के मुख्यमंत्री द्वारा यह कहना कि राजनीतिक मुद्े पर कोई बात नहीं हुई है अपने–आप में महत्वपूर्ण है। कम से कम अब तो मुख्यमंत्री को इस असफलता से सीख लेनी चाहिए। श्री सिन्हा ने कहा कि नवीन पटनायक कांग्रेस विरोध की राजनीति कर उडीसा में अपनी पहचान बनाये हुए हैं। उन्होंने कभी भी कांग्रेस की अधीनता स्वीकार नहीं की। लेकिन अब नीतीश जी जिस मुहिम में लगे हैं उसमें कांग्रेस का नेतृत्व और मार्गदर्शन ही काम कर रहा है। ऐसे में नवीन पटनायक जैसे सिद्धान्तवादी व्यक्ति को इनका फार्मूला असहज लगा और राजनीति पर बात करने से इनकार कर दिया। श्री सिन्हा ने कहा कि मुख्यमंत्री के आगामी महाराष्ट्र दौरा का भी यही परिणाम होने वाला है। शिव सेना‚ राष्ट्रवादी कांग्रेस इनके छद्म आचरण और सिद्धांतविहीन राजनीति से अवगत हैं। वे सशंकित हैं कि ये कभी भी पलट सकते हैं। राजनीतिक विश्वसनीयता गिर जाने के कारण ये उन्हें स्वीकार नहीं हो सकते हैं। श्री सिन्हा ने कहा कि विपक्षी एकता के नाम पर राज्य के बाहर इनका भ्रमण मात्र औपचारिकता रह गया है और इससे बिहार की क्षति हो रही है। अभी तक न तो बिहार का विकास कर पाये हैं न ही अपने बल पर सरकार बना पाये हैं। बिहार तेज गति से बर्बादी के दलदल में धंसता जा रहा है।
पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि उडीसा के मुख्य मंत्री नवीन पटनायक ने नीतीश कुमार से कोई राजनीतिक बात नहीं होने की पुष्टि कर विपक्षी एकता को करारा झटका दिया। श्री मोदी ने कहा कि नवीन पटनायक भाजपा और कांग्रेस से समान दूरी बनाये रखने की अपनी नीति पर कायम रहे‚ जबकि ममता बनर्जी और शरद पवार के बाद नीतीश कुमार भी उन्हें भाजपा–विरोधी खेमे में लाने में नाकाम रहे। उन्होंने कहा कि अपनी राजनीतिक मंशा की विफलता पर पर्दा डालने के लिए मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि वे बिहार भवन के लिए जमीन मांगने के लिए उडीसा गए थे।
श्री मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार की इस बात में कोई दम नहीं‚ क्योंकि किसी राज्य सरकार से जमीन आवंटित करने जैसे काम के लिए किसी मुख्यमंत्री को वहां जाने की जरूरत नहीं पडती। उन्होंने कहा कि यदि मुख्यमंत्री की बात को सही मान लिया जाए‚ तो क्या मुंबई में बिहार भवन के लिए जमीन मांगने वे शरद पवार से पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री शिंदे से भी मिलेंगे। श्री मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार की उडीसा यात्रा के लिए जेट प्लेन आदि का खर्च करदाताओं के धन की बरबादी है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार जेडी–एस के नेता कुमारस्वामी से मिले‚ लेकिन कर्नाटक में कांग्रेस–जेडी–एस में एकता नहीं करा पाए। श्री मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार के राजनीतिक पर्यटन के बावजूद ममता बनर्जी और केजरीवाल ऐसे मंच का हिस्सा बनने को तैयार नहीं‚ जिसकी अगुवाई कांग्रेस करे या उसमें साथ हो। उन्होंने कहा कि पहले केसीआर और अब नवीन पटनायक ने विपक्षी एकता की मुहिम की हवा निकाल दी॥।