राहुल गांधी के मसले पर संसद से सड़क तक उबाल है। कांग्रेस के साथ बाकी विपक्षी दल आ गए हैं। सोमवार को संसद के भीतर सरकार के लिए नया चैलेंज दिखा। राहुल को अयोग्य ठहराए जाने के विरोध में कांग्रेस सांसद आज काली पट्टी बांधकर आए हैं। लोकसभा और राज्यसभा, दोनों सदनों में कार्यवाही शुरू ही हंगामे के साथ हुई। कांग्रेस के सदस्यत तख्तियां, पोस्टर लेकर आए थे। हंगामा नहीं थमता देख स्पीकर ओम बिरला ने लोकसभा को 4 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। वहीं, राज्यसभा की कार्यवाही भी दोपहर 2 बजे तक के लिए रद्द हो गई।
‘बोलने की स्वतंत्रता है, गाली देने की नहीं’
2019 में ‘मोदी’ नाम को किसने गाली दी? इसका मतलब इस देश में बोलने की स्वतंत्रता है लेकिन गाली देने की नहीं। कांग्रेस को बोलने की स्वतंत्रता और गाली देने की स्वतंत्रता में फर्क करना चाहिए। वह इस पूरे प्रकरण को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखना चाहिए बल्कि कानून के चश्मे से देखना चाहिए।
अर्जुन राम मेघवाल, केंद्रीय मंत्री
संसद में सोमवार का सत्र शुरू होते ही विपक्ष ने अडाणी और राहुल के डिस्क्वालिफकेशन मामले में जमकर हंगामा किया। इसकी वजह से राज्यसभा की कार्यवाही को 2 बजे तक और लोकसभा की कार्यवाही को 4 बजे तक के लिए रोक दिया गया।
राहुल को संसद से डिस्क्वॉलिफाई किए जाने के विरोध में कांग्रेसी सांसद काले कपड़े पहन कर संसद पहुंचे। सोनिया गांधी भी काले कपड़ों में दिखीं। लोकसभा में कांग्रेस सांसदों ने स्पीकर ओम बिड़ला के मुंह के सामने काला कपड़ा लहराया, जिसके बाद वे उठकर चले गए।
कांग्रेस की ऑल-पार्टी मीटिंग में शामिल हुई TMC
संसद सत्र शुरू होने से पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने संसद में अपने चैम्बर में विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक रखी। इस बैठक में कांग्रेस, डीएमके, सपा, जेडीयू, बीआरएस, सीपीएम, आरजेडी, एनसीपी, सीपीआई, आप और टीएमसी समेत 17 पार्टियां शामिल हुईं। इस बैठक में तृणमूल कांग्रेस का आना चौंकाने वाला रहा। इसे लेकर खड़गे ने कहा कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए जो भी आगे आएगा हम उसका स्वागत करेंगे।
खड़गे बोले- लोकतंत्र के लिए काला अध्याय
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्वीट किया- ‘लोकतंत्र के लिए “काला अध्याय” ! पहली बार सत्ता पक्ष संसद को ठप्प कर रहा है। क्यों? क्योंकि मोदी जी के परम मित्र के काले कारनामे उजागर हो रह हैं ! एकजुट विपक्ष JPC की मांग पर कायम रहेगा।’
खड़गे ने कहा, ‘हम काले कपड़ों में क्यों आए हैं? हम दिखाना चाहते हैं कि पीएम मोदी इस देश में लोकतंत्र को खत्म कर रहे हैं। पहले उन्होंने स्वायत्त संस्थाओं को खत्म किया, इसके बाद जहां-जहां जिसने चुनाव जीता, उसे डरा-धमकाकर पीएम ने अपनी सरकार बनवाई। जो लोग उनके आगे नहीं झुके, उन्हें झुकाने के लिए ED और CBI का इस्तेमाल किया।’
‘केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कांग्रेस के आरोपों का जवाब दिया। उन्होंने संसद परिसर में कहा कि ‘लोकतंत्र नहीं कांग्रेस को खतरा है इसलिए उन्होंने कांग्रेस बचाओ के नाम पर भारत जोड़ो यात्रा की थी। वे प्रजातंत्र के बारे में बोल रहे हैं लेकिन उन्हें बोलने का हक नहीं है क्योंकि आपातकाल के दौर में कांग्रेस ने लाखों लोगों को जेल में डाला था।’
कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने कहा, ‘लोकतंत्र की आवाज को बंद करने की साजिश चल रही है। इस लोकतंत्र की सबसे बड़ी पंचायत सदन है। आप लोकसभा से विपक्ष की आवाज को बंद करा रहे हैं। विपक्ष अगर घोटाले की बात न करे तो क्या करे? आपकी बातों में हामी भरे? आप राजतंत्र चाहते हैं। आज वह डरे हुए हैं।’
संसद के दोनों सदनों में सोमवार को कामकाज शुरू नहीं हो सका। कार्यवाही की शुरुआत में ही हंगामा हुआ। लोकसभा और राज्यसभा, दोनों सदन स्थगित कर दिए गए हैं।
अडानी, चीनी अतिक्रमण, महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए मोदी जी अलग-अलग मुद्दे लेकर आए। राहुल गांधी को सदन में माफी मांगने को कहा गया। सदन माफी मांगने की जगह है? अगर माफी मांगने की जगह होती तो मोदी जी को दर्जनों बार माफी मांगनी पड़ती: अधीर रंजन चौधरी, कांग्रेस सांसद
रविवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राजघाट पर राहुल गांधी के संसद से डिस्क्वालिफिकेशन पर पार्टी के नेताओं के साथ सत्याग्रह किया। जिसमें प्रियंका गांधी वाड्रा, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, केसी वेणु गोपाल, कांग्रेस के पूर्व सांसद और 1984 के सिख विरोधी दंगों के आरोपी जगदीश टाइटलर भी शामिल हुए।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ रविवार को देशभर में ‘संकल्प सत्याग्रह’ किया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और प्रियंका गांधी वाड्रा ने सरकार पर जमकर निशाना साधा। दिल्ली पुलिस ने राजघाट पर ‘सत्याग्रह’ की इजाजत नहीं दी तो महात्मा गांधी के स्मारक के बाहर कांग्रेस ने एक मंच लगाया।
PM मोदी पर हमला बोलते हुए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा, ‘आपने एक शहीद के बेटे को देशद्रोही, मीर जाफर कहा, संसद में उसकी मां का अपमान किया। संसद में PM पूछते हैं कि यह परिवार नेहरू सरनेम का इस्तेमाल क्यों नहीं करता। आपने पूरे परिवार और कश्मीरी पंडितों की परंपरा का अपमान किया है। आपके खिलाफ कोई केस नहीं, कोई सजा नहीं, आपको अयोग्य नहीं ठहराया जाता। क्यों? वे हमारे परिवार का अपमान करते रहे हैं और हम चुप रहे लेकिन अब और नहीं। मुझे जेल में डाल दो लेकिन सच तो यह है कि इस देश के प्रधानमंत्री कायर हैं।’
खरगे ने ‘मोदी सरनेम’ बयान पर OBC के अपमान के बीजेपी के आरोपों पर पूछा कि क्या नीरव मोदी, ललित मोदी, मेहुल चोकसी OBC हैं। अगर वे भगोड़े हैं तो उनकी आलोचना पर सत्ताधारी पार्टी को दर्द क्यों होता है। अगर कोई अहंकार से हमें कुचलने की कोशिश करेगा तो हम मुंहतोड़ जवाब देंगे। BJP राहुल को रोकना चाहती है क्योंकि उन्हें डर है कि वह संसद में फिर से अडानी का मुद्दा उठाएंगे।’
शुक्रवार को हंगामे के बाद संसद कार्यवाही स्थगित हो गई थी
शुक्रवार को संसद के दोनों सदनों में राहुल गांधी के लंदन वाले बयान और अडानी मुद्दे की JPC की मांग को लेकर भारी हंगामा हुआ। हंगामे और नारेबाजी के बीच ध्वनि मत से वित्त विधेयक 2023 लोकसभा से पारित हो गया था। इसके बाद लोकसभा की कार्यवाही 27 मार्च की सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। वहीं, राज्यसभा की कार्यवाही भी 27 मार्च तक स्थगित हो गई थी।
6 अप्रैल तक प्रस्तावित है बजट सत्र का दूसरा फेज
सदन में भाजपा राहुल गांधी से लंदन में दिए बयान पर माफी की मांग पर अड़ी हुई है। वहीं, हिंडनबर्ग-अडाणी मामले पर कांग्रेस की जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) की मांग बरकरार है। बता दें कि बजट सत्र का दूसरा फेज 13 मार्च से शुरू हुआ था और यह 6 अप्रैल तक चलना प्रस्तावित है।