सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत विभिन्न पेंशन योजनाओं के ४७ लाख लाभार्थियों की पेंशन अप्रैल महीने से बंद हो जायेगी। ये लाभार्थी जीवित होने का प्रमाण राज्य सरकार को नहीं दे पाये हैं। प्रमाणीकरण को लेकर सभी प्रखंड़ मुख्यालयों पर शिविर लगाये गये थे और कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से भी प्रमाणीकरण की सुविधाएं उपलब्ध करायी गयी थीं। इसके बावजूद १.१७ करोड़़ लाभार्थियों से मार्च तक करीब ७० लाख लाभार्थियों ने ही प्रमाणीकरण कराया है।
प्रमाणीकरण नहीं कराने वाले ४७ लाख लाभार्थियों के सामने बड़़ी समस्या उत्पन्न हो जायेगी। समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी के द्वारा विधानसभा के पटल पर रखे गये विभाग की अनुदान मांग से संबंधित प्रतिवेदन में कहा गया है कि पेंशनधारियों के जीवित होने के प्रमाण के लिए सभी जिलों में सामाजिक सुरक्षा पेंशनधारियों का जीवन प्रमाणीकरण का कार्य कराया गया है। यह कार्य बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के माध्यम से प्रखंड़ कार्यालय में निःशुल्क कराया गया है। लाभुकों को स्वेच्छा से अपने निकट के कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से भी जीवन का प्रमाणीकरण कराने की छूट दी गयी थी। बावजूद इसके अब तक करीब ७० लाख पेंशनधारियों का ही प्रमाणीकरण किया गया है। यह रिपोर्ट विधानसभा में २६ मार्च को रखी गयी थी। राज्य में सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत छह योजनाएं चलायी जा रही हैं‚ जिनमें से तीन राष्ट्रीय पेंशन की हैं‚ जबकि तीन योजनाएं राज्य सरकार द्वारा चलायी जा रही हैं। राष्ट्रीय पेंशन योजना के तहत इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन‚ इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय निशक्ता पेंशन योजना है। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे रहे वाले ६०–७९ आयु वर्ग के वृद्धजनों को प्रत्येक महीने चार–चार सौ रुपये की पेंशन उपलब्ध करायी जाती है। इनमें दो सौ रुपये केंद्र और दो सौ रुपये राज्य सरकार देती है। वहीं ८० वर्ष आयु या उससे अधिक आयु वर्ग के वृद्ध लोगों को ५०० रुपये प्रति महीने पेंशन उपलब्ध करायी जाती है। यह पूरी राशि केंद्र सरकार देती है। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले ४० से ७९ आयु वर्ग की विधवाओं ४०० रुपये प्रति महीने पेंशन उपलब्ध करायी जाती है।
इनमें से ३०० रुपये केंद्र सरकार और १०० रुपये राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध करायी जाती है। इस योजना के लाभार्थियों को ८० वर्ष की आयु के उपरांत इंदिरा गांधी वृद्धावस्था पेंशन योजना में स्थानांतरित किया जाता है। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय निःशक्तता पेंशन योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों के १८ से ७९ आयु वर्ग के निशक्त लोगों को ४०० रुपये की दर से पेंशन उपलब्ध करायी जाती है‚ जिनमें से केंद्र सरकार ३०० और राज्य सरकार १०० रुपये प्रति माह देती है। राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री वृद्ध जन पेंशन योजना संचालित की जाती है।
यह योजना राज्य के सभी वृद्धजनों को सम्मानपूर्वक जीवन जीने के अवसर प्रदान करने के उद्ेश्य से संचालित की जा रही है। योजना के तहत लाभार्थियों को ४०० रुûपये प्रतिमाह उपलब्ध कराये जाते हैं। लक्ष्मीबाई सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना और बिहार निःशक्ता पेंशन योजना भी राज्य सरकार द्वारा चलायी जाती हैं। दोनों योजनाओं के लाभार्थियों को चार–चार सौ रुपये प्रति महीने पेंशन दी जाती है। प्रमाणीकरण से वंचित रह गये बड़े़ तबके के पास समस्या उत्पन्न हो गयी है। क्योंकि वृद्धजनों की आय का स्त्रोत मात्र एक सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि है। सभी का प्रमाणीकरण नहीं कराया गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी योजना से बड़़े पैमाने पर राज्य के वृद्ध वंचित रह जायेंगे।