बिहार विधानसभा के बजट सत्र के अंतिम दिन अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा द्वारा माले विधायकों को मार्शल आउट किये जाने और राज्य में अपराध व लूट की बढती घटनाओं के खिलाफ भाकपा माले ने रविवार को राज्यव्यापी प्रतिरोध दिवस मनाया। पटना में कारिगल चौक पर माले कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन व सभा के जरिए विरोध जताया। कारिगल चौक पर आयोजित विरोध सभा को राज्य कमिटी सदस्य व ऐक्टू नेता रणविजय कुमार‚ राज्य कमिटी सदस्य व एआईपीएफ के संयोजक कमलेश शर्मा‚ आइसा नेता नीरज यादव‚ माले नेता अशोक कुमार‚ सामाजिक कार्यकर्ता अशर्फी दास आदि ने संबोधित किया‚ जबकि संचालन राज्य कमिटी सदस्य व ऐक्टू नेता जितेन्द्र कुमार ने किया।
वक्ताओं ने कहा कि राज्य में लगातार गिरती कानून–व्यवस्था‚ मॉब लिंचिंग‚ भाजपा–आरएसएस द्वारा सांप्रदायिक उन्माद भडकाने की साजिशों‚ दलितों–अतिपिछडों–पिछडों व महिलाओं पर बर्बर सामंती व पितृसत्तात्मक हमले‚ अल्पसंख्यकों के खिलाफ घृणा प्रचार‚ राज्य में लूट की बढती घटनाओं आदि विषयों पर माले विधायक विधानसभा के अंदर विगत ३१ मार्च को बहस चाहते थे‚ लेकिन भाजपाई विधानसभा अध्यक्ष ने सभी माले विधायकों को जबरदस्ती सदन से बाहर करवाके एक बार फिर लोकतंत्र की हत्या की। आज पूरे राज्य में हत्या व लूट की घटनाओं की बाढ–सी आ गई है। पिछले बजट सत्र के दौरान भी विपक्ष के विधायकों की बर्बर पिटाई की गई थी‚ जिसने पूरी दुनिया में बिहार व लोकतंत्र को शर्मसार किया था।
नेताओं ने कहा कि नीतीश कुमार क्रिमिनलाइजेशन‚ करप्शन और कम्युनलिज्म पर जीरो टॉलरेंस का दावा करते नहीं अघाते लेकिन आज पूरा बिहार पुलिस व सामंती–अपराधियों के आतंक और भाजपा व आरएसएस के सांप्रदायिक उन्माद से कराह रहा है‚ तो उन्होंने चुप्पी साध रखी है और पूरी तरह से भाजपाइयों के सामने सरेंडर कर दिया है। कार्यक्रम में माले नेता उमेश सिंह‚ पन्नालाल‚ मुर्तजा अली‚ संतोष पासवान‚ आइसा के बिहार राज्य अध्यक्ष विकास यादव‚ आइसा नेता कुमार दिव्यम‚ इंनौस नेता विनय कुमार‚ आइसा के चंदन यादव‚ अनिमेष चंदन‚ आदित्य रंजन‚ दीपिका प्रिया‚ साकेत सूर्या आदि उपस्थित थे॥।