मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का समाज सुधार यात्रा का नाम बदल कर समाज सुधार अभियान कर दिया गया है। बुधवार से इस अभियान पर CM नीतीश कुमार निकल चुके हैं। मुख्यमंत्री ने बुधवार को मोतिहारी में इस अभियान के तहत जनसभा की।
मुख्यमंत्री @NitishKumar बने प्रदेश वासीयों के जीवन में परिवर्तन के सारथी। नशा मुक्ति से खुशहाल हुआ पूरा परिवार।#NashaMuktBihar #नशा_मुक्ति_अभियान #समाज_सुधार_अभियान_2021_22 pic.twitter.com/wIIh5c1glM
— IPRD Bihar (@IPRD_Bihar) December 22, 2021
अब तक इस मुख्यमंत्री ने 12 यात्राएं की है लेकिन, ये नीतीश कुमार का पहला अभियान है जो सिलसिलेवार तरीके से 15 जनवरी तक चलेगा। यात्रा से इस इसका नाम अभियान कर दिया गया। इसके पीछे की वजह सत्तारुढ दल के नेता बताते हैं कि यात्रा तो आज से शुरू होगी कल खत्म हो जाएगी, लेकिन अभियान लम्बे समय तक चलता है और इसका असर भी सकारात्मक होता है। ऐसे में समाज सुधार को लेकर अभियान ही निकाला जा सकता है और नीतीश कुमार इस अभियान पर निकल चुके हैं।
मोतिहारी के गांधी मैदान से समाज सुधार अभियान की शुरुआत की। समाज सुधार के बिना विकास का कोई मतलब नहीं है। विकास के साथ समाज सुधार होगा तो समाज, राज्य और देश आगे बढ़ेगा।…(2/2)https://t.co/PA364Aaaeo pic.twitter.com/K2KOtYwfXM
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JDU प्रवक्त बोले- नीतीश जनता से करते हैं संवाद
JDU के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार कहते हैं कि समाज सुधार के बारे में ऐसा ही राजनेता सोच सकता है जो लोगों के बारे में सोचता है। जो भी काम बिहार में नीतीश कुमार ने किया, मानव विकास सूचकांक को विकसित करने के लिए, उसमें प्रजनन दर नियंत्रण हुआ है, स्कूल इनरोलमेंट का रेशियो बढ़ा है। समाज में बाल विवाह का असर पड़ा है। दहेज प्रथा गंभीर मुद्दा है।
मुख्यमंत्रीजी_ने_खूब_कही
दहेज प्रथा बहुत बुरी चीज है और कानूनी रूप से यह अपराध भी है, उन्होंने सभी लोगों से आग्रह किया कि निश्चित रूप से इसका प्रचार कीजिए कि दहेज प्रथा बहुत ही खराब चीज है.#समाज_सुधार_अभियान_2021_22 pic.twitter.com/Mb1FyVMPsy
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नीतीश कुमार सोसाइटी में वैसे स्टेट्समैन हैं जो सोशल रिफॉर्म के मुद्दा को भी लोगों के बीच में ले जा सकते हैं। उसको सरकार के कार्यक्रम से जोड़ना, समाज सुधार के एजेंडा को व्यक्तिगत रूप में और सरकारी महकमे में भीतर और आम लोगों से अपील करना, इसलिए इसे सामाजिक समाज सुधार अभियान नाम किया गया।
मुख्यमंत्रीजी_ने_खूब_कही
बाल-विवाह और दहेज प्रथा बहुत ही बुरी चीज है. कम उम्र में शादी करने से जो बच्चे पैदा होते हैं. उसका भी अधिकतम संख्या अस्वस्थ रहने का है तथा बाल-विवाह से शिकार लड़कियों का जीवन बर्बाद भी हो जाता है। #समाज_सुधार_अभियान_2021_22 pic.twitter.com/7Qb287Uwng
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नीतीश कुमार ने अपने गांव से पेड़ लगाने का अभियान शुरू किया था, तो उसमें सफलता मिल रही है। नीतीश कुमार ऐसे राजनेता हैं जो जनता से संवाद करके नीतियों को तय करते हैं, वह सामाजिक स्तर का मूल्यांकन करते हुए सामाजिक बदलाव की पटकथा लिखा है। इसलिए समाज सुधार अभियान शुरू किया।
मोतिहारी के गांधी मैदान से समाज सुधार अभियान की शुरुआत की। समाज सुधार के बिना विकास का कोई मतलब नहीं है। विकास के साथ समाज सुधार होगा तो समाज, राज्य और देश आगे बढ़ेगा।…(1/2)https://t.co/PA364Aaaeo pic.twitter.com/cYRib3ixFj
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नीतीश कुमार सिर्फ काम करते हैं
वहीं, JDU के प्रदेश उपाध्यक्ष संजय सिंह कहते हैं कि यात्रा तो शुरू होती है कल खत्म हो जाती है लेकिन अभियान लगातार जारी रहता है। आज कई नेता सिर्फ राजनीति कर रहे हैं लेकिन नीतीश कुमार सिर्फ काम करते हैं और काम करने पर ही विश्वास करते हैं। नीतीश कुमार उलूल जलूल राजनीति नहीं करते है। आज लोग नीतीश कुमार को संकल्प पुरुष के रूप में देखते हैं और नतीजतन आज विकास हो रहा है। नीतीश कुमार सामाजिक न्याय के पुरोधा हैं। न्याय के साथ विकास की अवधारणा को चरितार्थ कर उन्होंने समावेशी विकास का मार्ग प्रशस्त किया है। नीतीश कुमार ने कानून के सकारात्मक पहलू को रखते हुए समाज में सुधार किया है। चाहे शराबबंदी हो, दहेज़ प्रथा हो, बाल विवाह हो, जल जीवन हरियाली, कानून के तहत समाज में बदलाव की एक बड़ी लकीर खींची है। आज मुख्यमंत्री जिस अभियान पर निकले हैं वो ऐतिहासिक हैं।