बिहार में उपचुनाव को लेकर महागठबंधन में चल रहा खींचतान कम होने का नाम नहीं ले रहा है. बिहार कांग्रेस के प्रभारी भक्त चरण दास ने कहा है कि राजद ने बिहार में कांग्रेस के साथ किये गये गठबंधन का असम्मान किया है. दिल्ली से रविवार को पटना पहुंचे भक्त चरण दास ने कहा कि गठबंधन सबको लेकर होता है और बिहार में कम्युनल फोर्सेज के खिलाफ गठबंधन हुआ था.
राजद पर गंभीर आरोप लगाते हुए भक्त चरण दास ने कहा कि बिहार में कांग्रेस सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है और अगर कुशेश्वरस्थान की सीट कांग्रेस जीतती तो कांग्रेस के विधायक 19 से 20 होते. भक्त चरण दास ने कहा कि अगर बिहार में कांग्रेस मजबूत होती है तो ऐसे में महागठबंधन मजबूत होगा और यह मजबूती अंततः राजद को ही लाभ पहुंचाएगी. कांग्रेस बिहार प्रभारी ने कहा कि बिहार प्रभारी बनने के बाद उन्होंने लालू प्रसाद यादव से कहा था कि बिहार में कांग्रेस अब मजबूत स्थिति में आएगी लेकिन राष्ट्रीय जनता दल कांग्रेस को कमजोर करने में लगा हुआ है.
राजद द्वारा पिछले विधानसभा चुनाव में 70 सीटें दिए जाने के सवाल पर कांग्रेस बिहार प्रभारी ने कहा कि 70 सीटों पर चुनाव कांग्रेस जरूर लड़ी लेकिन इसमें 16 सीट ऐसी थी जिस पर कांग्रेस के पक्ष में राजद अपना वोट ट्रांसफर नहीं करवा सका. 26 सीटों पर के बारे में भक्त चरण दास ने कहा कि इन सीटों पर कांग्रेस ने कभी चुनाव नहीं लड़ा था. तेजस्वी यादव के उस बयान पर जिसमें उन्होंने विधानसभा उपचुनाव में तारापुर और कुशेश्वरस्थान की सीट पर उम्मीदवार को खड़ा किए जाने के बारे में भक्त चरण दास को जानकारी दिए जाने की बात कही थी कांग्रेस बिहार प्रभारी ने कहा कि केवल बता देने से कुछ नहीं होता आखिरकार समझौता भी कोई चीज होती है और राजद ने इसकी घोर उपेक्षा की है.
भक्त चरण दास ने कहा कि अभी वह पटना में है और उम्मीद करते हैं कि राजद कुशेश्वर स्थान सीट से अपने उम्मीदवार का नाम वापस ले ले और अगर वह ऐसा नहीं करता है तब कांग्रेस अपने विधायकों और नेताओं के साथ बैठक कर महागठबंधन से अलग होने के बारे में भी फैसला ले सकती है. कांग्रेस प्रभारी ने कहा कि बिहार प्रभारी बनने के बाद हम जिस विचार धारा के साथ जुड़े थे उस विचारधारा का राजद ने असम्मान किया है. मालूम हो कि बिहार में महागठबंधन के अंदर दो सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर आपसी खींचतान जारी है. दोनों सीटों के लिए जहां राजद ने अपने उम्मीदवार मैदान में उतार दिए हैं तो वहीं कांग्रेस भी अपनी ही सहयोगी से दो-दो हाथ करने के मूड में है.