जातीय जनगणना को लेकर बिहार की राजनीति तेज हो गई है। CM नीतीश कुमार का PM नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखना कामयाब नहीं रहा। PM ने CM की चिट्ठी का जवाब नहीं दिया। CM नीतीश कुमार ने PM नरेंद्र मोदी से जातीय जनगणना को लेकर 2 अगस्त को सर्वदलीय प्रतिनिधि मंडल से मिलने का समय मांगा था, लेकिन अब तक समय नहीं मिला है।
विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने साफ कहा- ‘अब CM नीतीश कुमार को इस मसले पर एक्शन लेना चाहिए। कर्नाटक सरकार ने अपने बलबूते जाति जनगणना कराई है, हम उसे मंगवा रहे हैं और उसका अध्ययन कर रहे हैं। अगर केंद्र सरकार जातीय जनगणना नहीं कराती है तो, बिहार सरकार को अपने खर्चे से जातीय जनगणना करानी चाहिए। जातीय जनगणना नहीं हुई तो हम धरना देंगे।
JDU पूरे मसले को गंभीरता से वॉच कर रहा है
इधर, जातीय जनगणना को लेकर JDU वेट एंड बॉच के मूड में है। JDU के प्रवक्ता निखिल मंडल बाताते हैं कि 2 अगस्त को चिट्ठी गई ही है, 4 अगस्त को PM के पास गई होगी। अभी संसद का मानसून सत्र चल रहा था। अब हो सकता है कि PM के तरफ से कोई फैसला आए। JDU पूरे मसले को गंभीरता से वाच कर रहा है। यदि, केंद्र सरकार के तरफ से कोई जबाब नहीं आया तो बिहार सरकार खुद से फैसला नहीं लेगी। बिहार के सभी राजनैतिक पार्टियों को बुलाकर सर्वदलिय बैठक होगी। उसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा। मात्र एक ही राज्य कर्नाटक में जातीय जनगणना हुआ है।
कांग्रेस बोली- BJP और JDU इस मसले पर राजनीति खेल रही
वहीं, इस मसले पर बिहार कांग्रेस के तरफ से भी मांग की जा रही है कि सरकार अपने बलबुते जातीय जनगणना कराए। कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्रा कहते है कि BJP और JDU इस मसले पर राजनीति खेल रही है। एक दूसरे के ऊपर मामला फेंक कर ये जनता को मूर्ख बना रहे हैं। अब वक्त आ गया है कि CM नीतीश कुमार अपना अलग स्टैंड लें। कांग्रेस जातीय जनगणना के पक्ष में शुरू से रही है। वही, लगे हाथों प्रेम चंद्र मिश्रा कहते है कि जातीय जनगणना पर आगे बढ़ने से पहले बाढ़ में जो जनता मर रही है उसको सरकार देखें। एक दूसरे के कंधे पर बैठकर राजनीति ना करें।
HAM और VIP भी आर-पार के मू़ड में है
इधर, JDU के अलावा HAM और VIP भी पुरी तरह से जातीय जनगणना काराने को लेकर आर-पार के मू़ड में है। HAM के सुप्रीमो जीतनराम मांझी ने भी बिहार सरकार से अपील की है कि यदि केंद्र सरकार जातीय जनगणना कराने में दिलचस्पी नहीं ले रही है तो बिहार सरकार को अपने खर्चे पर ये जातीय जनगणना कराना चाहिए। HAM के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान बताते हैं कि जातीय जनगणना कराकर सरकार दुध का दुध, पानी का पानी कर लेना चाहिए। जातीय जनगणना के बाद ये तय हो जाएगा कि समाज किसकी कितनी भागीदारी और सत्ता में किसकी कितनी हिस्सेदारी है। वही, VIP के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार सरकार के मंत्री मुकेश सहनी ने भी साफ कर दिया है कि जातीय जनगणना होनी चाहिए और सरकार को इसे करा लेना चाहिए।