कोविड की दूसरी लहर के दौरान बिहार के कई जिलों में मारे गए लोगों की सूची भाकपा–माले ने शुक्रवार को अंतिम रूप से जारी की। माले विधायक दल कार्यालय में ‘स्वस्थ बिहार–हमारा अधिकार’ विषय पर आयोजित जनकन्वेंशन में माले महासचिव दीपंकर भ^ाचार्य‚ माले राज्य सचिव कुणाल व माले विधायक महबूब आलम‚ मनोज मंजिल‚ के साथ आइएमए के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. पीएनपीपाल‚ ड़ॉ. सत्यजीत सिंह‚ पर्यावरण कार्यकर्ता रंजीव कुमार व माले नेता संतोष सहर आदि ने बुकलेट का लोकार्पण किया। जनकन्वेंशन को संबोधित करते हुए माले महासचिव ने कहा कि कोविड के दौर में जनता ने जो कुछ झेला‚ जो महसूस किया‚ उसे सरकार दर्ज नहीं करना चाहती। जबकि हमारी रिपोर्ट बताती है कि कोविड़ से मौत का आंकडा सरकारी आंकडा से कम–से–कम २० गुना अधिक है। ये कहना अब बेमानी है कि इतनी मौतें कोविड के कारण हुई‚ दरअसल ये मौतें सरकार की लापरवाही के कारण हुइ। यह जनसंहार है। कोविड की पहली लहर के बावजूद सरकार ने स्वास्थ्य व्यवस्था सुदृढ़ करने की कोशिश नहीं की। अस्पताल होते तो इतने व्यापक पैमाने पर मौतें नहीं हुई होतीं। सरकार ने हमें जो पीडा पहुंचाई है‚ उसका बदला लेना है और स्वास्थ्य‚ हमारा अधिकार को मुद्ा बनाकर आंदोलन करना है। लोगों को मुआवजा मिले और इस तरह जनसंहार न हो‚ यही हमारी मंशा और मांग है। ड़ॉ. सत्यजीत ने कहा कि शिक्षा व स्वास्थ्य किसी भी देश के लोगों की बुनियादी जरूरत है। पीएनपीपाल ने कहा कि सभी सरकार का एक ही कांसेप्ट है। ये लोग कॉरपोरट को बढावा दे रहे हैं। आशा कार्यकर्ताओं की नेता शशि यादव व अनुराधा कुमारी‚ सुरेश चंद्र सिंह व विधायक मनोज मंजिल ने भी अपनी बातें रखीं। इसके पूर्व माले राज्य सचिव कुणाल ने कोविड आंकडों की चर्चा की। मौके पर पार्टी के वरिष्ठ नेता स्वेदश भ^ाचार्य‚ मीना तिवारी‚ प्रभात कुमार‚ अमर विधायक अमरनाथ यादव आदि थे।
नीतीश-BJP सरकार में पलायन के आंकड़े भयावह
विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा है कि बिहार से हर साल पांच करोड़ लोग कामकाज के सिलसिले में...