बिहार में आयोजित खेल के महाकुंभ ‘खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025’ के सातवें संस्करण का आज समापन हुआ। मेडल टैली में 58 गोल्ड मेडल के साथ महाराष्ट्र टॉप पर रही। वहीं, हरियाणा 39 गोल्ड मेडल के साथ दूसरे और 24 गोल्ड मेडल के साथ राजस्थान तीसरे नंबर पर रही।
मेजबान बिहार ने 36 पदक जीते, जिनमें से सात स्वर्ण, 11 रजत और 18 कांस्य पदक थे। पदक जीतने के मामले में बिहार ने पिछले साल से 620 फीसदी की उछाल दिखाई है।
बिहार ने जीते 7 गोल्ड मेडल
बिहार ने रग्बी में दो स्वर्ण पदक, एथलेटिक्स में दो स्वर्ण, तीन रजत और 1 कांस्य पदक, थैंक-टा में 2 स्वर्ण पदक और 3 कांस्य पदक सेपक-टकरा में 1 स्वर्ण पदक, 5 रजत और 1 कांस्य पदक, साइकिलिंग में दो रजत और एक कांस्य पदक, गटका में 1 रजत और 4 कांस्य पदक, जूडो में 1 कांस्य पदक, शूटिंग में 1 कांस्य पदक, योगासन में 2 कांस्य पदक, फेंसिंग और वेट लिफ्टिंग में एक-एक कांस्य पदक और बॉक्सिंग में 2 कांस्य पदक जीता।

27 खेलों में खिलाड़ियों को 285 स्वर्ण पदक मिले
12 दिवसीय खेल के दौरान 27 खेलों में 285 स्वर्ण पदक तय किए गए, उनमें से 58 महाराष्ट्र के खाते में गए। इन अंडर-18 खेलों में, महाराष्ट्र ने 14 खेलों में स्वर्ण पदक जीते, जिनमें से अधिकांश एथलेटिक्स (10), तैराकी (7), जिम्नास्टिक (7), तीरंदाजी (6) और भारोत्तोलन (5) से आए। महाराष्ट्र ने कुल 158 पदक जीते, जिनमें 47 रजत और 53 कांस्य शामिल हैं।
केंद्रीय खेल मंत्री ने बिहार को बधाई दी
केंद्रीय खेल मंत्री डॉ. मंडाविया ने कहा, “खेलो इंडिया यूथ गेम्स की सफलतापूर्वक मेजबानी के लिए बिहार को बधाई। पिछले दशक में भारत के खेल पारिस्थितिकी तंत्र में पूरी तरह से बदलाव आया है। खेलो इंडिया के तहत बहुत सारे राष्ट्रीय कार्यक्रम हैं। हम कैलेंडर में और कार्यक्रम जोड़ रहे हैं और हम 19-24 मई को दीव में खेलो इंडिया बीच गेम्स का आयोजन करेंगे। इससे न केवल घरेलू प्रतियोगिता संरचना मजबूत होगी बल्कि कॉमनवेल्थ गेम्स 2030 और ओलंपिक 2036 के लिए प्रतिभाओं की एक पाइपलाइन भी उपलब्ध होगी।”