शराब घोटाले में आम आदमी पार्टी (AAP) ऐसी फंसी कि दिल्ली की कुर्सी गंवानी पड़ गई. पार्टी के तमाम बड़े नेताओं को शराब घोटाले मामले में तिहाड़ की सैर करनी पड़ी. मुखिया अरविंद केजरीवाल और उनके दाहिने हाथ मनिष सिसोदिया (दिल्ली के शिक्षा मंत्री) को भी जेल की सजा काटनी पड़ी. वहीं, कद्दावर नेता सत्येंद्र जैन को भी जेल की सजा काटनी पड़ी थी. सभी नेता जमानत पर रिहा हैं. मगर, दिल्ली से एक बड़ी खबर ये है कि मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन पर 2 हजार करोड़ के बड़े घोटाले का केस दर्ज हुआ है.
- क्लासरूम्स को सेमी-पर्मानेंट स्ट्रक्चर (SPS) के रूप में बनाया गया, जिसकी आयु 30 साल होती है, लेकिन इसकी लागत RCC (पक्के) क्लासरूम्स के बराबर रही, जिनकी आयु 75 साल होती है।
-
ठेका 34 ठेकेदारों को दिया गया, जिनमें से ज्यादातर का AAP से कथित संबंध बताया जा रहा है।
-
काम समय पर पूरे नहीं हुए और लागत में भारी बढ़ोतरी देखी गई।
-
सलाहकार और आर्किटेक्ट की नियुक्ति बिना तय प्रक्रिया के की गई, जिसके जरिए लागत को बढ़ाया गया।
-
सेंट्रल विजिलेंस कमीशन (CVC) की रिपोर्ट में कई अनियमितताएं सामने आईं, लेकिन इसे तीन साल तक दबाया गया।
शिकायत और लागत में अनियमितता
यह शिकायत भाजपा प्रवक्ता हरीश खुराना, विधायक कपिल मिश्रा और नीलकंठ बक्शी ने दर्ज कराई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, एक क्लासरूम की सामान्य लागत 5 लाख रुपये होनी चाहिए थी, लेकिन इस परियोजना में यह 24.86 लाख रुपये प्रति कक्षा तक पहुंच गई। CVC रिपोर्ट के अनुसार, SPS निर्माण की लागत 2292 रुपये प्रति वर्ग फीट तक पहुंची, जो पक्के स्कूल भवनों की लागत (2044-2416 रुपये प्रति वर्ग फीट) के बराबर है।