कोलकाता के फालपट्टी मछुआ इलाके में मंगलवार रात एक होटल में आग लगने से 15 लोगों की मौत और 13 लोग घायल हो गए। आग पर काबू पा लिया गया है। 22 लोगों को बचाया गया।
पुलिस के मुताबिक, मरने वालों में 2 महिलाएं और 1 बच्चा शामिल है। वहीं, 11 पुरूष मृतकों में से 8 की पहचान कर ली गई है।
पुलिस कमिश्नर मनोज वर्मा ने बताया- आग ऋतुराज होटल में रात करीब 8:15 बजे लगी। सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड और पुलिस की टीमों ने मौके पर पहुंचकर राहत-बचाव का काम शुरू किया। अब तक 14 शव निकाले जा चुके हैं। हादसे की जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) बनाई गई है।
शुरुआती जांच में पता चला है कि होटल की चौथी मंजिल पर लगे बिजली मीटर में शॉर्ट सर्किट होने से आग लगी। घटनास्थल पर मौजूद एक शख्स ने बताया कि जान बचाने के लिए कई लोग होटल की छत और खिड़कियों से कूदते नजर आए।
पीएम मोदी ने जताया दुख
पीएम मोदी ने भी इस हादसे पर दुख जताते हुए एक्स पर लिखा कि कोलकाता में आग लगने की दुर्घटना में लोगों की मौत से दुखी हूं. अपने प्रियजनों को खोने वालों के प्रति संवेदना, घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं. इसके साथ ही पीएमएनआरएफ से प्रत्येक मृतक के परिजनों को 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी, वहीं घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे.
14 लोगों के शव निकाले गए
पुलिस के अनुसार ये आग मंगलवार रात करीब सवा आठ बजे रितुराज होटल में लगी थी. पुलिस टीम को राहत और बचाव कार्य के दौरान होटल से 14 लोगों के शव बरामद हुए हैं. रेस्क्यू में जुटी टीम ने कई लोगों को सुरक्षित भी बाहर निकाला है.
आग कैसे लगी इसकी हो रही है जांच
पुलिस फिलहाल इस बात का पता लगाने में जुटी है कि आखिर इस होटल में आग लगी कैसे. शुरुआती जांच में आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट माना जा रहा है लेकिन जांच पूरी होने के बाद ही आग लगने के सही कारणों का पता चला पाएगा.
बीजेपी ने की कार्रवाई की मांग
सरकार जरूरी सहायता पहुंचाए केंद्रीय मंत्री और बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने हादसे पर दुख जताया। साथ ही कहा- मैं राज्य प्रशासन से आग्रह करता हूं कि प्रभावित लोगों को तुरंत बचाया जाए और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करें। भविष्य में ऐसी घटना न हो, इसके लिए फायर सेफ्टी के सख्त नियम बनाए जाएं।
कांग्रेस अध्यक्ष बोले- सुरक्षा के इंतजाम नहीं थे पश्चिम बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष शुभंकर सरकार ने कहा- यह एक दुखद हादसा है। सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं थे। समझ नहीं आता कोलकाता नगर निगम क्या कर रहा है।