गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट बुधवार को अक्षय तृतीया के दिन श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। इसके साथ ही करीब 6 महीने तक चलने वाली चार धाम यात्रा की विधिवत शुरुआत हो गई।
सबसे पहले मां गंगा की डोली मुखबा से आज सुबह गंगोत्री धाम पहुंची। राजपूताना राइफल्स के बैंड की धुनों के बीच गंगा की पूजा-अर्चना की गई। हेलिकॉप्टर से मंदिर पर फूल बरसाए गए।
पूजा के दौरान 1 हजार से ज्यादा लोग मौजूद थे। उत्तराखंड के CM पुष्कर सिंह धामी ने भी पूजा-अर्चना की। गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के लाइव दर्शन सबसे पहले आप दैनिक भास्कर ऐप पर करें।
गंगोत्री के बाद अब यमुनोत्री धाम के कपाट सुबह 11:55 बजे खुलेंगे। कुछ देर पहले यमुना मां की उत्सव डोली यमुनोत्री धाम पहुंची है। पुजा-अर्चना के बाद यमुनोत्री के कपाट खोले जाएंगे।
चारधाम यात्रा के लिए पुख्ता ट्रैफिक प्लान तैयार.
अगर आप भी चारधाम यात्रा (Char Dham Yatra) पर जाने का प्लान बना रहे हैं तो आपके लिए यहां के जाम से बचने का इंतजाम जरूर जान लेना जरूरी होगा. दरअसल, चारधाम यात्रा का शुभारंभ गंगोत्री (Gangotri Dham) और यमनोत्री (yamunotri Dham) के कपाट खुलने से ही शुरू हो गई है. ऐसे में यहां भक्तों का तांता लगने वाला है. खराब मौसम (Weather Alert) के बावजूद भक्तों की आस्था कम नहीं होने वाली है. पिछले वर्ष चार धामों में भारी भीड़ उमड़ने लगी थी. इस कारण तमाम रूटों पर जाम जैसी स्थिति दिखी. इसलिए इस बार ऐसे हालात से बचने की योजना पहले ही तैयार कर ली गई है. चार धाम यात्रा को लेकर भीड़ प्रबंधन के साथ ही सरकार की ओर से ट्रैफिक कंट्रोल (Traffic Control) का भी फूलप्रूफ प्लान तैयार किया गया है. भीड़ बढ़ने पर देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार, विकास नगर, हरबर्टपुर जैसे बड़े शहरों को ट्रैफिक के जाम से बचाने के लिए वैकल्पिक ट्रैफिक प्लान तैयार किया गया है. आइए उत्तराखंड के डीजीपी की जुबानी जानते हैं पुख्ता इंतजाम के बारे में…
यह है सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम
चार धाम यात्रा की तैयारी का जायजा लेने के लिए उत्तराखंड (Uttarakhand) के डीजीपी दीपम सेठ हरिद्वार पहुंचे. यहां उन्होंने रजिस्ट्रेशन सेंटर पर यात्रियों से भी बातचीत की और सुरक्षा व्यवस्था का भी निरीक्षण किया. डीजीपी ने बताया की पहलगाम की आतंकवादी घटना के बाद चारधाम की यात्रा व्यवस्था को और पुख्ता बनाया गया है. इस बार 10 कंपनी अर्धसैनिक बलों की भी तैनाती की जाएगी. सीसीटीवी कैमरा जगह-जगह पर लगाए गए हैं. 10 हजार से ज्यादा फोर्स चार धाम यात्रा को हरिद्वार से लेकर गंगोत्री यमुनोत्री बद्रीनाथ और केदारनाथ तक मॉनिटर कर रही है. क्राउड कंट्रोल और ट्रैफिक मैनेजमेंट पर खास प्लान बनाए गए हैं.
भीड़ को ऐसे करेंगे कंट्रोल
पुलिस महानिदेशक ने बताया कि चारधाम यात्रा के दौरान भीड़ प्रबंधन को लेकर इस बार एक बेहद ठोस और व्यवस्थित योजना तैयार कर ली है. बीते वर्षों में यात्रा मार्गों पर अत्यधिक भीड़ और अव्यवस्था के चलते मिले अनुभवों (Char Dham Yatra 2025) से सबक लेते हुए सरकार कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती. धामों में श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुगम यात्रा सुनिश्चित करने के लिए एडवांस प्लानिंग के तहत हॉल्टिंग प्वाइंट्स, पार्किंग स्थल और यात्रा मार्गों पर सघन जांच व्यवस्था लागू की जा रही है. चारधाम मार्गों पर अब यदि भीड़ अत्यधिक बढ़ती है या किसी आपदा जैसी स्थिति बनती है तो श्रद्धालुओं को तयशुदा हॉल्टिंग प्वाइंट्स पर रोक दिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा में ट्रैफिक कंट्रोल करना हर बार सबसे बड़ी चुनौती होती है. इसलिए इस समस्या से निपटने के लिए चारधाम यात्रा रूट पर जगह जगह हॉल्ट प्वाइंट बनाए गए हैं. उत्तराखंड के डीजीपी ने यह भी बताया कि यात्रा रूट 136 पार्किंग स्थल और 56 होल्डिंग एरिया बनाए हैं. इससे क्राउड मैनेजमेंट में मदद मिलेगी. वहीं, ट्रांजिट कैंप ऋषिकेश में तीन निःशुल्क हॉल्ट एरिया बनाए गए हैं, जहां निःशुल्क भोजन की व्यवस्था है.
कंट्रोल रूम के हाथों में होगी चारधाम यात्रा
इतना ही नहीं हॉल्टिंग प्वाइंट्स पर होटल, धर्मशाला, स्कूल, कॉलेज और कम्युनिटी सेंटर जैसी सुविधाओं को चिन्हित कर रखा गया है, ताकि यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो. इसके अलावा पार्किंग व्यवस्था को भी सुदृढ़ कर दिया गया है. चारधाम यात्रा के दौरान भीड़ प्रबंधन (Uttarakhand Crowd Management) की पूरी कमान राजधानी देहरादून स्थित पटेल भवन में स्थापित चारधाम यात्रा कंट्रोल रूम के हाथों में होगी.
पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ के मुताबिक, कंट्रोल रूम जिलों से समन्वय बनाते हुए स्थिति पर नजर रखेगा और जरूरत पड़ने पर तुरंत कार्रवाई करेगा. चारधाम यात्रा पर जाने वाले हर वाहन की कड़ी चेकिंग की जाएगी. तपोवन, भद्रकाली, कटापत्थर और कुठालगेट सहित कई चेकपोस्ट सक्रिय कर दिए गए हैं. प्रत्येक वाहन के दस्तावेज, टायर की स्थिति और फिटनेस की जांच होगी. यात्रियों से अपील की गई है कि वे घिसे टायर या रिट्रीटेड टायर वाले वाहनों से यात्रा न करें और ड्राइवर चप्पल पहनकर वाहन न चलाएं. पुलिस और आरटीओ की टीमें यात्रा मार्गों पर दिन-रात तैनात रहेंगी, ताकि श्रद्धालुओं की यात्रा सुरक्षित और व्यवस्थित रह सके.
जाम से निपटने के लिए प्रशासन ने कसी कमर
हर साल की तरह इस बार भी यात्रा मार्गों पर जाम की स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन ने कमर कस ली है. हरिद्वार से लेकर चारों धामों तक के मार्गों पर करीब 136 पार्किंग स्थल चिह्नित किए गए हैं, जहां श्रद्धालु अपनी गाड़ियों को पार्क कर सकेंगे. वहीं इन पार्किंग स्थलों का उपयोग उस समय भी किया जाएगा जब धामों में श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ जाती है. ऐसे में गाड़ियों को कुछ समय के लिए इन पार्किंगों में होल्ड किया जाएगा ताकि धामों में भीड़ का दबाव कम किया जा सके.
इन सभी पार्किंग स्थलों की कुल क्षमता करीब 40 हजार वाहनों की है.
हरिद्वार – 17 पार्किंग स्थल
देहरादून – 28
उत्तरकाशी – 6
चमोली – 31
रुद्रप्रयाग – 18
टिहरी – 23
वहीं नोडल अधिकारी लोकजीत सिंह का कहना है कि यात्रा मार्गों पर पार्किंग व्यवस्था को दुरुस्त किया है. अगर धामों में भीड़ अधिक हो जाती है तो पार्किंग स्थलों पर वाहनों को थोड़ी देर के लिए होल्ड किया जाएगा ताकि सुचारू यातायात बना रहे.