बिहार में ‘कंबल कांड’ करने वाले नीतीश सरकार के मंत्री सुरेन्द्र मेहता ने सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद अब सफाई दी है. दरअसल बिहार सरकार के खेल मंत्री सुरेंद्र मेहता ने इसी अप्रैल महीने की तपती गर्मी में लोगों के बीच कंबल और चादर का वितरण किया था. वहीं जब इतनी गर्मी में कंबल बांटे जाने की खबर सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो अब मंत्री महोदय सफाई देते नजर आ रहे हैं. लेकिन, मंत्री सुरेन्द्र मेहता ने सफाई में अपनी ही सरकार की पोल खोल कर रख दी है.
दरअसल खेल मंत्री सुरेंद्र मेहता का कहना है कि आज भी लाखों लोग ऐसे हैं जो पेड़ के नीचे रहकर अपना समय बिता रहे हैं और संसाधनों की कमी से जूझ रहे हैं. ऐसे में यदि उन्हें कंबल दिया गया तो इसमें हाय तौबा मचाने की क्या आवश्यकता है? यानि सुरेन्द्र मेहता भी अपनी सरकार की कमियां गिना रहे हैं और बता रहे हैं कि आज भी बिहार में लोगो पेड़ के नीचे रह रहे हैं. लोगों के पास जरूरी संसाधन तक नहीं है.
‘मंत्री जी’ की एक और दलील
वहीं दूसरी ओर उन्होंने कंबल वितरण और अन्य समारोहों में सम्मानित किए जाने वाले अंग वस्त्र को एक तराजू में तोला है और कहा है कि आज भी विभिन्न समारोहों में विधायक हो या मीडिया के लोग, उन्हें चादर से सम्मानित किया जाता है। तो क्या ऐसे में लोग उस चादर को फेंक देते हैं? मंत्री महोदय को शायद यह पता नहीं है कि अंग वस्त्र और कंबल वितरण दो अलग बातें हैं और इन्हें एक समान नहीं माना जा सकता. बता दें, बेगूसराय के मंसूरचक प्रखंड क्षेत्र के गोविंदपुर-दो पंचायत के अहियापुर गांव में बीजेपी की ओर से 46वें स्थापना दिवस समारोह का आयोजन किया गया था. इसी दौरान मंत्री ने तपती गर्मी में लोगों के बीच कंबल बांटने का काम किया था.
क्या है मामला?
इस बारे में सुरेंद्र मेहता का कहना है कि 6 अप्रैल को भारतीय जनता पार्टी का स्थापना दिवस था. इस मौके पर उन्होंने लोगों के बीच कंबल वितरण किया गया था. लेकिन बाद में इसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया. अब ऐसे में सवाल यह है कि मंत्री महोदय को शायद यह नहीं पता था कि इस चैत्र और बैसाख की तपती गर्मी में कंबल वितरण करना गरीबों का उपहास करने के समान है.