अमित शाह ने इस साल अक्टूबर, नवंबर में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव की कमान संभाल ली है। चुनाव की तैयारियों और मुद्दों को धार देने के लिए अमिल शाह इस महीने के अंत में 29 और 30 मार्च को बिहार जा सकते हैं। लोकसभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र, हरियाणा और दिल्ली में ऐतिहासिक जीत की हैट्रिक में अहम भूमिका निभाने वाले शाह बिहार में राजग में एकजुटता का भी संदेश देंगे।
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार अमित शाह के बिहार दौरे के कार्यक्रमों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। बिहार में अमित शाह ने भाजपा के साथ-साथ राजग के वरिष्ठ नेताओं से बैठक कर राजनीतिक हालात की समीक्षा कर सकते हैं।
शाह दे सकते हैं यह संदेश
इसके साथ ही शाह राजग के एकजुट होकर चुनाव लड़ने और एक-दूसरे के लिए चुनाव प्रचार करने का संदेश दे सकते हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान बिहार से लेकर आंध्रप्रदेश तक राजग ने एकजुट होकर चुनाव प्रचार किया था। दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान भी उम्मीदवार नहीं होने के बावजूद राजग के घटक दलों ने भाजपा उम्मीदवारों के लिए प्रचार करने मैदान में उतरे थे।
बिहार विधानसभा चुनाव में भी शाह राजग के सभी घटक दलों ने इसी एकजुटता का परिचय देने पर जोर दें।
जदयू के जिला प्रवक्ताओं मिला यह टास्क
इस तीन दिवसीय बैठक के पहले दिन भागलपुर, सारण और दरभंगा प्रमंडलों से जुड़े जिला प्रवक्ता और मीडिया सेल के जिलाध्यक्षों को टिप्स दिया गया। उन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में चली कल्याणकारी योजनाओं व इंटरनेट मीडिया के बेहतर उपयोग के बारे में उन्हें बताया गया। यह भी बताया गया कि विपक्ष की झूठी राजनीति का तथ्यों के साथ कैसे जवाब देना है।
जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने बैठक में कहा कि नीतीश कुमार की सोच और दूरदर्शी नीतियों की बदौलत बिहार विकास की नयी ऊंचाईयों को छू रहा है। विगत 19 वर्षों के कार्यकाल में बिहार ने सुशासन और विकास का नया आयाम स्थापित किया है। इस मौके पर विधान परिषद में जदयू के उप नेता ललन कुमार सर्राफ, राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद, विधान पार्षद व पार्टी के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार, मुख्यालय प्रभारी चंदन कुमार सिंह व पार्टी के कई प्रदेश प्रवक्ता मौजूद थे।