आज 4 फरवरी 2024 ईस्वी वर्ष का 35वाँ दिन 330 दिन शेष है। माघ मास के कृष्णपक्ष की नवमी संध्या 5:49 बाद दशमी तिथि विशाखा नक्षत्र वृद्धि योग 4 फरवरी 2024 दिन रविवार विक्रम संवत 2080, शक संवत 1945 (शुभकृत् संवत्सर) के साथ आप सभी का दिन शुभ मंगलमय हो ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज असम की राजधानी गुवाहाटी में 11,000 करोड़ रुपये लागत की परियोजनाओं का उद्घाटन और आधारशिला रखेंगे।
तीर्थ स्थलों की यात्रा करने वाले लोगों को विश्व स्तरीय सुविधाएं उपलब्ध करना प्रधानमंत्री का एक प्रमुख फोकस क्षेत्र रहा है। इस प्रयास में उठाए गए एक कदम में प्रधानमंत्री जिन प्रमुख परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे उनमें मां कामाख्या दिव्य परियोजना (मां कामाख्या एक्सेस कॉरिडोर) शामिल है, जिसे पूर्वोत्तर क्षेत्र योजना के लिए प्रधानमंत्री के विकास पहल के तहत मंजूरी दी गई है। यह परियोजना कामाख्या मंदिर आने वाले तीर्थयात्रियों को विश्व स्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराएगी।
प्रधानमंत्री 3400 करोड़ रुपये से अधिक लागत की कई सड़क उन्नयन परियोजनाओं की आधारशिला भी रखेंगे, जिनमें 38 पुलों सहित 43 सड़कें शामिल हैं, जिन्हें दक्षिण एशिया उप-क्षेत्रीय आर्थिक सहयोग (एसएएसईसी) कॉरिडोर कनेक्टिविटी के हिस्से के रूप में उन्नत किया जाएगा। प्रधानमंत्री डोलाबारी से जमुगुरी और बिश्वनाथ चारियाली से गोहपुर तक की दो 4-लेन परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। इन परियोजनाएं ईटानगर से कनेक्टिविटी को बेहतर करने और क्षेत्र के समग्र आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के पन्नों में 4 फरवरी 1922 के दिन का एक बड़ा महत्व है। इसी दिन लाल मुहम्मद, बिकरम अहीर, नजर अली, इन्द्रजीत कोइरी जैसे कई आजादी के मतवालों की अगुवाई में चौरी-चौरा कांड को अंजाम दिया गया था।
कहते है शहीदों की मजारों पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा।
आज हमारा पड़ोसी देश श्रीलंका अपना 76वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है । भारत 1947 में आजाद हुआ जिसके छह महीने के बाद 4 फरवरी 1948 को श्रीलंका आजाद हुआ । आज के दिन पूरे देश में ध्वजारोहण समारोह, नृत्य, परेड और प्रदर्शन के माध्यम से मनाया जाता है ।आमतौर पर, मुख्य उत्सव कोलंबो में होता है, जहां राष्ट्रपति राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं और राष्ट्रीय रूप से प्रसारित भाषण देते हैं ।
आज पूरी दुनिया मे विश्व कैंसर दिवस मनाया जा रहा है । कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जिसका इलाज तो अभी तक मुमकिन नहीं हो पाया है पर इसे काबू करना और इससे बचाव संभव है। सबसे पहले विश्व कैंसर दिवस वर्ष 1993 में जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड में यूनियन फॉर इंटरनेशनल कैंसर कंट्रोल (UICC) के द्वारा मनाया गया था । वैसे कैंसर हो जाने पर इससे छुटकारा पाना मुश्किल होता है पर नामुमकिन नहीं। मरीज़ अगर दृढ़ इच्छाशक्ति से इस बीमारी का सामना करे और सही समय पर इलाज मुहैया हो तो इलाज संभव हो जाता है। साथ ही हमेशा से माना जाता है कि उपचार से बेहतर है बचाव। इसी तरह कैंसर होने के बचे रहने में ज़्यादा समझदारी है। विश्व को कैंसर मुक्त करने के लिए आप भी कदम बढ़ाएं और खुद तथा अपने सगे सबंधियों को तंबाकू, शराब , गुटका , धूम्रपान आदि से दूर रहने की सलाह दीजिए । इसके साथ साथ अपनी जीवनशैली को नियंत्रित रखिये एवं खानपान का विशेष ध्यान रखिये सदा स्वस्थ रहिए । आप स्वस्थ तो देश स्वस्थ ।
पिछले दो दशक में टैक्नोलॉजी ने जिस रफ्तार से तरक्की की है, उसने लोगों की जीवनशैली को एकदम बदल दिया। फोन, कंप्यूटर और इंटरनेट जैसी व्यस्तताओं ने दुनिया को आपके टेबल से होते हुए आपके हाथ तक पहुंचा दिया। सोशल मीडिया के जरिए लोगों की सोशल लाइफ में आए इस बदलाव में 4 फरवरी का एक खास महत्व है। दरअसल 2004 में 4 फरवरी को ही मार्क जुकरबर्ग ने हावर्ड यूनिवर्सिटी में अपने साथ पढ़ने वाले तीन दोस्तों के साथ मिलकर बनाई वेब साइट ‘फेसबुक’ को लांच करके दुनियाभर के लोगों को ‘फ्रेंड्स’ और ‘लाइक’ को गिनते रहने का एक नया गणित दे दिया। हालत यह है कि दुनिया के अरबों लोग अपनी हर गतिविधि को ‘शेअर’ करते हैं और यही उनकी दुनिया बन गई है। जुकरबर्ग ने फेसबुक के जरिए अपनी तकदीर बदल दी और पूरी दुनिया की तस्वीर। मौसम के बाद शायद यह पहली चीज है जो दुनिया के इतने लोगों को एक साथ प्रभावित करने का माद्दा रखती है। हालांकि इसके बाद सोशल मीडिया पर इस तरह की बहुत सी साइट आती रहीं, लेकिन फेसबुक ने अपनी जगह मजबूती से बनाए रखी। आज वाट्सएप भी इसी फेसबुक के गुलदस्ते का एक हिस्सा है ।
आप सभी मित्रों को इस दिन के माध्यम से आभार व्यक्त करती हूँ कि अगर यह प्लेटफार्म नही होता तो हम सब एक दूसरे को इतनी सहजता से जान भी नही पाते ।
धन्यवाद फेशबुक
आज के दिन प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी एवं पूर्व लोकसभा अध्यक्ष एम. ए. अय्यंगार जी ,भारत रत्न सम्मानित भारतीय शास्त्रीय संगीत गायक पंडित भीमसेन जोशी जी , भारतीय नृत्य की ‘कथक’ शैली के आचार्य और लखनऊ के कालका – बिंदादीन घराने के एक मुख्य प्रतिनिधि बिरजू महाराज जी ,भारतीय शास्त्रीय नृत्य भरतनाट्यम की प्रसिद्ध नृत्यांगना पद्मा सुब्रह्मण्यम जी का जन्म हुआ था ।
आज के दिन भारत के प्रसिद्ध गणितज्ञ और भौतिक शास्त्री सत्येन्द्र नाथ बोस जी , प्रसिद्ध फ़िल्म अभिनेता एवं फ़िल्म निर्माता-निर्देशक भगवान दादा का देहांत हुआ था ।