बिहार की राजधानी पटना में बीजेपी कार्यकर्ताओं पर आज लाठीचार्ज हो गया। यहां पुलिस ने बीजेपी वर्कर्स को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा है। इस घटना में जहानाबाद के बीजेपी महामंत्री विजय कुमार सिंह की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि बीजेपी कार्यकर्ता विधानसभा की ओर मार्च कर रहे थे, इसी दौरान पुलिस ने इनपर लाठीचार्ज कर दिया। बता दें कि बिहार विधानसभा के मॉनसून सत्र की शुरुआत से ही बवाल मचा हुआ है। बीजेपी तेजस्वी यादव के ख़िलाफ़ चार्जशीट की दुहाई देकर उनके इस्तीफे की मांग पर अड़ी है।
जहानाबाद नगर के महामंत्री थे विजय
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, बीजेपी नेताओं का कहना है कि पटना के डाकबंगला चौराहे पर पुलिस ने जबरदस्त लाठीचार्ज की जिसमें जहानाबाद नगर के बीजेपी महामंत्री विजय कुमार सिंह की मौत हो गई। बीजेपी नेताओं ने बताया कि पुलिस द्वारा किए गए बर्बर लाठीचार्ज में विजय घायल हो गए थे। लोग आनन-फानन में उन्हें अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
#Patna में बीजेपी के विधानसभा मार्च पर बिहार के पुलिस द्वारा लाठीचार्ज में जहानाबाद भाजपा के जिला महामंत्री विजय कुमार सिंह की मौत हो गई है..
अश्रुपूर्ण विनम्र श्रद्धांजलि.. pic.twitter.com/bmapNAYWoz— Harish Dwivedi (@HarishD_BJP) July 13, 2023
पानी की बौछार और आंसू गैस के गोले भी छोड़े
बताया जा रहा है कि राज्य में शिक्षकों की नियुक्ति के मुद्दे पर बिहार सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे भाजपा कार्यकर्ताओं को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षाकर्मियों ने पानी की बौछार की और लाठीचार्ज किया। बीजेपी कार्यकर्ताओं को खदेड़ने के लिए सुरक्षाकर्मियों ने कई राउंड आंसू गैस के गोले भी छोड़े।
बिहार सरकार ने शिक्षकों की छुट्टियां की रद्द
वहीं इससे पहले बिहार सरकार ने सभी शिक्षकों की छुट्टियां एक सप्ताह के लिए रद्द कर दी हैं। शिक्षा विभाग ने इसके अलावा राज्य के जिलाधिकारियों से भी अनुरोध किया है कि वे शिक्षकों की उपस्थिति की जांच करने के लिए गुरुवार को अपने संबंधित जिलों के सभी सरकारी स्कूलों का निरीक्षण करें। इसपर बीजेपी ने आरोप लगाया है कि सरकार की नई शिक्षक भर्ती नीति के खिलाफ भाजपा के राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन में शिक्षकों को शामिल होने से रोकने के लिए विभाग की ओर से ये आदेश जारी किया गया है।
“प्रदर्शन में भागीदारी रोकने के लिए शिक्षकों की छुट्टियां रद्द की”
वहीं भाजपा की बिहार इकाई के प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा, ‘‘हम नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार की कई अन्य जनविरोधी नीतियों के खिलाफ भी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। विरोध प्रदर्शन में शिक्षकों की भागीदारी को रोकने के लिए ये परिपत्र जारी किए गए हैं। यह नीतीश कुमार सरकार की तानाशाही मानसिकता को दर्शाता है। यह राज्य में अघोषित आपातकाल है।’’
प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों की पहचान करने के आदेश
गौरतलब है कि 11 जुलाई को शिक्षक अभ्यर्थियों ने 1.7 लाख शिक्षकों की भर्ती में मूलनिवास नीति को हटाने के नीतीश कुमार सरकार के हालिया फैसले के खिलाफ पटना में प्रदर्शन किया था। कुछ शिक्षक भी इसमें शामिल हुए थे, शिक्षा विभाग ने अपने जिला शिक्षा अधिकारियों से उन शिक्षकों की पहचान करने को कहा है।
बीजेपी ने 10 लाख नौकरी का मांगा हिसाब
बिहार बीजेपी ने इस कार्यक्रम को लेकर एक प्रेस रिलीज भी जारी किया है। इसमें सरकार से 10 लाख लोगों को नौकरी देने का हिसाब मांगा गया है। प्रेस नोट के जरिए सरकार से सवाल किया गया है कि अभी तक कितनी नियुक्तियां हुई और कितनी प्रोसेस में है।
प्रेस नोट के जरिए पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने कहा कि विपक्ष सरकार से लगातार सवाल कर रहा है, लेकिन पिछले तीन दिनों से विधानसभा में सरकार जवाब नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि उल्टे सरकार नियोजित शिक्षकों से परीक्षा देने को कह रही है, जिन्हें 42 हजार रुपए मिल रहे हैं।
बीजेपी नेता का कहना है कि शिक्षकों को प्रेशर डाला जा रहा है, ताकि वे लोग 28 हजार में नौकरी करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 5 लाख 70 हजार नियोजित शिक्षक हैं, जिन्हें सरकार वेतन नहीं दे रही। राज्य कर्मी का दर्जा नहीं दे रही। हम लोग सरकार से जवाब मांग रहे, लेकिन सरकार जवाब देना नहीं चाहती।
टैलेंट पर सवाल
मोदी ने आगे कहा कि शिक्षकों को गाली देने का काम सरकार के मंत्री कर रहे हैं। बिहार के शिक्षा मंत्री बच्चों के टैलेंट पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज देश में कहीं चले जाइए बिहार के लोग पढ़ाते नजर आएंगे। आज बिहार की अस्मिता का सवाल है। बिहार को अपमानित करने का काम बिहार के नीतीश कुमार की सरकार ने किया है।
सीएम इतने लाचार हो जाएंगे सोचा नहीं था
राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि आपके उप मुख्यमंत्री पर आज चार्जशीट दायर हो गया है। एक तरीके से आरोप सिद्ध हो गया है, लेकिन आप बोल नहीं पा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आज सीएम इतने लाचार और कमजोर हो जाएंगे। यह हम लोगों ने कभी नहीं सोचा था। मोदी ने कहा कि हम लोग चाहते हैं कि सीएम अपने उप मुख्यमंत्री से इस्तीफा ले और स्वच्छता का प्रमाण दें।
उन्होंने कहा कि बिहार की जनता आपको माफ नहीं करेगी।
केके पाठक के आदेश को बीजेपी ने बताया तुगलकी फरमान
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने 12 जुलाई को एक आदेश जारी किया। सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को आदेश जारी करते हुए कहा कि 13 जुलाई को स्कूलों में शिक्षकों की सौ फ़ीसदी उपस्थित होना जरूरी है। 13 जुलाई को यदि कोई भी शिक्षक अनुपस्थित होते हैं तो उन्हें सस्पेंड तक किया जा सकता है। बीजेपी ने इसे बिहार सरकार का तुगलकी फैसला बताया है। निखिल आनंद ने कहा है किएक तरफ सीएम शिक्षकों से संवाद करना चाहते हैं तो दूसरी तरफ अधिकारियों से फरमान जारी करवाते हैं। बिहार सरकार के आदेश से यह प्रतीत होता है कि सरकार ने शिक्षकों को बंधुआ मजदूर समझ रखा है। निखिल आनंद ने कहा है कि बिहार की जनता आगे आकर छात्रों- युवाओं-शिक्षकों का साथ दें।