जॉब फॉर लैंड घोटाले में तेजस्वी यादव के निजी सचिव संजय यादव से CBI फिर कर सकती है पूछताछ. सीबीआई ने तेजस्वी यादव के प्राइवेट सेक्रेटरी संजय यादव से शनिवार को भी पूछताछ की है. जमीन के बदले नौकरी देने के मामले में सीबीआई ने बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी के निजी सचिव संजय यादव से घंटों पूछताछ की.
सीबीआई ने शनिवार को उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के निजी सचिव से रेलवे में कथित तौर पर जमीन के बदले नौकरी घोटाले के संबंध में पूछताछ की। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई द्वारा तेजस्वी के पिता लालू प्रसाद‚ मां राबड़़ी देवी और बहन मीसा भारती के खिलाफ मामले में आरोपपत्र दाखिल करने के एक दिन बाद संजय यादव को शनिवार को एजेंसी के समक्ष पेश होने को कहा गया था।
संजय यादव को पहले भी तलब किया गया था‚ लेकिन उन्होंने सीबीआई के नोटिस को दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष चुनौती दी थी। अधिकारियों ने बताया कि संजय यादव ने वर्ष २०१५ में तेजस्वी के उप मुख्यमंत्री रहने के दौरान भी उनके निजी सचिव के तौर पर काम किया था। संजय सुबह यहां एजेंसी मुख्यालय पहुंचे‚ जहां उनसे पूछताछ की गयी। सीबीआई की विशेष अदालत में दायर आरोपपत्र में एजेंसी ने लालू प्रसाद की बेटी मीसा भारती‚ मध्य रेलवे के पूर्व महाप्रबंधक सौम्या राघवन‚ रेलवे के पूर्व सीपीओ कमल दीप मैनराय‚ सब्सिट्यूट के तौर पर नियुक्त सात उम्मीदवारों और चार निजी व्यक्तियों को भी नामजद किया है। सीबीआई के प्रवक्ता ने कहा‚ ‘जांच में पाया गया कि आरोपियों ने तत्कालीन महाप्रबंधक (मध्य रेलवे) व सीपीओ (मध्य रेलवे) के साथ साजिश में लोगों को अपने नाम पर या अपने करीबी रिश्तेदारों के नाम पर जमीन के बदले में सब्सिट्यूट के तौर पर रखा था।’ एजेंसी ने अन्य संदिग्धों के संबंध में जांच को खुला रखा है। प्रवक्ता ने कहा‚‘यह जमीन मौजूदा सर्किल रेट से कम और बाजार दर से काफी कम कीमत पर ली गई थी। यह भी आरोप लगाया गया था कि उम्मीदवारों ने झूठी टीसी का इस्तेमाल किया है और रेल मंत्रालय को झूठे प्रमाणित दस्तावेज जमा किये।’
जांच के दौरान‚ एजेंसी ने दावा किया कि लालू प्रसाद के केंद्रीय रेल मंत्री रहने के दौरान के तत्कालीन शिविर कार्यालय १० सर्कुलर रोड़‚ पटना से एक हार्ड़ डि़स्क मिली है‚ जिसमें उनके कार्यकाल के दौरान रेलवे में रखे गये १४५८ उम्मीदवारों की सूची थी।सीबीआई ने आरोप लगाया है कि पटना के निवासियों को रेलवे के विभिन्न जोन में ग्रुप–ड़ी पदों पर ‘सब्सिट्यूट‘ के रूप में नियुक्त किया गया था‚ जिन्हें वर्ष २००४–०९ की अवधि के दौरान नियमित किया गया।
सीबीआई की विशेष अदालत में दायर आरोपपत्र में एजेंसी ने प्रसाद की बेटी मीसा भारती, पूर्व महाप्रबंधक, मध्य रेलवे, सौम्या राघवन, रेलवे के पूर्व सीपीओ कमल दीप मैनराय, सब्सिट्यूट के तौर पर नियुक्त सात उम्मीदवारों और चार निजी व्यक्तियों को भी नामजद किया है।
सीबीआई के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘जांच के दौरान, यह पाया गया है कि आरोपियों ने तत्कालीन महाप्रबंधक मध्य रेलवे और सीपीओ, मध्य रेलवे के साथ साजिश में लोगों को अपने नाम पर या अपने करीबी रिश्तेदारों के नाम पर जमीन के बदले में सब्सिट्यूट के तौर पर रखा था।’’
उन्होंने कहा कि एजेंसी ने अन्य संदिग्धों के संबंध में जांच को खुला रखा है। प्रवक्ता ने कहा, ‘‘यह जमीन मौजूदा सर्किल रेट से कम और बाजार दर से काफी कम कीमत पर ली गई थी। यह भी आरोप लगाया गया था कि उम्मीदवारों ने झूठी टीसी का इस्तेमाल किया है और रेल मंत्रालय को झूठे प्रमाणित दस्तावेज जमा किए।’’
जांच के दौरान, एजेंसी ने दावा किया कि प्रसाद के केंद्रीय रेल मंत्री रहने के दौरान के तत्कालीन शिविर कार्यालय 10 सर्कुलर रोड, पटना से एक हार्ड डिस्क मिली है, जिसमें उनके कार्यकाल के दौरान रेलवे में रखे गए 1458 उम्मीदवारों की सूची थी।
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि पटना, बिहार के निवासियों को रेलवे के विभिन्न जोन में ग्रुप-डी पदों पर ‘सब्सिट्यूट’ के रूप में नियुक्त किया गया था, जिन्हें 2004-09 की अवधि के दौरान नियमित किया गया।