गंगा नदी थाना क्षेत्र अंतर्गत सबलपुर गंगा घाट पर गुरुवार की सुबह नन्दलाल छपरा‚ पटना से मूर्ति विसर्जन के लिए आए तीन युवक विसर्जन के क्रम में नाव से गिरकर गंगा में ड़ूब गए। घटना की सूचना मिलते ही गंगा में ड़ूबने वाले युवकों के परिजन मौके पर पहुंचे और तीनों ड़ूबे युवक को गंगा नदी से निकालकर इलाज कराने का हवाला देते हुए उसे लेकर अपने अपने घर चले गये। इस बात की पुष्टि नदी थानाध्यक्ष अखिलेश सिंह ने की। थानाध्यक्ष ने बताया कि गुरुवार की सुबह सूचना मिली कि नदी थाना क्षेत्र के सबलपुर गंगा घाट पर पटना से मूर्ति विसर्जन करने आये तीन युवक विसर्जन करने के क्रम में नाव से गिरकर गंगा नदी में ड़ूब गए हैं। सूचना मिलते ही घटनास्थल पर पहुंचे तो देखा कि स्वजन तीनों को इलाज का हवाला देते हुए अचेतावस्था में अपने साथ गाड़ी में बिठाकर पटना की ओर लेकर चले गए। उनलोगों ने अपना नाम–पता भी नहीं बताया।
दरअसल, रुपसपुर के सहायनगर इलाके के रहने वाले एक परिवार ने नवरात्र के मौके पर अपने घर में कलश की स्थापना की थी। दोपहर में आज पूरा परिवार गंगा में कलश विसर्जन करने के लिए दीघा के जर्नादन घाट गया था। परिवार के साथ आया 17 साल का एक युवक गंगा नदी में पैर धोने के लिए घाट से कुछ दूर आगे बढ़ा। इसी बीच उसका बैलेंस बिगड़ा और पैर गहराई में चला गया। इसे डूबता हुआ देख आदित्य (18) बचाने गया। लेकिन, बचाने के चक्कर में आदित्य भी डूबने लगा। इन दोनों को डूबता देख वहां मौजूद 16 साल के तीसरे युवक ने बचाने की कोशिश की पर वह भी डूबने लगा। वहां पर मौजूद परिवार के बाकी सदस्यों और दूसरे लोगों के बीच हड़कंप मच गया। माहौल अफर-तफरी का बन गया।
इन सभी की किस्मत अच्छी थी कि जिस जगह पर ये डूब रहे थे, वहां से कुछ दूरी पर ही SDRF की टीम पूरे इंतजाम के साथ पहले से मुस्तैद थी। SI झीमिलाल की टीम ने तेजी से अपना रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। इसके बाद एक-एक तीनों युवकों को डूबने से बचा लिया गया। अब ये तीनों सही सलामत हैं।
SDRF के कमांडेंट मो. फोरगोद्दीन के अनुसार कलश और प्रतिमा विसर्जन के दौरान नदियों में इस तरह की घटनाओं के होने की संभावना बनी रहती है। इसलिए SDRF पहले से अलर्ट है। राज्य के अलग-अलग शहरों के कुल 57 घाटों और तालाबों पर उनकी 23 टीम पहले से तैनात है। यही वजह है कि समय पर पटना में रेस्क्यू ऑपरेशन चल सका और गंगा में डूब रहे तीनों युवकों की जान बचाई जा सकी।