विश्वेश्वरैया भवन में लगी आग पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हैरानी जाहिर की। उन्होंने कहा कि पहले हमने किसी सरकारी भवन में इतनी देर तक लगी आग नहीं देखी। अगलगी की सूचना मिलने के बाद मुख्यमंत्री ने वहां पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने कहा‚‘विश्वेश्वरैया भवन में इतनी देर तक आग का जारी रहना अलग तरह की घटना है। कभी इतनी देर तक किसी सरकारी भवन में आग लगी रहने के बारे में नहीं सुना था।’ उन्होंने कहा कि अग्निशमन विभाग ने आग पर काबू पाने की पूरी कोशिश की है। ऐसी घटना आगे न हो‚ इसको लेकर जो भी जरूरी उपकरण है‚ उसे यहां उपलब्ध कराया जायेगा। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने आग बुझाने को लेकर अपनाई गई प्रक्रिया और संसाधनों के संबंध में विस्तृत जानकारी ली। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री को अग्निशमन की टीम ने आग पर काबू पाने के लिए तत्परतापूर्वक की गई कार्रवाई के संबंध में अवगत कराया।
पटना स्थित विश्वेश्वरैया भवन में लगी आग का मुआयना करने के बाद माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी पत्रकार साथियों को संबोधित करते हुए। pic.twitter.com/MAg0wouSqz
— Janata Dal (United) (@Jduonline) May 11, 2022
विश्वेश्वरैया भवन के सर्वर रूम में बुधवार की सुबह शाट सर्किट से लगी आग में दो मंजिल को अपनी चपेट में ले लिया। स्थल का मुआयना करने के बाद प्रमंडलीय आयुक्त सह भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि ने आज से दो दिनों के लिए विश्वेश्वरैया भवन में प्रवेश पर रोक लगा दी है।
राजधानी पटना के हड़ताली मोड़ स्थित विश्वेश्वरैया भवन में बुधवार को सुबह 7:30 बजे अचानक भीषण आग लग गयी। थोड़़ी ही देर में आग ने भवन में स्थित सरकारी विभागों के कई कार्यालयों को चपेट में ले लिया। घटना के कारणों का पता नहीं चल पाया‚ लेकिन आशंका है कि यह शॉर्ट सर्किट की वजह से हुई है। कुछ ही देर में घटनास्थल पर पहुंची फायर ब्रिगेड़ की गाडि़़यां व एनड़ीआरएफ की टीमों ने आग पर काबू पाने की मशक्कत शुरू कर दी। आग में दो श्रमिक फंस गये थे‚ जिन्हें एनड़ीआरएफ की मदद से सुरक्षित निकाल लिया गया। घटना की भयावहता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वहां कई ऑफिस की खिड़़कियों से घंटों आग की लपटें निकलती रहीं। सुबह से लगी आग रह–रहकर शाम तक सुलगती रही। धुएं के भारी गुबार के कारण अग्निशमनकर्मियों को आग पर काबू पाने में काफी मेहनत करनी पड़़ी। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी ड़ॉ. चंद्रशेखर सिंह और एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो समेत कई अधिकारियों ने देर शाम तक कैम्प कर रखा था। बताया जाता है कि विश्वेश्वरैया भवन में कर्मचारियों के आने का सिलसिला शुरू ही हुआ था कि उससे पहले ये घटना हो गई। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार‚ भवन की तीसरी मंजिल पर सुबह लगी आग देखते ही देखते सातवीं मंजिल तक पहुंच गई। आग पर काबू पाने के लिए फायर ब्रिगेड़ की १६ टीमों को लगाया गया। तीसरी‚ चौथी और पांचवी मंजिल की आग पूरी तरीके से बुझाई जा चुकी थी‚ जबकि उसके ऊपर की मंजिल में आग बुझाने का काम देर शाम तक जारी था। दमकल कर्मियों की मदद के लिए एनडीआरएफ और एयरपोर्ट के विशेष अग्निशामकों को बुलाया गया। भवन की ७वीं मंजिल को हाल ही में बनवाया गया था और जिस दिन इसका उद्घाटन होने की संभावना थी‚ उसी दिन वह आग से बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। हालांकि इस दौरान किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। इमारत में फंसे कुछ मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।
आग बुझाने में दमकल की 40 गाड़ियों का हुआ इस्तेमाल
जिलाधिकारी डा. चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि विश्वेश्वरैया भवन में आग लगने की सूचना के मिलते ही जिला नियंत्रण कक्ष, जिला फायर स्टेशन और सचिवालय थाना से दमकल मौके पर पहुंच कर आग पर काबू पाने की कोशिश की। स्थिति की गंभीरता को भांपकर राज्य अग्निशमन मुख्यालय से दो हाइड्रोलिक प्लेटफार्म मंगाना पड़ा। दमकल की कमी को देखते हुए पटना एयरपोर्ट और एनटीपीसी बाढ़ के अलावा वैशाली, भोजपुर और जहानाबाद से फायर ब्रिगेड की गाडिय़ां मंगाई गईं। करीब 40 दमकल सुबह से आग बुझाने में लगे रहे। इस आपरेशन में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम को लगाया गया है। बताया गया कि विशेषज्ञों की टीम आग लगने के कारण की जांच करेगी। प्रथमदृष्टया सर्वर रूम में शाट सर्किट से आग लगने की बात कही जा रही है। विशेषज्ञों की टीम की जांच के बाद ही सही कारण का पता चल सकेगा।
फाल्स सीलिंग व केबल से फैल गई आग
आपरेशन में लगी टीम को फाल्स सीलिंग जलकर गिरने से आग पर काबू पाने में दिक्कत आ रही थी। फाल्स सीलिंग और इंटीरियर के कारण आग पांचवीं से छठी मंजिल को भी चपेट में ले ली। डीएम ने बताया कि जिला अग्निशमन केंद्र के पास बहुमंजिली इमारत में आग बुझाने के लिए साधन नहीं होने के कारण राज्य मुख्यालय से हाइड्रोलिक प्लेटफार्म वाला फायर फाइटिंग यूनिट मंगाना पड़ा। भवन के दोनों ओर से हाइड्रोलिक प्लेटफार्म से आग पर काबू पाने में मदद मिली।
विश्वेश्वरैया भवन अग्निकांड में जांच से जुड़ी कई फाइलों के नष्ट होने की आशंका है। ये गड़बड़ियों से जुड़ी अहम फाइलें थीं। कई गंभीर आरोपों की जांच भी चल रही थी। आग लगने की स्थिति को देखते हुए इन सबके स्वाहा होने की आशंका है। आकलन तो बाद में होगा, लेकिन यह तय है कि इसमें हजारों अहम दस्तावेज नष्ट हो चुके हैं और जिनके सबूत तक नहीं मिलने वाले।
संभवत: आग में ही कई अहम राज पूरी तरह से दफन हो जाएंगे। इस घटना में ग्रामीण कार्य विभाग को सबसे अधिक क्षति उठानी पड़ी है। बड़ी संख्या में उसकी फाइलें नष्ट हुई हैं। साथ ही फर्नीचर, कम्प्यूटर और डिजिटल दस्तावेज भी नष्ट हो गए हैं। विभाग का कार्यालय पांचवें तल्ले पर है और सबसे भीषण आग वहीं लगी है। ग्रामीण सड़कों के निर्माण और उनकी मरम्मत से जुड़ी फाइलों के जलने की भी आशंका है।
इसके अलावा नई योजनाओं से संबंधित फाइलों के भी नष्ट होने की आशंका व्यक्त की जा रही है। उधर, भवन निर्माण विभाग की डिजाइनिंग की फाइलें नष्ट हुई हैं। इसके अलावा विभिन्न परियोजनाओं से जुड़ी कई महत्वपूर्ण फाइलों के सेक्शन में भी आग की लपटों के पहुंचने से वहां भी भारी क्षति की आशंका है।
ग्रामीण कार्य मंत्री के चैंबर व कोषांग के अलावा अभियंता प्रमुख अशोक कुमार मिश्रा व अन्य सभी सीनियर इंजीनियरों, विशेष सचिव संजय दूबे का कार्यालय इसकी चपेट में आ गया। विभागीय कर्मियों के अनुसार जहां आग लगने की घटना हुई, वह ग्रामीण कार्य विभाग का ही कार्यालय था।
जीर्णोद्धार की योजना को झटका
इस अग्निकांड के बाद भवन के जीर्णोद्धार और आधुनिकीकरण की योजना को तगड़ा झटका लगा है। इस समय सातवें तल्ले का निर्माण कार्य चल रहा था, जबकि मुख्य भवन के बाहर सौंदर्यीकरण का काम तेजी से जारी था। परिसर में नए भवन की भी तैयारी थी। लगभग 50 फीसदी काम पूरा भी हो चुका था।
फायर सेफ्टी आडिट का चलेगा अभियान
जिलाधिकारी ने विश्वेश्वरैया भवन में आग की घटना के बाद सभी सरकारी भवनों में अभियान चलाकर अग्निशमन प्रबंध का अंकेक्षण कराने को कहा है। उन्होंने बताया कि अग्निशमन विभाग अग्नि सुरक्षा की जांच करती है, लेकिन अभियान चलाकर आडिट कराया जाएगा।
विभागों में समन्वय से चला आपरेशन
आग लगने की सूचना के बाद जिला नियंत्रण कक्ष, पुलिस नियंत्रण कक्ष, राज्य अग्निशमन निदेशालय, पुलिस और प्रशासनिक पदाधिकारी आपसी समन्वय से देर शाम तक आग बुझाने में डटे रहे। सुबह से आपरेशन में शामिल पदाधिकारियों और कर्मियों के लिए जिला प्रशासन ने खानपान का प्रबंध किया है।
पुलिस प्रशासन पर बिगड़़ीं शोभा अहोतकर
विश्वेश्वरैया भवन में बुधवार को लगी भीषण आग की घटना के बाद मौके पर पहुंची गृह रक्षा वाहिनी एवं दमकल विभाग की महानिदेशक शोभा अहोतकर ने भीषण आग लगने का कारण शॉट सर्किट को माना‚ लेकिन इस दुर्घटना के लिए पटना पुलिस और प्रशासन पर वह बिगड़ गयीं। उन्होंने कहा कि पटना पुलिस मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तक का पालन नहीं करती। बड़ी मेहनत से विभाग ने एसओपी बनाया था‚ लेकिन स्थानीय प्रशासन और पुलिस उसे धूमिल कर रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस के समय पर नहीं पहुंचने से मौके पर बहुत सारे लोग जुट गये। स्थानीय लोगों की भीड़ से काम करने में काफी परेशानी हुई। उन्होंने याद दिलाया कि इससे पहले दीदारगंज अगलगी की घटना के वक्त भी ऐसा ही करना पड़ा था। अग्निश्मन विभाग को लोगों को हटाने में दो घंटे का वक्त लग गया था। अगर कोई बाहर का आदमी अंदर जाकर दुर्घटना का शिकार हो जाये तो फिर इसकी जवाबदेही कौन लेगा।