केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने दिल्ली की जहांगीरपुरी हिंसा मामले में गुरुवार को बड़ा बयान दिया है। उस हिंसा को लेकर अपने ट्विटर पर एक वीडियो भी जारी किया है। वीडियो में उन्होंने कहा है कि जहांगीरपुरी घटना के बाद देश में सनातन सामाजिक समरसता को बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है। गिरिराज ने देश के लिए एनआरसी (नेशनल रजिस्टर आफ सिटिजन्स) की मांग फिर दोहराई है।
आज जहाँगीपूरी घटना के बाद देश में सनातन सामाजिक समरसता को बिगाड़ने की जो कोशिश हो रही है इस माहौल में अब समय आ गया की एन आर सी (NRC) क़ानून लाना चाहिए,इस पर बहस सड़क से लेकर संसद तक होनी चाहिए …. pic.twitter.com/yLfuFueGUt
— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) April 21, 2022
बयान देने से पहले गिरिराज सिंह ने एक ट्वीट भी किया है। जिसमें उन्होंने लिखा है कि आज जहांगीरपूरी घटना के बाद देश में सनातन सामाजिक समरसता को बिगाड़ने की जो कोशिश हो रही है। इस माहौल में अब समय आ गया कि एन आर सी (NRC) क़ानून लाना चाहिए, इस पर बहस सड़क से लेकर संसद तक होनी चाहिए।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि जहांगीरपुरी के नाम पर सामाजिक समरसता को बिगाड़ने के लिए ये वही लोग हैं CAA के नाम पर देश का माहौल खराब करना चाहते थे। कभी शरिया कानून लाना चाहते हैं, कभी हिजाब आंदोलन करना चाहते, यही लोग रामनवमी के जुलूस पर पत्थर फेंकते हैं, तलवार उठाते हैं, एसपी पर गोली चलाते हैं और टुकड़े-टुकड़े गैंग उनके समर्थन में खड़े होते हैं। कभी मुर्तुजा के रूप में, गोरखपुर में मुख्यमंत्री के मन्दिरों पर हमला करने वाले लोग, सरजील इमाम भारत को तोड़ने की बात कर सकता है। आज जहांगीरपुरी के मामले पर देश में अब जरूरी हो गया है की एनआरसी कानून लाना चाहिए। एनआरसी कानून लाकर पूरे देश में पहचान पत्र मिलना चाहिए। सभी देशों में इस तरह की व्यवस्था है। भारत में भी होना चाहिए। इसके लिए एक माहौल बने, देश में बहस हो नहीं तो, आने वाले दिन में यह भारत में सामाजिक समरसता को तोड़ने की साजिश कर रहे हैं।
एनआरसी क्या है?
एनआरसी यानी नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन बिल का मकसद अवैध रूप से भारत में बसे घुसपैठियों को बाहर निकालना है। बता दें कि एनआरसी अभी केवल असम में ही पूरा हुआ है। जबकि देश के गृह मंत्री अमित शाह ये साफ कर चुके हैं कि एनआरसी को पूरे भारत में लागू किया जाएगा।
नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन बिल एक रजिस्टर है जिसमें भारत में रह रहे सभी वैध नागरिकों का रिकॉर्ड रखा जाएगा। बता दें कि एनआरसी की शुरुआत 2013 में सुप्रीम कोर्ट की देख-रेख में असम में हुई थी। फिलहाल यह असम के अलावा किसी अन्य राज्य में लागू नहीं है।
एनआरसी के तहत भारत का नागरिक साबित करने के लिए किसी व्यक्ति को यह साबित करना होगा कि उसके पूर्वज 24 मार्च 1971 से पहले भारत आ गए थे।
भारत का वैध नागरिक साबित होने के लिए एक व्यक्ति के पास रिफ्यूजी रजिस्ट्रेशन, आधार कार्ड, जन्म का सर्टिफिकेट, एलआईसी पॉलिसी, सिटिजनशिप सर्टिफिकेट, पासपोर्ट, सरकार के द्वारा जारी किया लाइसेंस या सर्टिफिकेट में से कोई एक होना चाहिए।
अगर कोई व्यक्ति एनआरसी में शामिल नहीं होता है तो उसे डिटेंशन सेंटर में ले जाया जाएगा जैसा कि असम में किया गया है। इसके बाद सरकार उन देशों से संपर्क करेगी जहां के वो नागरिक हैं। अगर सरकार द्वारा उपलब्ध कराए साक्ष्यों को दूसरे देशों की सरकार मान लेती है तो ऐसे अवैध प्रवासियों को वापस उनके देश भेज दिया जाएगा।