चीन और पाकिस्तान मिलकर अब कोरोना की तरह का एक नया वायरस बनाने में जुट गए हैं। ऑस्ट्रेलियाई पोर्टल द क्लेसॉन की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के निर्देश पर पाकिस्तान में ये घातक बायो वेपन बनाए जा रहे हैं।
वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी और पाकिस्तान की सेना के तहत काम करने वाली डिफेंस साइंस एंड टेक्नोलॉजी ऑर्गेनाइजेशन (डेस्टो) इस नए वायरस स्ट्रेन को बनाने में जुटी है। पाकिस्तान की जिस लैब में इसे डेवलप किया जा रहा है उसके पास बायो सेफ्टी लेवल-4 है, यानी इस लैब में घातक स्ट्रेन बनाए जा सकते हैं।चीन ऐसे वक्त में अपनी एक नयी हरकत पर ऊतारू हो गया है जब चीन में इन दिनों कोरोना तेजी से पांव पसार रहा है। कोरोना के मामले बढ़ने के कारण अधिकांश हिस्सों में लॉकडाउन लगा हुआ है। घरों में बंद लोग खाना और दवाइयों के लिए तरस रहे हैं।
वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि अगर चीन और पाकिस्तान के इस संयुक्त प्रोग्राम पर अगर अंतराराष्ट्रीय समुदाय ने जल्द रोक नहीं लगाई तो यहां से कोरोना से कई गुना घातक वायरस स्ट्रेन फैलेंगे जो दुनिया के लिए घातक साबित होंगे। इस पर रोक लगनी जरूरी चाहिए।
आपको बता दें कि चीन में शुक्रवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 3,400 से अधिक मामले सामने आए हैं इसके अलावा 20,700 ऐसे मामलों का भी पता चला जिनमें मरीजों में कोविड के कोई लक्षण नजर नहीं आए। संक्रमण के अधिकतर मामले शंघाई में आये जहां, पिछले दो सप्ताह से महामारी के प्रसार को काबू में लाने लॉकडाउन जारी है। स्थानीय लोगों में भोजन और स्वास्थ्य सेवाओं की आपूर्ति को लेकर अंसतोष बढ़ता जा रहा है।
गौरतलब है कि चीन के वुहान से 2019 में कोरोना वायरस संक्रमण का पहला मामला सामने आया था। बाद में कोरोना वायरस के संक्रमण ने वैश्विक महामारी का रूप ले लिया था। अब एक बार फिर यह उसी क्षेत्र में इतनी तेजी से बढ़ रहा है, जब बाकी दुनिया ने वायरस को लगभग नियंत्रित कर लिया है। शंघाई में स्थिति इतनी खराब होने लगी है कि आधिकारिक चीनी मीडिया ने भी जनता के असंतोष को उजागर करना शुरू कर दिया है।
इस पर रोक जरूरी
सिंगापुर यूनिवर्सिटी के डॉ. रयान क्लॉर्क ने बताया कि चीन और पाकिस्तान के इस बायो वेपन प्रोग्राम पर यदि अंतराराष्ट्रीय समुदाय ने जल्द रोक नहीं लगाई तो यहां से कोरोना से कई गुना घातक वायरस स्ट्रेन दुनिया के लिए घातक साबित होंगे। इस पर रोक लगनी जरूरी चाहिए।
चीन में 3.5 लाख नए कोरोना केस
चीन में मार्च के बाद से ओमिक्रॉन के नए केस तेजी से बढ़े हैं। इसके चलते 45 शहरों में लॉकडाउन लगाया है। इसे तोड़ने वालों पर जुर्माना और जेल की सजा का प्रावधान है। शंघाई में पिछले एक महीने से 2.6 करोड़ लोग लॉकडाउन के कारण घरों में कैद हैं। इसके कई वीडियो भी वायरल हो रहे हैं। इसमें दिख रहा है कि लोग अपने अपार्टमेंट की खिड़कियों से हेल्प-हेल्प चिल्ला रहे हैं और बता रहे हैं कि उनके पास खाने का सामान खत्म हो गया है।
मरीजों को भर्ती होना जरूरी पर दवाएं नहीं
चीन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने जीरो कोविड पॉलिसी लागू कर दी है। इसके तहत कोरोना मरीजों का अस्पताल में भर्ती होना जरूरी हो गया है। वहीं कई लोगों को होम आइसोलेट भी कर दिया गया है। इस वजह से यहां खाने और दवाओं की कमी हो गई है। शंघाई शहर के 50 से ज्यादा अस्थायी अस्पतालों में दवाएं नहीं हैं। साथ ही मेडिकल कर्मियों के पास पीपीई किट और मास्क नहीं हैं।
माओ पॉलिसी को रिपीट कर रहे हैं शी जिनपिंग
1953 में माओ ने अकाल का दोष गौरेया चिड़िया को माना था। जीरो स्पैरो की पॉलिसी जारी की गई थी। अब राष्ट्रपति जिनपिंग ने जीरो कोविड पॉलिसी लागू की है। चीनी अफसर पेट्स को मार रहे हैं। वायरल वीडियो में डॉग्स को मारते देखा जा सकता है।