हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने जमुई में विवादास्पद बयान दिया है. पूर्व सीएम ने जिले के सिकंदरा के लछुआर में बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती समारोह को लेकर आयोजित कार्यक्रम में मंच से संबोधित करते हुए कहा कि वह भगवान राम को नहीं मानते हैं. जीतन राम मांझी ने कहा कि माता शबरी के जूठे बेर भगवान राम ने खाया था, लेकिन अब बड़े लोग हमारा छुआ हुआ भी नहीं खाते हैं. उन्होंने कहा कि वह महर्षि वाल्मीकि और तुलसीदास को मानते हैं, लेकिन राम को नहीं मानते. पूर्व सीएम ने आगे कहा कि बड़े लोगों ने अपने शासन को स्वार्थ में बांट दिया है. जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार के उपराष्ट्रपति बनने की बात पर भी बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि धरातल पर ऐसा कुछ नहीं है.
जानकारी के अनुसार, जमुई जिले के सिकंदरा प्रखंड के लछुआर में आयोजित बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जयंती समारोह में शामिल होने के लिए पूर्व सीएम जीतन राम मांझी पहुंचे थे. अपने संबोधन में उन्होंने यह भी कहा कि यह कई बार कई लोगों ने कहा है कि बाहर के लोग इस देश में आकर कबीलों और मूल निवासियों पर शासन किया. जीतन राम मांझी ने यह भी कहा कि इस बात को पहले भी कई लोग बोल चुके हैं, लेकिन उसे कोई नहीं बोलता. मैं बोलता हूं तो मुझे लोग पागल कहते हैं. जीतन राम मांझी ने बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का हवाला देते हुए कहा कि अनुसूचित जाति के 22 जातियों में बेटी-रोटी का संबंध होना चाहिए. अगर बेटी-रोटी का संबंध युवा करते हैं तो 24 फ़ीसदी लोग यह तय कर लेंगे की बिहार की सत्ता उनके हाथ मे होगी दूसरे के हाथ में नहीं.