रूस-यूक्रेन जंग के 45 से ज्यादा दिन हो चुके हैं। इन दिनों में यूक्रेन के शहरों पर जो तबाही बरपी है उनसे पूरी मानवता को झकझोर दिया है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक, युद्ध शुरू के बाद से 45 लाख लोग यूक्रेन देश छोड़ चुके हैं। जिनमें 25 लाख से ज्यादा पड़ोसी देश पोलैंड पहुंचे हैं, जबकि बाकियों ने रोमानिया, हंगरी और मोल्दोवा का रुख किया।
दूसरी तरफ वर्ल्ड बैंक का अनुमान है कि इस साल यूक्रेन की अर्थव्यवस्था लगभग आधी हो चुकी है। 10 अप्रैल को जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, जंग की वजह से यूक्रेन की अर्थव्यवस्था को 45% से ज्यादा का नुकसान हुआ। वहीं, दुनिया भर के प्रतिबंधों से रूस की GDP में 11.2% गिरावट का अनुमान है।
जंग के बड़े अपडेट्स…
- यूक्रेन के अधिकारियों ने कहा कि रूसी सेना ने पूर्वी यूक्रेन में रविवार को भारी गोलाबारी की। जिसमें एक बच्चे सहित 10 नागरिकों की मौत हो गई। खार्किव के आसपास 11 अन्य घायल हो गए।
- यूक्रेनी आर्मी का दावा है कि उसने 10 अप्रैल को रूसी सेना के 3 UAV ड्रोन, 3 मिसाइल और 4 हेलिकॉप्टर मार गिराए।
- यूक्रेन के अलग अलग शहरों से 25 शवों को मुर्दाघर पहुंचाने के लिए इरपिन में एक जगह लाया गया।
- रूसी हमले के बीच मारियुपोल और लुहान्स्क से बीते रोज 2,800 से ज्यादा लोगों को निकाला गया।
- यूक्रेन की सरकार ने अलग अलग शहरों में तबाह हुए इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए 32 मिलियन डॉलर आवंटित किए।
इस जंग का अभी तक कोई भी नतीजा नहीं निकल सका है लेकिन यूक्रेन से तबाही की तस्वीरें लगातार सामने आ रही हैं। यूक्रेनी नागरिकों की लाशों से शहर पटे पड़े हैं। इस बीच खबर मिली है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने जनरल एलेक्सजेंडर दिवोर्निकोव को रूस का नया कमांडर बनाया है। ये वही जनरल हैं, जिन्होंने यूक्रेन के क्रामटोर्स्क में रेलवे स्टेशन पर मिसाइल हमले का आदेश दिया था।
जनरल एलेक्सजेंडर दिवोर्निकोव ही अब यूक्रेन में चल रहे रूसी सैन्य अभियानों की कमान संभालेंगे। दिवोर्निकोव के बारे में कहा जाता है कि वह बेहद आक्रामक और खूंखार हैं। बता दें कि रूस ने यूक्रेन में जल, थल और वायु सैन्य इकाइयों के तालमेल के लिए एक सेंट्रल कमान का गठन किया है।
मीडिया रिपोर्ट्स से ये पता लगा है कि सीरिया और अन्य युद्ध स्थलों पर एलेक्सजेंडर का व्यवहार काफी क्रूरता से भरा रहा है। एलेक्सजेंडर ने अपने करियर की शुरुआत साल 1982 में रूसी सेना में एक प्लाटून कमांडर के रूप में की थी। इसके बाद उन्होंने कई अहम भूमिकाएं रूसी सेना में निभाईं। साल 2015 में सीरिया में उन्होंने रूसी सेना का नेतृत्व किया था।
ये वो दौर था जब रूसी सेना ने पूर्वी अलेप्पो पर जमकर बम बरसाए थे, जिसमें कई नागरिकों को गंभीर नुकसान हुआ था। इसके बाद साल 2016 में एलेक्सजेंडर को द हीरो ऑफ रसिया मेडल से नवाजा गया था, जोकि रूस के सबसे बड़े अवॉर्ड में से एक है।
आज मॉस्को पहुंचेंगे ऑस्ट्रिया के चांसलर
ऑस्ट्रिया के चांसलर कार्ल नेहमर 11 अप्रैल यानी आज मॉस्को जाएंगे। इससे पहले उन्होंने 9 अप्रैल को कीव का दौर भी किया था। युद्ध शुरू होने के बाद चांसलर कार्ल नेहमर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से मिलने वाले यूरोपियन यूनियन के पहले नेता होंगे।


डोनबास पर फिर हमले की तैयारी में रूस
यूक्रेन के जनरल स्टाफ का कहना है कि रूस डोनबास में डिफेंस लाइन को तोड़ने के लिए हमले की तैयारी कर रहा है। उनका फोकस पोपसना, रुबिजने और न्याजने जैसे शहरों को कब्जाने पर है। इसके अलावा यूक्रेनी सेना के मुताबिक, रूस खार्किव पर एक फिर से हमला करना शुरू कर सकता है।


लुहांस्क का इंफ्रास्ट्रक्चर पूरी तरह बर्बाद
लुहांस्क के गवर्नर सेरही हैदई का कहना है कि रूसी हमले की वजह से शहर का बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर पूरी तरह से बर्बाद हो चुका है। 10 अप्रैल को भी रूसी हमले की चपेट में आकर दो रिहायशी इमारतें और एक क्लिनिक डैमेज हो गया।