आदित्यनाथ योगी ने शुक्रवार को लखनऊ में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर कई कीर्तिमान अपने नाम किए। आदित्यनाथ के साथ दो उपमुख्यमंत्रियों और ५० मंत्रियों ने शपथ ली। कुल ५२ सदस्यीय मंत्रिमंड़ल में १८ कैबिनेट मंत्री‚ १२ स्वतंत्र प्रभार और २० राज्यमंत्री ने शपथ ली। इस बार सिराथू सीट से विधानसभा चुनाव हारे पिछड़़ा वर्ग के केशव प्रसाद मौर्य पर पार्टी ने एक बार फिर भरोसा जताया। उनकी उपमुख्यमंत्री पद पर दोबारा ताजपोशी हुई है। अलबत्ता‚ भाजपा आलाकमान ने चौंकाते हुए पिछली सरकार के कई मंत्रियों का पत्ता काट दिया। खासकर पिछली बार उपमुख्यमंत्री का पद संभालने वाले दिनेश शर्मा को मंत्रिमंड़ल में जगह नहीं मिल सकी। उनकी जगह पर ब्रजेश पाठक को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है। वहीं‚ पिछली सरकार में मंत्री रहे श्रीकांत शर्मा‚ सिद्धार्थनाथ सिंह‚ आशुतोष टंड़न‚ नीलकंठ तिवारी‚ सतीश महाना‚ मोहसिन रजा‚ जय प्रताप सिंह सहित कुल २० से ज्यादा मंत्रियों को इस बार योगी २.० में जगह नहीं मिल सकी है। यानी साफ तौर पर इशारा यही है कि पिछली सरकार के मंत्रियों की परफार्मंस पर करीब से नजर रखी गई। मंत्रिमंड़ल में पांच महिलाओं को जगह देकर यह जताने की कोशिश की गई है कि कानून–व्यवस्था के मसले पर महिलाओं ने जितना भरोसा पार्टी पर दिखाया‚ उसे उसी रूप में मंत्रिमंड़ल में शामिल किया गया है। पिछली बार शिया समुदाय से मोहसिन रजा की जगह पर पार्टी नेतृत्व ने पसमांदा (पिछड़़ी) बिरादरी के हामिद अंसारी को मंत्री बनाकर बड़़ा दांव खेला है। भाजपा मिशन २०२४ पर ध्यान केंद्रित किए हुए है। इसी के मद्देनजर जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों का खास ख्याल रखा गया। वहीं पुराने मंत्रियों के सम्मान को भी बरकरार रखा गया है। जाटव समाज से बेबी रानी मौर्य और ओबीसी चेहरा रहे स्वतंत्र देव सिंह को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया। २०१९ के लोक सभा और इस बार के विधानसभा चुनाव में दलित और पिछड़़ा वर्ग ने भाजपा को झोली भर कर वोट दिए। अब २०२४ में होने वाले आम चुनाव में भी यही ट्रेंड़ रहे‚ इसलिए इन लोगों को मंत्रिमंड़ल में जगह दी गई है। यानी अगले १५–२० साल के लिए रोड़मैप की तैयारी भी मंत्रिमंड़ल की बनावट से की गई है॥।
2024 की तैयारी