भागलपुर में जहरीली शराब से मौत पर JDU विधायक गोपाल मंडल ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। इसके लिए पुलिस के बड़े अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि शराब पीने से 32 मौत हो या 50 मौत हो उससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। CM नीतीश कुमार ने बिहार की सभी शराब दुकान बंद कर दी है। शराब पकड़ाने के बाद सजा हो रही है। साहेबगंज के मामले पर कहा कि बताया जा रहा है कि SSP को फोन किया गया था, वो उठाए या नहीं, यह मुझे मालूम नहीं है। करीब-करीब थानेदार का सरकारी मोबाइल नाम का है। सरकारी मोबाइल बंद कर प्राइवेट नंबर से काम करते हैं। इसका जिम्मेदार ऊंचे पदाधिकारी हैं। जिला में कोई बदमाशी करेगा तो उसका जिम्मेदार एसपी और डीआईजी है। सरकारी मोबाइल ऑन नहीं रहता है। प्राइवेट नंबर से घटिया काम करते हैं। यानी लेनदेन करते हैं। इसकी लिखित आवेदन देकर सीएम से शिकायत करेंगे।
शराब मिलने के लिए पुलिस जिम्मेदार, सब मिले हुए हैं
शराब जो आता है यहां पर इसके लिए पुलिस जिम्मेदार है। सारे पुलिस महकमे के लोग शराब माफिया से मिले हुए हैं। साहेबगंज के लोग थानेदार को फोन कर रहे थे। लोकेशन भी दे रहे थे कि यहां पर शराब मिल रही है। लोकेशन भी दे रहे हैं पर थाने वालों ने कोई कार्रवाई नहीं है। इससे जाहिर होता है कि सभी पुलिस के लोग शराब माफिया से मिले हुए हैं।
बिहार में शराबबंदी है, फिर लोग शराब पी रहे हैं
विधायक गोपाल मंडल ने कहा कि बिहार में नीतीश कुमार ने शराबबंदी लागू कर दी है। इसके बाद भी लोग पी रहे हैं। कानून भी बन गया है, लोग जेल भी जा रहे हैं। पर लोग समझते नहीं है। वैसे भी शराब पीने से शरीर का सारा अंग खराब हो जाता है। लोगों को भी समझाना चाहिए। वहीं पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पर उन्होंने कहा कि सारा सिस्टम एक ही है। इस पर ज्यादा क्या बोलूं।