बिहार सरकार के पशुपालन मंत्री और विकासशील इंसान पार्टी के सुप्रीमो मुकेश सहनी फिलहाल बेहद मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं, लेकिन वे सधे कदमों से अपने प्रतिद्वंदियों के साथ ही सहयोगियों को भी हैरान कर रहे हैं। उनकी पार्टी ने ऐसा कदम उठाया कि उनके सहयोगी दल भाजपा के साथ ही राजद की भी चिंता बढ़ गई। मामला बोचहां के विधायक रहे मुसाफिर पासवान के बेटे अमर पासवान और राजद नेता रमई राम से जुड़ा हुआ है।
दिवंगत विधायक मुसाफिर पासवान के बेटे अमर पासवान को मुकेश सहनी बोचहांं सीट के लिए विधानसभा उप चुनाव में अपना उम्मीदवार बनाने वाले थे। अमर पासवान के लिए उन्होंने अपने सहयोगी दल भाजपा से लोहा लिया था। भाजपा ने इस सीट पर बेबी देवी को अपना उम्मीदवार बनाया है। इससे पहले कि सहनी अमर पासवान को औपचारिक तौर पर अपना उम्मीदवार घोषित करते वे, खुद ही वीआइपी को छोड़कर राजद की सदस्यता ग्रहण कर लिए। राजद उन्हें अपना उम्मीदवार बना चुका है। इसके थोड़ी ही देर में एक और महत्वपूर्ण घटनाक्रम हुआ है, जो रमई राम से जुड़ा है।
राजद नेता और बिहार सरकार के पूर्व मंत्री रमई राम अपनी बेटी को इस सीट से राजद को उम्मीदवार बनाना चाहते थे। तेजस्वी यादव ने अमर पासवान को अपनी पार्टी में शामिल कराने से पहले रमई राम को अपने आवास पर बुलाकर उनसे मुलाकात की और उन्हें समझाने की कोशिश की। लेकिन, इसका कोई फायदा होता दिख नहीं रहा है। तेजस्वी यादव से मिलने के बाद रमई राम अपनी बेटी के लिए टिकट के जुगाड़ में मुकेश सहनी के घर पहुंच गए। बताया जा रहा है कि सहनी रमई राम की बेटी को ही अब अपना उम्मीदवार बना चुके हैं। रमई राम की बेटी गीता देवी भाजपा और राजद दोनों ही उम्मीदवारों के सामने चुनौती बढ़ाएंगी। बोचहांं सीट से रमई राम कई बार चुनाव जीत चुके हैं। गीता देवी यहां लंबे समय से तैयारी में लगी थीं।