चारा घोटाला मामले में राजद सुप्रीमो लालू यादव की मुश्किलें अभी तक खत्म नहीं हुई है। डोरंडा कोषागार मामले में पांच साल की सजा मिलने के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय ने लालू पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है। यह मामला डोरंडा कोषागार घोटाला से जुड़ा हुआ है। इसमें सीबीआई विशेष कोर्ट ने लालू को पांच साल की सजा सुनाई है और वे अभी भी जेल में हैं। मामले में ईडी ने लालू समेत 75 अभियुक्तों पर केस दर्ज कर लिया है। साथ ही जांच एजेंसी ने मामला का अनुसंधान भी शुरू कर दिया है।
डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में सजा के बिंदु पर सुनवाई के दौरान ही सीबीआई विशेष न्यायाधीश ने ईडी को इस संबंध में आदेश जारी किया था। गत माह 15 फरवरी को ही इस केस में लालू प्रसाद व 74 अन्य अभियुक्त दोषी पाए गए थे। सजा के बिंदु पर सुनवाई के दौरान अदालत ने लालू प्रसाद को पांच साल का सश्रम कारावास व 60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। अदालत ने यह भी निर्देश दिया था कि सभी दोषी व वैसे अभियुक्त जिनकी पूर्व में ट्रायल के दौरान मौत हो चुकी है, उनके विरुद्ध भी मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम में अनुसंधान करें। ईडी कानून सम्मत कार्रवाई करते हुए अवैध तरीके से अर्जित की गई चल-अचल संपत्ति को जब्त कर सकता है।
डोरंडा कोषागार चारा घोटाला का सबेस बड़ा मामला है। यह मामला करीब 950 करोड़ का है। पूर्व में दुमका कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित दो कांडों को ईडी ने टेकओवर कर जांच शुरू किया था। लालू उन 19 अभियुक्तों में शामिल हैं, जिनपर दुमका कोषागार से 3.76 करोड़ रुपये की अवैध निकासी के आरोपों की पुष्टि के बाद सजा हुई थी। तब अदालत ने उक्त केस के उन 13 मृत अभियुक्तों के खिलाफ भी मनी लौंडिंग अधिनियम में अनुसंधान का निर्देश दिया था और वर्ष 1990 के बाद अर्जित संपत्ति को जब्त करने का आदेश दिया था।