बोधगया स्थित बौद्ध धर्मावलंबियों के पवित्र धार्मिक स्थल महाबोधि मंदिर में बम बरामदगी के मामले में अपना अपराध कबूल करने वाले एक विदेशी नागरिक को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने शुक्रवार को १० वर्षों के कठोर कारावास के साथ कुल ३८ हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। विशेष न्यायाधीश गुरविंदर सिंह मल्होत्रा ने अभियुक्त जहीदुल इस्लाम उर्फ कैसर के कबूलनामे पर ९ फरवरी २०२२ को सुनवाई करने तथा आरोपी का बयान दर्ज करने के बाद उसे भारतीय दंड विधान की धारा १२१ ‚१२२‚ १२३‚ विधि विरुद्ध क्रियाकलाप अधिनियम की धारा १६‚ १८‚ १८बी‚ विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा ४‚ ५ तथा विदेशी नागरिक अधिनियम की धारा १४ के आरोपों के तहत दोषी पाया था। अदालत ने शुक्रवार को सजा के बिंदु पर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान दोषी ने अदालत में कहा कि मुझे अपने किये पर पश्चाताप है। भविष्य में मैं ऐसी गलती नहीं दोहराउंगा। अभियुक्त ने सजा पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने और कम से कम सजा देने का अनुरोध किया था। सजा के बिंदु पर सुनवाई के बाद विशेष अदालत ने दोषी को उपरोक्त सजा सुनाई है। जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर दोषी को कुल १० महीने की कारावास की सजा अलग से भुगतनी होगी। महाबोधि मंदिर परिसर में बम विस्फोट की घटना १९ जनवरी २०१८ की है‚ जब मंदिर में बौद्ध धर्मावलंबियों की निगमा पूजा चल रही थी। इस पूजा में बौद्ध धर्म के पावन गुरु दलाई लामा के अलावा कई देशों के धर्मावलंबी एवं विशिष्ट अतिथि शामिल थे। इसी दौरान मंदिर परिसर में कालचक्र मैदान के निकट एक थर्मस फ्लास्क बम का आंशिक विस्फोट हुआ था। इसके बाद स्थानीय पुलिस द्वारा की गई तलाशी में मंदिर परिसर से दो केन बम भी बरामद किये गये थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच एनआईए को सौंपी गई थी। एनआईए ने ३ फरवरी २०१८ को जांच अपने हाथ में लेने के बाद नौ अभियुक्तों के खिलाफ आरोप–पत्र दाखिल किया था‚ जिनमें से आठ अभियुक्तों ने अपना अपराध कबूल कर लिया था। इसके बाद १७ दिसम्बर २०२२ को विशेष अदालत ने इनमें से तीन अभियुक्तों को उम्रकैद तथा पांच अभियुक्तों को १० वर्षों के कठोर कारावास की सजा सुनाई थी। नौवें आरोपी जहीदुल ने उस समय अपना अपराध कबूल करने की पेशकश नहीं की थी। अभियुक्त जहीदुल बांग्लादेश का नागरिक है। गौरतलब है कि इस घटना से पूर्व भी महाबोधि मंदिर परिसर में वर्ष २०१३ में बम विस्फोट की घटना हुई थी। इसकी जांच भी एनआईए ने की थी और इसी विशेष अदालत से उस मामले के पांच अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।
क्या भाजपा और कांग्रेस क्षेत्रीय दलों को खत्म करने पर आमादा हैं!
दिल्ली विधानसभा चुनाव से कई बातों का खुलासा हुआ है. अव्वल यह कि एकजुट हुए बिना विपक्ष का भाजपा से...