मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज एवं अस्पताल तथा राजकीय तिब्बी कॉलेज एवं अस्पताल का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज एवं अस्पताल परिसर के भ्रमण के दौरान द्रव्य गुण विभाग‚ संग्रहालय‚ प्रयोगशाला‚ सभागार कथा‚ औषधि पैकिंग का‚ ओपीडीएस शल्य चिकित्सा‚ पंचकर्म विभाग‚ राजकीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी औषधि निर्माणशाला सहित अन्य चीजों का निरीक्षण कर विस्तृत जानकारी ली। मुख्यमंत्री को द्रव्य गुण विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. भगवान सिंह एवं सहायक प्राध्यापक ड़ॉ. रमण रंजन ने औषधियों के उपयोग‚ विशेषता एवं उसके लाभ के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि औषधियों के निर्माण के लिये ज्यादातर जडी–बूटियां राजगीर तथा बिहार के अन्य हिस्से से ही उपलब्ध हो जाती हैं। राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज एवं अस्पताल में आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति से लोग इलाज करा रहे हैं और काफी संख्या में लोग इससे लाभान्वित भी हो रहे है। मुख्यमंत्री ने राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज एवं अस्पताल भ्रमण के पश्चात राजकीय तिब्बी कॉलेज एवं अस्पताल परिसर का भ्रमण कर स्नातकोत्तर निर्माणाधीन भवन का भी निरीक्षण किया।
राजकीय कॉलेज एवं अस्पताल परिसर के कक्ष में आयुष प्रक्षेत्र की समीक्षात्मक बैठक हुई। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज एवं अस्पताल तथा राजकीय तिब्बी कॉलेज एवं अस्पताल के एकेडमिक्स इनफास्ट्रक्चर एवं यहां दी जा रही चिकित्सिकीय सेवाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
प्रस्तुतीकरण के क्रम में मुख्यमंत्री को बताया गया कि राजकीय तिब्बी कॉलेज एवं अस्पताल देश का पहला सरकारी तिब्बी कॉलेज एवं अस्पताल है जिसकी स्थापना २० जुलाई १०२० को की गयी थी। वहीं राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज एवं अस्पताल देश के पुराने आयुर्वेदिक संस्थानों में से एक है‚ जिसकी स्थापना २८ जुलाई १६०० को की गयी थी। मुख्यमंत्री के समय राजकीय आरटीए होम्योपैथिक चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल‚ मुजफ्फरपुर‚ राजकीय महारानी रमेश्वरी भारतीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान‚ दरभंगा तथा राजकीय अयोध्या शिवकुमारी आयुर्वेदिक चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल‚ बेगूसराय के मास्टर प्लान का भी प्रस्तुतीकरण दिया गया। प्रस्तुतीकरण के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज एवं अस्पताल तथा राजकीय तिब्बी कॉलेज एवं अस्पताल विशिष्ट एवं बेहतर बनाने के लिए योजना बनाकर काम करें। भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए इस संस्थान को और महत्वपूर्ण बनाना है। यहां विशेषज्ञों को भी बुलाकर चिकित्सा पद्धति को और बेहतर बनाने के लिए काम करें ताकि लोगों के इलाज में किसी प्रकार की कोई दिक्कत न हो। उन्होंने कहा कि यदि डॉक्टरों व चिकित्साकर्मियों की संख्या बढाने की जरूरत हो तो इसे बढाएं साथ ही अन्य जरूरी सुविधाओं हेतु सभी इंतजाम करें रिसर्च विंग को भी प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद की जडी बूटियों का नाम संस्कृत और हिन्दी में ही रखें ताकि लोगों को इसकी जानकारी में सहूलियत हो। राजगीर में आयुर्वेदिक औषधियों के पौधे को विशेषज्ञों द्वारा चित्रित कर उन्हें रखें। जिसका प्रयोग लोग दवा के रूप में करते हैं। उन्होंने कहा कि हमलोग एलोपैथिक के साथ–साथ आयुर्वेदिक‚ होम्योपैथिक एवं यूनानी चिकित्सा पद्धति को बेहवर बनाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं‚ ताकि लोगों को इलाज में सहूलियत हो।
निरीक्षण के दौरान शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे‚ पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार बिहार चिकित्सा सेवाएं एवं आधारभूत संरचना निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संजय कुमार सिंह‚ निदेशक राज्य आयुष समिति अरविंदर सिंह‚ मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह‚ राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज एवं अस्पताल के प्राचार्य डॉ. सम्पूर्णानंद तिवारी‚ राजकीय तिब्बी कॉलेज एवं अस्पताल के प्राचार्य डॉ. तबरेजरलारी सहित अन्य अधिकारीगण एवं वरीय प्राध्यापक एवं चिकित्सक उपस्थित थे।