मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को शराबबंदी मसले पर ७ घंटे तक मैराथन बैठक की। इसके बाद उन्होंने कहा कि शराबबंदी के क्रियान्वयन में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। जिन्हें जिम्मेवारी दी गई है वह पूरी मुस्तैदी एवं मनोयोग के साथ काम करें। न राज्य में दारू आने देंगे और न दारू किसी को पीने देंगे इसी मानसिकता के साथ काम करें। जो भी सरकारी अधिकारी‚ कर्मचारी गडबड करते हैं उन पर सख्त से सख्त कार्रवाई करें। समाज में कुछ गडबड करने वाले लोग होते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ज्यादातर लोग अच्छे होते हैं। गडबड करने वाले चंद लोग होते हैं। उनकी पहचान कर ऐक्शन लें। कोई भी व्यक्ति किसी से संबद्ध हो यह मायने नहीं रखता है‚ पूरी पारदर्शिता के साथ उन पर कार्रवाई करें। सभी लोगों पर नियमानुसार कार्रवाई करें किसी को छोडना नहीं है। वास्तविक रूप से शराब के धंधे में लिप्त लोगों की गिरफ्तारी हर हालत में हो। पटना राजधानी है यहां विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है। नीतीश ने कहा कि २६ नवम्बर को नशामुक्ति दिवस पर सभी विधायकों‚ विधान पार्षदों‚ सरकारी अधिकारियों‚ कर्मचारियों‚ चौकीदारों को एकबार पुनः शराबबंदी को लेकर मजबूती से शपथ दिलाएं। सभी को संकल्प लेकर शराबबंदी को कारगर बनाने के लिए एकजुट होकर काम करना है। नीरा उपयोगी है न सिर्फ इसका स्वाद अच्छा है बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। इससे लोगों की आमदनी भी बढेगी और रोजगार भी मिलेगा। सतत जीविकोपार्जन योजना के तहत मिलने वाले लाभार्थियों की सही पहचान कर उन्हें इसका लाभ दिलाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कॉल सेंटर में कॉल करने वाले लोगों की गोपनीयता बरकरार रखें और इसका बेहतर क्रियान्वयन करें। शिकायतकर्ता की संतुष्टि और शिकायतों के निष्पादन के संबंध में पूरी तरह से एक्टिव रहें। बिजली के पोल तथा ट्रांसफार्मर पर कॉल सेंटर का नंबर हर जगर अंकित होना चाहिए। बॉर्डर एरिया से शराब सप्लाई के रूट्स को आइडेंटिफाई करें और रिकवरी और रेड लगातार करें। एडीजी/ आईजी/ डीआईजी स्तर के पदाधिकारियों द्वारा नियमित रूप से क्षेत्र भ्रमण कर समीक्षा करें और जमीनी ऐक्शन का जायजा लें। गृह विभाग तथा मद्य निषेध द्वारा आंतरिक सतर्कता विंग व्यवस्था करें ताकि विभागीय अधिकारियों/ कर्मियों पर भी नियमित नजर रखें। १५ दिन में जिलाधिकारी एवं वरीय पुलिस अधीक्षक/ पुलिस अधीक्षक‚ उत्पाद अधीक्षक एवं लोक अभियोजक एक बार साथ बैठक कर शराबबंदी के क्रियान्वयन को लेकर समीक्षा अवश्य करें। जिलों के प्रभारी मंत्री और प्रभारी सचिव महीने में एक बार जिलों के विकास कायोंर् की समीक्षा करने के दौरान शराबबंदी के क्रियान्वयन की भी समीक्षा करें। सभी थानों में चौकीदारों पर विशेष नजर रखें और उन्हें गांव के संबंध में पूरी सूचना देने के लिए कहें। जिन थाना प्रभारियों के कार्य में शिथिलता पायी गई हैं उन्हें १० वर्षों तक थाना प्रभारी नहीं बनाए जाने का निर्देश दिया गया था‚ इस पर पूरी सख्ती से अमल करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि विधि व्यवस्था एवं अपराध नियंत्रण के लिए हर हालत में काम करना है। लेकिन शराबबंदी के नियंत्रण के लिए उतनी ही मुस्तैदी के साथ काम करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं एवं नगर निकायों में महिलाओं को ५० प्रतिशत का आरक्षण दिया गया है। उन सभी जनप्रतिनिधि महिलाओं‚ अन्य संस्थाओं एवं जीविका के माध्यम से लोगों को शराब सेवन से होने वाली हानि के बारे में जागरूक करें। गांधी जी के मद्य निषेध के बारे में भी उनके विचारों का व्यापक प्रचार–प्रसार करें। पेंटिंग‚ नुक्कडÃ नाटक एवं अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को शराब से होने वाली हानि के संबंध में जागरूक करें। शराब सेवन से छूटकारा के लिए अस्पतालों में बनाए गए नशामुक्ति केंद्र में जाने के लिए लोगों को प्रेरित करें।