बिहार में विधानसभा की दो सीटों कुशेश्वरस्थान और तारापुर सीट पर होने वाले उपचुनाव में प्रचार को लेकर मंगलवार को पटना पहुंचे लोक जनशक्ति पार्टी के सांसद चिराग पासवान ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखे हमले किए। चिराग पासवान ने लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के बैनर तले अपने समर्थक को दोनों सीटों पर प्रत्याशी बनाया है। चिराग ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जीते जी रामविलास पासवान को अपमानित करते रहे, अब उनकी मौत के बाद भी वह दिवंगत नेता को अपमानित कर रहे हैं।
पटना के जय प्रकाश नारायण हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बात करते हुए लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा, ‘बिहार के मुख्यमंत्री ने हमेशा मेरे पिता रामविलास पासवान का अपमान किया है।’ चिराग यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि रामविलास पासवान की पुण्यतिथि पर जेडीयू कोटे के मंत्री ने बड़े-बड़े दावे किये। स्मारक बनाने, प्रतिमा लगाने, रोड का नामकरण और राजकीय अवकाश की घोषणा का वादा किया गया, लेकिन इनमें से किसी एक वादे को भी सरकार ने पूरा नहीं किया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जीते जी रामविलास पासवान का अपमान किया और अब मरणोपरांत भी उन्हें अपमानित कर रहे हैं।’
चिराग पासवान ने कहा कि चुनाव आयोग ने हमारी पार्टी को लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) का नाम दिया है। इससे स्पष्ट हो गया है कि रामविलास पासवान का असली उत्तराधिकारी कौन है। पार्टी के इस नाम के साथ हम बेहतर काम करेंगे। प्रभारियों की नई टीम बनाई जा रही है। विधानसभा में किसे चुनाव प्रभारी बनाया जायेगा, इसपर विचार हो रहा है। जल्द ही इसकी घोषणा की जाएगी।
चिराग पासवान ने दावा किया कि उपचुनाव में विधानसभा की दोनों सीटों पर उनकी पार्टी के प्रत्याशी जीत दर्ज करेंगे। चिराग ने बताया कि दुर्गा पूजा के बाद लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता और कार्यकर्ता दरभंगा के कुशेश्वरस्थान और मुंगेर के तारापुर विधानसभा क्षेत्र में कैंप करेंगे। इन दोनों सीटों पर एलजेपी (रामविलास) के उम्मीदवारों की जीत तय है।
पासवान की पुण्यतिथि पर राजनीति?
लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के संस्थापक रामविलास पासवान की पहली पुण्यतिथि के मौके पर दिल्ली से लेकर पटना तक कार्यक्रम आयोजित हुए। बिहार में एलजेपी कार्यालय में उनके भाई और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस की पार्टी राष्ट्रीय एलजेपी द्वारा कार्यक्रम आयोजित किए गए तो दिल्ली में उनके पुत्र और सांसद चिराग पासवान द्वारा कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस मौके पर सियासत भी खूब हुई, लेकिन बिहार की सियासत में यह सवाल उठाया जाने लगा है कि एलजेपी के दोनों गुटों का यह शक्ति प्रदर्शन तो नहीं? वैसे, इतना तो साफ है कि दोनों गुटों ने इस पुण्यतिथि के मौके पर रामविलास पासवान के नाम को साधने की जमकर कोशिश की।
चिराग पासवान के दिल्ली में आयोजित शज़कसभा कार्यक्रम में आरजेडी के प्रमुख लालू प्रसाद और कांग्रेस के नेता राहुल गांधी सहित वामपंथी नेता भी पहुंचे और रामविलास की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान सभी नेताओं ने चिराग पासवान से मुलाकात की। नेताओं की आपस में क्या बात हुई यह तो मालूम नहीं चल पाया, लेकिन लालू प्रसाद ने रामविलास पासवान को गरीबों का मसीहा बताया तथा कहा कि अब सारी जिम्मेदारी चिराग पासवान के ऊपर है। उन्होंने चिराग को आशीर्वाद भी दिया। उल्लेखनीय है कि बिहार की दो विधानसभा सीटों (तारापुर और कुशेश्वरस्थान) के लिए हो रहे उपचुनाव में आरजेडी और कांग्रेस के बीच समझौता नहीं हो पाया है। इन दोनों दलों ने दोनों सीटों पर अपने-अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि चिराग की पार्टी एलजेपी (रामविलास) ने भी अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं। इधर, चिराग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में राहुल और लालू प्रसाद साथ जरूर दिखे, लेकिन बिहार कांग्रेस और आरजेडी में तल्खियां बढ़ी हैं। बिहार कांग्रेस ने आरजेडी पर गठबंधन धर्म नहीं मानने का आरोप भी लगाया है।
गौरतलब है कि इन नेताओं की पुण्यतिथि के मौके पर मुलाकात तब हुई है जब एलजेपी के दोनों गुटों को चुनाव आयोग ने चुनाव चिन्ह और पार्टी का नाम भी दे दिया है। दूसरी ओर, कहा जा रहा है कि रामविलास पासवान की पहली पुण्यतिथि के मौके पर चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति पारस के बीच एक तरह का शक्ति प्रदर्शन भी देखने को मिला।
पटना में पशुपति पारस की ओर से आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल फागू चौहान और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावा आरजेडी नेता तेजप्रताप यादव भी पहुंचे। अब इन मुलाकातों के सियासी मायने लगाए जाने लगे हैं। इधर, कई स्थाानों पर केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस कहते हैं कि रामविलास पासवान की पहली पुण्यतिथि केवल दिल्ली और पटना में ही नहीं गांवों में भी मनाई जा रही है। इसमें कोई अलग बात नहीं है। उन्होंने कहा कि रामविलास जन-जन के नेता रहे हैं।