मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को अधिकारियों को गंगा जल उद्वह योजना को तय समय में पूरा कराने का निर्देश दिया। इस योजना के शुरू होने से लोगों को सुचारुû रूप से पेयजल की आपूर्ति हो सकेगी। ॥ मुख्यमंत्री मंगलवार को गंगा जल उद्वह योजना की समीक्षा को लेकर हॉकी मैदान राजगीर पहुंचे थे। राजगीर पहुंचने पर मुख्यमंत्री का जदयू सांसद कौशलेंद्र कुमार व अन्य कार्यकर्ताओं ने गुलदस्ता भेंट कर स्वागत किया। मुख्यमंत्री गंगा जल उद्वह योजना की सड़क मार्ग से समीक्षा करते हुए बनगंगा के रास्ते गया के लिए रवाना हो गये। बता दंे कि यह योजना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है। वे इस योजना को जल्द से जल्द पूरा कराने के लिए कृतसंकल्प हैं। ताकि भू–जल की कमी को दूर कर लोगों को पेयजल आपूर्ति हो सके। गौरतलब है कि गंगा जल उद्वह परियोजना के तहत कुल १९० किलोमीटर लंबी वाली पाइप लाइन हाथीदह से सरमेरा‚ बरबीघा होते हुए गिरियक के घोड़ा कटोरा लायी जायेगी। २९३ एकड़ में बन रही इस परियोजना के लिए काम काफी तेजी से शुरू कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गया के मानपुर प्रखंड के अबगिला में बन रहे वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण करने पहुंचे। उन्होंने फल्गु नदी के देवघाट में बन रहे रबर डैम का जायजा भी लिया। मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए। सुरक्षा को लेकर तीन सौ से अधिक जवानों को लगाया गया। साल 2020 में मुख्यमंत्री बनने के बाद नीतीश कुमार पहली बार गया पहुंचे। इसके पहले मुख्यमंत्री ने राजगीर में विभिन्न विकास योजनाओं का जायजा लिया। फिर, सड़क मार्ग से गया पहुंचे।
गंगा जल उद्वह योजना मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना है। सीएम के अबगिला जाने को लेकर सड़क की मरम्मत की गई है। वहां गंगा जल को शुद्ध करने के लिए वाटर ट्रीटमेंट का निर्माण हो रहा है। काम करीब 70 फीसद पूर्ण हो गया है। मोहरा प्रखंड के तेतर में रिजर्वायर बनाया गया है। उधर फल्गु नदी में बन रहे रबर डैम में पानी का ठहराव होगा। इससे पिंडदानियों को सालभर तर्पण के लिए गंगा जल उपलब्ध हो सकेगा। बता दें कि बेगूसराय के मराची से पाइपलाइन के सहारे गया तक गंगा का पानी लाया जाना है। पाइपलाइन की लंबाई करीब 149 किलोमीटर है। यह बेगूसराय के मराची से मोकामा, सरमेरा, बरबीघा, शेखोपुरसराय, कतरीससराय, घोड़ा कटोरा होते हुए अबगिला पहाड़ी तक पहुंचेगी। इससे शहरवासियों को भी मार्च 2022 तक गंगा का पानी पेयजल के रूप में मिल सकेगा। ऐसे में पेयजल संकट की समस्या दूर हो जाएगी। मुख्यमंत्री इस योजना को लेकर काफी गंभीर है। समय-समय पर वे इन योजनाओं का जायजा लेते रहते हैं। इसी क्रम में वे गया पहुंचे।
मानपुर प्रखंड के अबगिला में बन रहे वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को देखने के दौरान सीएम नीतीश कुमार के साथ में रहे विभाग के अधिकारियों व निर्माण एजेंसी से जुड़े अभियंताओं को जरूरी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री यहां प्लांट के हर तरफ पहुंचकर वहां चल रहे काम को देखा। इस बीच गंगा के पानी को शुद्ध करने के लिए बनाए जा रहे संरचनाओं, टर्नल व वहां से पुन: पाइपालाइन के जरिए शहरवासियों तक पहुंचने वाले पेयजल की पूरी प्रक्रिया के बारे में जानकारी ली। करीब आधा घंटा तक इस साइट पर रूकने के बाद सीएम का काफिला शहर के सीता कुंड की तरफ निकल गया। इससे पहले अबगिला पहुंचे सीएम नीतीश कुमार का अभिनंदन मगध कमिशनर मयंक वरवड़े ने बुके देकर किया।
सीता कुंड पहुंचने से पहले सीएम बाइपास पुल पर गए। यहां से उन्होंने समूचे फल्गु नदी का नजारा देखा। नदी में बह रही पानी की धारा के बारे में जानकारी ली। यहां पर रबर डैम की योजना के बारे में अधिकारी से चर्चा की। करीब पांच मिनट तक पुल पर रूकने के बाद सीएम नीतीश कुमार सीता कुंड पहुंचे। यहां फल्गु नदी की तट पर विभाग के वरीय अधिकारियों के साथ विस्तार से रबर डैम की याेजना व इससे होने वाले लाभ के बारे में बातचीत की। विभाग के वरीय अभियंताओं, पदाधिकारियों से रबर डैम तक पहुंचने वाले गंगा के पानी को लेकर अब तक हुए काम के बारे में जानकारी ली। इस बीच सीएम खूद अधिकारियों को रबर डैम की तकनीक को बारिकी से समझा रहे थे। उन्होंने वर्तमान समय में नदी के बहाव व गर्मी के दिनों में जब फल्गु सूख जाती है उस समय इस विशेष डैम तक पानी के ठहराव को लेकर बातचीत की।
सीएम के इस पूरे निरीक्षण कार्यक्रम में पटना से आए सीएम के प्रधान सचिव दीपक कुमार, सीएम के प्रधान सचिव चंचल कुमार, सीएम के सचिव अनुपम कुमार, आपदा प्रबंधन के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत, नगर विकास के प्रधान सचिव आनंद किशोर, जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव संजीव हंस, सीएम के निजी सचिव दिनेश कुमार साथ में थे। जिला से मगध कमिश्नर मयंक वरवड़े, आईजी अमित लोढ़ा, डीएम अभिषेक सिंह, एसएसपी आदित्य कुमार, सिटी एसपी राकेश कुमार, डीडीसी सुमन कुमार, डीपीआरओ शंभुनाथ झा, सदर एसडीओ इंद्रवीर कुमार व दूसरे अफसर मौजूद थे।