मोदी सरकार ने अमेजन से अनुकूल आनलाइन बाजार बनाने के लिए 60 हजार करोड़ रुपये लिए हैं। यह आरोप पूर्व केंद्रीय मंत्री व वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुबोधकांत सहाय ने लगाए हैं। सहाय ने कहा कि अमेजन व छह अन्य कंपनियों ने मिलकर अपने हित में कानून बनाने के लिए यह रकम रिश्वत के रूप में दी। कंपनियों ने यह बात स्वीकार भी की है। उन्होंने कहा यही वो सरकार है जो यूपीए सरकार के वक्त 45 फीसद प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर गला फाड़ती थी आज इसे बढ़ाकर शत प्रतिशत कर दिया है। गलत नीतियों की वजह से देश में बेरोजगारों की संख्या और 14 करोड़ बढ़ गई है।
फेरी वाले और छोटे दुकानदार हो जाएंगे बर्बाद
उन्होंने कहा कि अमेजन का कारोबार बढ़ने से फेरी वाले और छोटे दुकानदार बरबाद हो जाएंगे। भूखमरी का शिकार हो जाएंगे। गरीबों की रोजी-रोटी छीनने की मोदी सरकार की यह साजिश है। सहाय ने कहा के केंद्र की मोदी सरकार की नई आर्थिक नीति है खाएंगे, खिलाएंगे और लूट मचाएंगे। प्रेस कांफ्रेंस में मदन मोहन झा, राजेश राठौर, असितनाथ तिवारी, ज्ञान रंजन, कुंतल कृष्ण, अमिता भूषण मौजूद रहीं।
लखीमपुर कांड के विरोध में कांग्रेस ने दिया था मौनव्रत धरना
उत्तरप्रदेश के लखीमपुर खीरी कांड के विरोध में बिहार कांग्रेस ने मौनव्रत धरना दिया। आयकर गोलंबर पर हुए इस मौनव्रत कार्यक्रम में बिहार कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास सहित प्रदेश कांग्रेस के तमाम वरीय नेता शामिल हुए।
मौनव्रत धरना के बाद बिहार कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास ने कहा कि केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र के पुत्र ने शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे किसानों के खिलाफ बर्बर रवैया अपनाया। इसके बावजूद गिरफ्तारी में विलंब किया गया। मंत्री को केंद्रीय मंत्रिमंडल से बर्खास्तगी तक नहीं किया गया। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी के आंदोलन के प्रयासों के फलस्वरूप हत्यारोपी की गिरफ्तारी संभव हो सकी। आरोप लगाया कि केंद्र सरकार गूंगी-बहरी हो चुकी है। इसलिए आज कांग्रेसजनों ने मौन व्रत किया ताकि केंद्र सरकार को सद्बुद्धि मिल सके।
प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा ने कहा कि इतने जघन्यतम अपराध के बावजूद केंद्रीय मंत्रिमंडल से हत्यारोपित के पिता को बर्खास्त नहीं किया गया। इससे यह साफ है कि मोदी सरकार हत्यारोपी को कानूनी लाभ और राजनीतिक संरक्षण देने की कोशिश कर रही है। मौनव्रत धरना में विधायक दल के नेता अजित शर्मा, कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी, डॉ. समीर कुमार सिंह, श्याम सुंदर सिंह धीरज, पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार, पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष चन्दन बागची, डॉ. शकील अहमद, विधान पार्षद प्रेमचन्द्र मिश्रा, विधायक राजेश कुमार, सिद्धार्थ सौरभ, आनंद शंकर, मुरारी गौतम, अजय कुमार सिंह, संतोष मिश्रा, संजय तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी, आबिदुर रहमान, विश्वनाथ राम, अवधेश कुमार सिंह, मीडिया विभाग के चेयरमैन राजेश राठौड़, अमिता भूषण, संजीव टोनी, कपिलदेव प्रसाद यादव, ऋषि मिश्रा, लाल बाबू लाल, गजानंद शाही, आनंद माधव, असित नाथ तिवारी समेत प्रदेश इकाई के दर्जनों नेता मौजूद थे।