ललन सिंह के पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार JDU के तमाम प्रकोष्ठ के प्रभारियों की महत्वपूर्ण बैठक 9 सितम्बर को JDU दफ्तर में होने वाली है. इस बैठक को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. खबर है कि संगठन में कई ऐसे लोगों को जिम्मेदारी दे दी गई है जिनका काम संतोषजनक नहीं रहा है ऐसे लोगों को चिन्हित किया जा चुका है और माना जा रहा है कि ऐसे लोगों की छुट्टी भी की जा सकती है.
इसके साथ ही तमाम प्रकोष्ठ के प्रभारी से ये भी पूछा जाएगा कि आपने जिम्मेदारी मिलने के बाद क्या किया और आगे क्या करने वाले हैं. सूत्र ये भी बताते हैं कि संगठन में बड़ी संख्या में आरसीपी सिंह के समर्थक हैं जो संगठन में कई अहम पदों पर हैं, ऐसे में इनमें से कुछ लोगों पर गाज गिर सकती है. इसकी वजह ये भी बताई जा रही है कि संगठन में कई लोगों को बड़ी जिम्मेदारी दे दी गई लेकिन वो उसके हकदार नहीं थे, ऐसे लोग अब ललन सिंह के निशाने पर हैं.
JDU के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने बातचीत करते हुए इसका साफ-साफ इशारा किया. उमेश साथ में ये भी बताना नही भूले कि ऐसे लोगों की पहचान की जाएगी और अगर उनका काम संतोषजनक नहीं रहा तो उन पर कार्रवाई भी होगी. उमेश कुशवाहा ने ये भी बताया कि संगठन में कौन क्या कर रहा है, सबका लेखा-जोखा लिया जा रहा है. गौरतलब है की JDU में 32 प्रकोष्ठ हैं जिनके अध्यक्षों को JDU दफ्तर में नौ सितंबर को बुलाया गया है. सभी को अपना लेखा-जोखा JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के सामने देना है. माना जा रहा है कि उतर संतोष जनक नहीं रहा तो उनके लिए खतरे की घंटी बज सकती है क्योंकि ललन सिंह ने साफ कर दिया है जो काम करेंगे उन्हें ही जिम्मेदारी दी जाएगी.