JDU में नए अध्यक्ष की घोषणा के साथ ही बिहार में विपक्ष ने पलटवार किया है। RJD की प्रवक्ता रितु जायसवाल ने कहा, ‘मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आरसीपी जैसे पहले और दूसरे नंबर के नेता जब अध्यक्ष रहे, तब पार्टी तीसरे नंबर पर चली गई। अब तीसरी कतार के नेता को अध्यक्ष बनाया है तो पार्टी का क्या हाल होगा, सोचिए। अध्यक्ष बदलने से JDU का कोई भला नहीं होगा। कहीं JDU खत्म ही न हो जाए’।
कांग्रेस ने कहा – JDU में बड़ी टूट होना तय
कांग्रेस के मीडिया विभाग के चेयरमैन राजेश राठौड़ ने कहा है कि JDU में चल रही गुटबाजी और अंतर्कलह को लेकर ललन सिंह को अध्यक्ष बनाया गया है। उनके अध्यक्ष बनने पर JDU के दो धड़े नाखुश नजर आ रहे हैं। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि नीतीश कुमार, ललन सिंह को अध्यक्ष बनाकर उनको मंत्री न बना पाने का गम बांटना चाहते हैं। ललन सिंह से मजबूत आरसीपी सिंह ने मंत्री पद पा लिया। JDU में अंतर्कलह का स्तर इतना बढ़ा हुआ है कि दल में टूट की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। निश्चित तौर पर निकट दिनों में पार्टी में बड़ी टूट होनी तय है। राजेश राठौड़ ने कहा कि JDU में अंतर्कलह को कम करने के लिए पद के रूप में रेवड़ियां बांटी जा रही हैं। ये सारे प्रयास विफल होंगे और JDU की टूट निकट भविष्य में सरेआम दिखेगी।
नीतीश ने किया डैमेज-कंट्रोल
जनता दल यूनाइटेड के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष अब ललन सिंह होंगे। पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में इस पर मुहर लग गई है। दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ही ललन सिंह के नाम का प्रस्ताव लाए। इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से मान लिया गया। मुंगेर के सांसद और JDU के कद्दावर नेता राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह को JDU की बागडोर देने के साथ ही CM नीतीश कुमार ने एक तीर से कई निशाना साधा है। जातीय समीकरण के मुताबिक सवर्ण चेहरे के रुप में ललन सिंह देखे जाएंगे। वही, नीतीश कुमार के ऊपर लव-कुश को लगातार बढावा देने का भी आरोप खत्म हो जाएगा।