बिहार विधान मंडल के मॉनसून सत्र का समापन अनिश्चितकाल के लिए हो गया। बात उच्च सदन यानी विधान परिषद् की करें तो यहां पहले दिन की शुरुआत विपक्ष के विरोध प्रदर्शन से हुआ। मुंह पर काला मास्क लगाकर विपक्ष के पार्षद आए। यह विरोध बजट सत्र में विपक्षी विधायकों के साथ हुए दुर्व्यवहार के विरोध में हुआ। जातीय जनगणना की मांग यहां भी हुई। भाजपा के पार्षद और पूर्व केन्द्रीय मंत्री संजय पासवान ने कहा कि जातीय जनगणना की अब कोई जरूरत देश में नहीं है। जितना आरक्षण पिछड़ी, अतिपिछड़ी जातियों और सवर्णों को मिलना था मिल रहा है इसलिए अब जातीय जनगणना की जगह गरीबों की गणना की जरूरत है।
पांच दिवसीय बिहार विधानसभा में विधायकों ने कुल 822 सवाल पूछे. इस सत्र में कुल 103 ध्यानाकर्षण सूचनाएं प्राप्त हुई, जिसमें आठ का जवाब हुआ और 89 सूचनाएं लिखित उत्तर सरकार के द्वारा दिए गए. मॉनसून सत्र में कुल 122 निवेदन विधायकों ने दिए जिसमें 121 स्वीकृत हुए और एक अस्वीकृत हुआ. बिहार विधानसभा में कुल 8 राजकीय विधयकों की स्वीकृति दी गयी.
तीन विश्वविद्यालयों की स्थापना के लिए याद रहेगा सत्र
यह सत्र सबसे अधिक इसलिए याद किया जाएगा कि तीन नए विश्विद्यालय के लिए विधेयक पास हुए। ये विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग, मेडिकल और खेल विश्वविद्यालय होंगे। सबसे बड़ी बात यह कि इन तीनों के कुलाधिपति राज्यपाल नहीं बल्कि मुख्यमंत्री होंगे।
चर्चा में रहा स्वास्थ्य मंत्री का बयान
विधान परिषद् में स्वास्थ्य मंत्री का यह बयान चर्चा में रहा जिसमें उन्होंने कहा कि कोविड काल में ऑक्सीजन की कमी या उपकरणों की कमी से किसी की मौत नहीं हुई। जल जमाव की बात निकली तो पटना की तुलना मुंबई से कर दी गई। पार्षद डॉ। संजीव कुमार सिंह ने राज्य के सरकारी और सबंद्ध माध्यमिक, उच्च माध्यमिक के साथ डिग्री शिक्षण संस्थानों में छात्र-छात्राओं की संख्या बढ़ाने की मांग की तो प्रभारी मंत्री अशोक चौधरी से उनकी तीखी झड़प हो गई।
लालू प्रसाद के बीमार होने की वजह से राबड़ी देवी नहीं आईं
विपक्षी सदस्यों में राजद के रामचंद्र पूर्व, सुनील कुमार सिंह, मो। फारूख और कांग्रेस के मदन मोहन झा, प्रेमचंद मिश्रा व समीर सिंह दिखे। लेफ्ट से केदारनाथ पांडेय और संजय कुमार सिंह दिखे। उच्च सदन में राजद की नेता राबड़ी देवी इस सत्र में एक भी दिन सदन में नहीं आई। जब से लालू प्रसाद यादव अस्पताल से अपनी बेटी मीसा भारती के आवास पर आए हैं तब से ही राबड़ी देवी लगातार दिल्ली में रह रही हैं। लालू प्रसाद के खराब स्वास्थ्य की वजह से ही वे सदन में नहीं आ पाईं।
विधानसभा में 5 दिनों में क्या-क्या हुआ
इधर विधानसभा में इस मानसून सत्र में शून्यकाल के माध्यम से अनेक जनहित के मामले उठाए गए, विभिन्न विभागों के प्रतिवेदन, नियमावली, अधिसूचना की प्रति और बिहार विधानसभा के समिति के प्रतिवेदन सदन पटल पर रखे गए। इस सत्र के दौरान 33 जन नायकों एवं कोरोना महामारी से राज्य तथा देश के कई लोगों के साथ-साथ दूसरों की जिंदगी बचाने वाले बिहार के लगभग 115 चिकित्सकों और अनेक कोरोना योद्धाओं के असमय काल-कल्वित हो जाने पर उनके प्रति शोक व्यक्त किया गया। इस मानसून सत्र में आठ विधेयक पास किए गए। ये हैं-
- बिहार पंचायत राज (संशोधन) विधेयक 2021
- आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2021
- बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय विधायक 2021
- बिहार खेल विश्वविद्यालय विधेयक 2021
- बिहार माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2021
- बिहार राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन (संशोधन) विधेयक 2021
- बिहार अभियंत्रण विश्वविद्यालय विधेयक 2021
- बिहार विनियोग (संख्या 3) विधेयक 2021
विधान परिषद् को 189 सूचनाएं प्राप्त हुईं, विधानसभा में 822 प्रश्न आए
सदन में सरकार की ओर से बताया गया कि कोविड काल में 693 शिक्षकों की मौत हुई है। उच्च सदन में उठाए गए विभिन्न सवालों की बात करें तो कुल 183 सूचनाएं प्राप्त हुईं। इनमें से 160 प्रश्नों को स्वीकृति दी गई। कुल 75 प्रश्न उत्तरित हुए। सभापति अवधेश नारायण सिंह ने कहा कि वर्तमान सत्र के लंबित प्रश्नों को आगामी सत्र में सदन की मेज पर करने के लिए सरकार से अनुशंसा की गई है। इस सत्र में विधान परिषद् के अंदर ध्यानाकर्षण की कुल 38 सूचनाएं प्राप्त हुईं। 20 ध्यानाकर्षण सूचनाएं सदन के कार्यक्रम पर लाए जाने के लिए स्वीकृत की गई। इन सभी सूचनाओं के उत्तर दिए गए। शून्य काल की कुल 39 सूचनाएं प्राप्त हुईं जिनमं से 38 सूचनाओं के माध्यम से सरकार का ध्यान खींचा गया। निवेदन की कुल 44 सूचनाएं प्राप्त हुईं। सभी को निवेदन समिति को दे दिया गया है।
इस सत्र में विधानसभा में कुल 822 प्रश्न प्राप्त किए गए। इन 822 प्रश्नों में कुल 18 अल्प सूचित प्रश्न थे, जिसमें 16 के उत्तर प्राप्त हुए। 608 तारांकित प्रश्न स्वीकृत हुए, जिसमें 566 के उत्तर प्राप्त हुए साथ ही 153 प्रश्न और अतारांकित हुए इनमें से 35 के उत्तर प्राप्त हुए।
इस सत्र में कुल 103 ध्यानाकर्षण सूचना प्राप्त हुई, जिनमें से आठ वक्तव्य के लिए स्वीकृत हुए तथा 89 सूचनाएं लिखित उत्तर हेतु संबंधित विभागों को भेजे गए थे। 6 ध्यानाकर्षण को अमान्य करार दिया गया। इस सत्र में कुल 122 निवेदन प्राप्त हुए, जिसमें 121 स्वीकृत हुए, एक अस्वीकृत हुए। कुल 65 याचिकाएं प्राप्त हुए जिनमें 62 स्वीकृत हुए, चार और अस्वीकृत हुए।
1-बिहार पंचायती राज्य संसोधन विधेयक 2021, 2- बिहार अभियंत्रण विश्वविद्यालय विधेयक 2021, 3-बिहार माल और सेवा कर संशोधन विधयेक 2021, 4-बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय विधेयक 2021, 5-बिहार खेल विश्वविद्यालय विधेयक 2021, 6-बिहार राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन संशोधन विधेयक 2021, 7-आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक 2021, 8-बिहार विनियोग विधेयक 2021.