जातीय जनगणना के मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से शुक्रवार को प्रतिपक्ष के नेता समेत तमाम विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने मुलाकात की। विपक्षी पार्टियों के नेताओं से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हम दिल्ली जा रहे हैं‚ वहां कानूनी पहलूओं को समझने के बाद प्रधानमंत्री को पत्र लिखेंगे। मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने बताया कि मुख्यमंत्री के साथ जो मीटिंग हुई‚ उसमें कांग्रेस और लेफ्ट के विधायक मौजूद थे। हमने सीएम के सामने फिर से ये प्रस्ताव रखा कि जातीय जनगणना में पिछडा और अति पिछडों की गिनती होनी चाहिए। हालांकि दो बार विधानसभा में सर्वसम्मति से जातीय जनगणना को पास किया गया है‚ लेकिन केंद्र सरकार की सहमति नहीं होने के कारण इसे रोक दिया गया। तेजस्वी यादव ने बताया कि हमने मुख्यमंत्री से मिलकर उन्हें कहा है कि आप इसे लागू करवाने के लिए प्रधानमंत्री से जल्द से जल्द समय लीजिए। हम सभी विपक्षी अभी मिलने के लिए तैयार हैं। दूसरी ओर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि कर्नाटक सरकार ने खुद अपने खर्च पर राज्य में जातीय जनगणना कराई थी। इस पर हम जानकारी लेकर और जो लीगल तरीका होगा उस पर विचार किया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा हम भी जातीय जनगणना के पक्षधर हैं‚ आज हम दिल्ली जा रहे हैं‚ लौटने के बाद २ तारीख को प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इस पर विचार करने के लिए कहेंगे। जातीय जनगणना की मांग को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तमाम विपक्षी दल के नेताओं ने मुख्यमंत्री के कार्यालय कक्ष में बैठक की। बैठक में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव‚ राजद विधायक तेजप्रताप यादव‚ कांग्रेस विधान मंड़ल दल के नेता अजीत शर्मा‚ लेफ्ट महबूब आलम सहित कई नेता पहुंचे। मालूम हो कि जातीय जनगणना की मांग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव दोनों कर रहे हैं‚ जबकि केन्द्र सरकार ने कह दिया है कि वह सिर्फ एससी–एसटी की ही जनगणना कराएगी। इसलिए बिहार में भाजपा भी जातीय जनगणना का विरोध कर रही है।
भंगेड़ी हैं, सदन में भांग खाकर आते हैं और महिलाओं का अपमान करते हैं
बिहार विधानमंडल के बजट सत्र के 9वें दिन बुधवार को सदन में खूब हंगामा हुआ। विधानसभा के बाहर पूर्व CM...