बिहार विधान सभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि बिहार लोकतंत्र की जननी है और यह कई सामाजिक और राजनीतिक क्रांतियों का केंद्र रहा है। यह आदि काल से ज्ञान का गौरव रहा है। बिहार ने समय–समय पर देश को नई राह भी दिखायी है। लोकसभाध्यक्षओम बिरला की अध्यक्षता में देश के सभी विधानमंडलों के पीठासीन पदाधिकारियों की वर्चुअल बैठक के दौरान श्री सिन्हा ने यह बातें कहीं।
उन्होंने कहा –आप १७वीं लोकसभा के अध्यक्ष हैं और मैं १७वीं बिहार विधान सभा का‚ यह मेरा सौभाग्य है। १७वीं बिहार विधान सभा का गठन १६ नवंबर‚ २०२० को हुआ तथा २३ नवम्बर‚ २०२० को इसकी प्रथम बैठक हुई। गठन के ७ माह के दौरान बिहार विधान सभा के ०२ सत्र हुए‚ जिसमें कुल २७ बैठकें हुइ और १३ विधेयक पारित किये गये । २२ दिवसीय बजट सत्र के दौरान २१ दिन की बैठक शांतिपूर्ण ढंग से हुई। इस दौरान सभी सदस्यों की सक्रिय सहभागिता और उत्साहपूर्ण उपस्थिति से सदन में जनहित के मुद्ों पर सकारात्मक विमर्श हो सका और बिहार की जनता के जीवन को सुखी और सुविधायुक्त बनाने का सार्थक प्रयास हो सका। सत्र के दौरान ऑनलाइन प्रश्नोत्तर प्रणाली के तहत विभिन्न विभागों से रिकॉर्ड ९० प्रतिशत प्रश्नों के जवाब प्रश्नोत्तर काल के पूर्व प्राप्त हुए। इससे सदन में अधिकांश सवालों पर चर्चा हो सकी‚ जिससे कहीं न कहीं कार्यपालिका को और भी अधिक संवेदनशील और जवाबदेह बनाने में मदद मिली। शून्य काल के दौरान प्रतिदिन तय १५ सूचना के स्थान पर लगभग ७०–७५ सूचनायें ली गयीं‚ जिससे अधिकांश जनहित के मुद्ों को सरकार संज्ञान में ले कर उस पर त्वरित कार्य कर सकी। इसी तरह ध्यानाकर्षण के माध्यम से ज्वलंत मुद्ों पर भी सरकार ने तत्परतापूर्वक उत्तर देकर जनसमस्याओं के निराकरण के लिए सकारात्मक रुचि दिखायी। पहली बार सोशल मीडिया के माध्यम से पूरे बिहार के लोगों को बिहार विधान सभा की गतिविधियों को देखने का मौका मिला। बिहार विधान सभा की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने के लिए डिजिटल प्रणाली के बेहतरीन उपयोग हेतु भी हम प्रयासरत हैं। विधानमंडल पुस्तकालय का डिजिटाइजेशन किया जा रहा है। बिहार विधान सभा भवन शताब्दी समारोह की शुरुआत हुई। पहली बार बिहार विधान सभा सचिवालय में विद्या की देवी माता सरस्वती की पूजा की गयी। कोरोना की दूसरी लहर की चपेट में आने से बिहार सरकार के एक पूर्व मंत्री सह विधायक‚ १५ पूर्व सदस्यों तथा सभा सचिवालय के तीन कर्मियों एवं एक महिला पदाधिकारी के पति का असामयिक निधन हो गया। कोरोना के नियंत्रण के लिए बिहार विधान सभा में कोरोना नियंत्रण कक्ष की स्थापना हुई। बिहार विधान सभा के सदस्यों तथा पूर्व सदस्यों‚ सभा सचिवालय के कार्यरत तथा सेवानिवृत्त पदाधिकारियों और उनके परिजनों के लिए कोरोना टीकाकरण की व्यवस्था की गयी। बिहार विधान सभा के ८० प्रतिशत सदस्यों ने टीका ले लिया है।
कोरोना के इस दौर में सभी विधायकों‚ पूर्व विधायकों से उनके निर्वाचन क्षेत्र में कोरोना पीडितों तथा उनके परिजनों की सुध लेने‚ कोरोना के कारण अनाथ हुए बच्चों का अभिभावक बनने‚ राज्य और केंद्र सरकार द्वारा कोराना पीडितों के लिए घोषित योजनओं का लाभ सभी वांछितों तक पहुंचाने में सहयोग करने और उनके दुख–दर्द में उनका सक्रिय भागीदार बनने के लिए आग्रह किया गया‚ जिसका बडा ही सकारात्मक प्रभाव पडा है। कोरोना टीकाकरण के लिए नागरिकों को प्रेरित करने‚ कोरोना योद्धाओं का मनोबल बढाने तथा कोरोना के टीका के खिलाफ फैले संशय को मिटाने के लिए भी सभी विधायकों‚ पूर्व विधायकों‚ सामाजिक‚ राजनीतिक और धार्मिक कार्यकर्ताओं से अपील की गयी‚ जिसका व्यापक असर हुआ । फलस्वरूप बिहार में कोरोना टीकाकरण की रफ्तार बढी है। १७वीं बिहार विधान सभा की अल्पावधि में ही जनजीवन की बेहतरी के लिए यह प्रयास किया गया है। श्री सिन्हा ने राज्य विधानमंडलों के अखिल भारतीय पीठासीन पदाधिकारियों की अगली बैठक की मेजबानी का अवसर बिहार को देने की मांग लोकसभाध्यक्ष से की। इससे पहले लोकसभाध्यक्ष ओम बिरला ने अपने दो वर्षीय कार्यकाल में लोक सभा द्वारा किये गये कार्यों और उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उक्त वर्चुअल बैठक से पूर्व बिहार विधान सभाध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने बिहार विधान सभा में वीडियो कॉफ्रेंस रूम का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा‚ कोरोना काल में सूचना प्रावैधिकी और वीडियो कॉफ्रेंसिंग की अहमियत बढी है।