उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि मंगलवार को हुई राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक के माध्यम से कई महत्वपूर्ण एवं सार्थक बातें सामने आई हैं। उन्होंने कहा कि विषम परिस्थितियों के बावजूद साहस एवं प्रतिबद्धता की बदौलत वित्तीय वर्ष २०२०–२१ में अब तक सर्वाधिक १.२७ लाख करोड रुपए की वार्षिक साख योजना (एसीपी) का लक्ष्य हासिल किया गया है। ज्ञात हो कि राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की ७६ वीं बैठक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मुख्य सचिवालय के सभागार में वर्चुअल माध्यम से आयोजित हुई। इस अवसर पर संबोधन के दौरान उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि बिहार की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार कृषि एवं अनुषंगी क्षेत्र यथा‚ डेयरी‚ मत्स्य पालन‚ मुर्गी पालन‚ कृषि वानिकी में अपनी अर्थव्यवस्था को बढावा देना होगा। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष २०२०–२१ में वर्ष २०१९–२० की तुलना में नए किसान क्रेडिट कार्ड की उपलब्धि बेहतर रही है। वर्ष २०२०–२१ में २.५१ लाख किसान क्रेडिट कार्ड निर्गत किए गए हैं। उन्होंने बैंकों से अपील करते हुए कहा कि कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में भी नए किसान क्रेडिट कार्ड वितरण में तेजी लाएं‚ जिससे कृषकों को आय के वैकल्पिक साधन विकसित करने के साथ–साथ संपूर्ण ग्रामीण अर्थव्यवस्था का सुदृढीकरण हो सके। उन्होंने कहा कि कृषि एवं अनुषंगी विभागों की योजनाओं के क्रियान्वयन पर बैंकर्स संवेदनशीलता के साथ ध्यान दें। राज्य की खुशहाली और समृद्धि में बैंकों की बहुत बडी भूमिका है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में ७६७६ बैंक की शाखाएं हैं एवं ३१०९५ ग्रामीण सेवा केंद्र कार्यरत हैं। सरकार ने गरीब जरूरतमंदों के जीवन में खुशहाली और समृद्धि लाने के लिए विभिन्न योजनाओं को क्रियान्वित किया है। उन्होंने कहा कि ऐसे जरूरतमंद लाभार्थी गांवों में होते हैं। इसलिए हमें प्रत्येक पंचायत में बैंक की शाखा खोलने की जरूरत है। उन्होंने बैंकों से अपेक्षा करते हुए कहा कि बैंक सिर्फ @ण देने तक ही अपने को सीमित नहीं रखें‚ बल्कि कर्ज प्राप्तकर्ता का संवर्धन भी करें। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के बैंक खाता एनड़ीए हो गए हैं‚ उनके कारणों का पता लगाने के लिए एक सर्वे किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रखंड एवं जिला स्तर पर होने वाली बैंकर्स समिति की बैठकों को पूरी संवेदनशीलता एवं गंभीरता से किया जाना चाहिए। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में लघु एवं मध्यम उद्योग के क्षेत्र में विकास की असीम संभावनाएं हैं। बिहार सरकार ने औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति एवं इथेनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति को लागू कर राज्य को विकास के पथ पर ले जाने के लिए प्रतिबद्धता के साथ काम शुरू किया है। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष २०२१–२२ के लिए वार्षिक साख योजना के निर्धारित लक्ष्य १६१५०० करोड रुपए को सभी बैंकों के सहयोग से हासिल करने में सफल होंगे।
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