देश की जानी-मानी हिंदी साहित्यकार व बिहार की बेटी अनामिका को उनकी हिंदी कविता संग्रह ‘टोकरी में दिगन्त : थेरीगाथा’ के लिए साल 2020 के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार दिया गया है। इसके साथ हिंदी कविता संग्रह के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार पाने वाली वे देश की पहली महिला साहित्यकार बन गईं हैं। अनामिका हिंदी के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार पाने वाली बिहार में तीसरी बिहारी साहित्यकार भी हैं। इसके पहले यह पुरस्कार रामधारी सिंह दिनकर और अरुण कमल को मिला है। बिहार के ही सहित्यकार कमलकांत झा को उनकी रचना ‘गाछ रूसल अछि’ के लिए मैथिली का साहित्य अकादमी पुरस्कार दिया गया है। यह सम्मान मिला है। उर्दू का अकादमी पुरस्कार भी बिहार के प्रो. हुसैन उल हक़ को उनके उपन्यास ‘अमावस का ख़्वाब’ के लिए दिया गया है।
साहित्य अकादमी ने हिंदी में कविता संग्रह के लिए अनामिका और कन्नड़़ में महाकाव्य लिखने के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एम वीरप्पा मोइली को वर्ष २०२० का प्रतिष्ठित साहित्य अकादमी पुरस्कार देने की शुक्रवार को घोषणा की। वहीं‚ मैथिली में यह पुरस्कार कहानी संग्रह ‘गाछ रूसल अछि’ के लिए मधुबनी निवासी कमलकांत झा को मिलेगा। इसके साथ ही अकादमी के बाल व युवा पुरस्कारों की भी घोषणा की गयी। मैथिली भाषा के लिए युवा पुरस्कार सोनू कुमार झा को उनके कहानी संग्रह ‘गस्सा’ के लिए तथा बाल पुरस्कार सियाराम झा सरस को उनके गीत संग्रह ‘सोनहुला इजोत वला खिड़़की के लिए दिया जाएगा। सोनू दरभंगा तथा सरस रांची में रहते हैं। ५९ वर्षीय अनामिका का जन्म बिहार के मुजफ्फरपुर में हुआ था। साहित्य अकादमी के सचिव के श्रीनिवास राव ने एक विज्ञप्ति में बताया कि अकादमी ने २० भाषाओं के लिए अपने वार्षिक साहित्य अकादमी पुरस्कारों की घोषणा की है। अकादमी ने पुरस्कार देने के लिए सात कविता–संग्रह‚ चार उपन्यास‚ पांच कहानी–संग्रह‚ दो नाटक‚ एक–एक संस्मरण और महाकाव्य चयन किया है। उन्होंने बताया कि वीरप्पा मोइली को उनके महाकाव्य ‘श्री बाहुलबली अहिमसादिग्विजयम’ के लिए वर्ष २०२० का साहित्य अकादमी पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। राव ने बताया कि हिंदी में ‘टोकरी में दिगन्तः थेरीगाथाः२०१४’ कविता संग्रह के लिए अनामिका को पुरस्कृत किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अंग्रेजी में अरुंधति सुब्रह्मण्यम को कविता संग्रह ‘व्हेन गॉड़ इज़ ए ट्रैवलर’ के लिए जबकि उर्दू में हुसैन–उल–हक को उनके उपन्यास ‘अमावस में ख्वाब’ के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हिन्दी कवयित्री अनामिका एवं मैथिली रचनाकार कमलकांत झा को साहित्य अकादमी पुरस्कार मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री ने अपने शुभकामना संदेश में कहा कि यह बिहार के लिए बेहद गौरव की बात है। बिहार की बेटी को हिंदी का सर्वोच्च सम्मान मिलना देश की आधी आबादी को प्रेरणा प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि बिहार से ताल्लुक रखने वाले दोनों रचनाकारों की इस उपलब्धि पर सम्पूर्ण बिहारवासियों को गर्व है।
कमलकांत की पुस्तक में पर्यावरण संरक्षण पर बल
मैथिली साहित्यकार डॉ. कमलकांत झा को उनकी लघु कथा ‘गाछ रुसल अछि’ के लिए मैथिली का साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला है। इस रचना में उन्होंने पर्यावरण व पेड़-पौधों के महत्व को बताया है। बिहार के मधुबनी में जन्में व पले-बढ़े कमलकांत झा ने मैथिली के साथ हिंदी में भी लेखन किया है। उन्होंने अभी तक मैथिली में 25 पुस्तकें लिखीं हैं। वे ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में मैथिली के प्रोफेसर भी रहे हैं। वे अंतरराष्ट्रीय मैथिली परिषद (भारत-नेपाल) के अध्यक्ष हैं तथा मधुबनी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला संघ चालक हैं।
प्रो. हुसैन उल हक़ को उर्दू का अकादमी पुरस्कार
प्रो. हुसैन उल हक़ को उनके उपन्यास ‘अमावस का ख़्वाब’ के लिए उर्दू के साहित्य अकादमी पुरस्कार के लिए चुना गया है। वे भी बिहार के गया शहर स्थित न्यू करीमगंज मोहल्ला के निवासी हैं। वे मगध विश्वविद्यालय में उर्दू विभागाध्यक्ष और प्रॉक्टर के पद पर रहे हैं। उर्दू में साहित्य अकादमी पुरस्कार पाने वाले हुसैन उल हक़ बिहार के पांचवे और गया के पहले साहित्यकार हैं। उनके तीन उपन्यास के साथ सात कहानी संग्रह भी प्रकाशित हो चुके हैं।
20 भाषाओं के लिए घोषित किए पुरस्कार
विदित हो कि साहित्य अकादमी ने 20 भाषाओं के लिए अपने सालाना साहित्य अकादमी पुरस्कारों की घोषणा की है। उसने सात कविता-संग्रह, चार उपन्यास, पांच कहानी-संग्रह, दो नाटक, एक संस्मरण और एक महाकाव्य काे पुरस्कार के लिए चुना है। ये पुस्तकें एक जनवरी 2014 से 31 दिसम्बर 2018 के बीच प्रकाशित हैं। अकादमी के सचिव के श्रीनिवास राव ने बताया कि इन पुरस्कारों की अनुशंसा 20 भारतीय भाषाओं की निर्णायक समितियों ने की। शुक्रवार को अकादमी के अध्यक्ष डॉ. चंद्रशेखर कंबार की अध्यक्षता में हुई अकादमी के कार्यकारी मंडल की बैठक में इसका अनुमोदन कर दिया गया। पुरस्कार के विजेताओं को एक उत्कीर्ण ताम्रफलक व शॉल के साथ एक लाख रुपये दिए जाएंगे।
साहित्य अकादमी पुरस्कार, एक नजर
- हिंदी: अनामिका (कवता संग्रह- टोकरी में दिगन्त: थेरीगाथा)
- उर्दू: प्रो. हुसैन उल हक़ (अमावस का ख़्वाब)
- मैथिली: कमलकान्त झा (गाछ रूसल अछि)
- कन्नड़: वीरप्पा मोइली (महाकाव्य- श्री बाहुबली अहिमसादिग्विजयम)
- अंग्रेजी: अरुंधति सुब्रह्मण्यम (कविता संग्रह- ‘व्हेन गॉड इज़ ए ट्रैवलर)
- गुजराती: हरीश मीनाश्रु
- कोंकणी: आरएस भास्कर
- मणिपुरी: ईरुंगबम देवेन
- संथाली: रूपचंद हांसदा
- तेलुगु: निखिलेश्वर
- मराठी: नंदा खरे
- संस्कृत डॉ. महेशचन्द्र शर्मा गौतम
- तमिल: इमाइयम
- असमिया: अपूर्व कुमार सैकिया
- बोडो: धरणीधर औवारी
- कश्मीरी: हृदय कौल भारती
- पंजाबी: गुरदेव सिंह रूपाणा
- डोगरी: ज्ञान सिंह
- सिंधी: जेठो लालवानी
- बांग्ला: मणिशंकर मुखोपाध्याय