सूबे में शराबबंदी कानून को लेकर जारी सियासी घमासान के बीच नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शनिवार को राबड़ी आवास में पीसी की. पीसी के दौरान तेजस्वी ने बिहार सरकार के राजस्व मंत्री का पोल खोलने का दावा किया. साथ ही उन्होंने ये कहा कि मंत्री जी सरासर झूठ बोल रहे हैं. शराब बरामदगी मामले में वो लिखी लिखाई फिल्मी स्क्रिप्ट पढ़ रहे हैं.
दस्तावेज पब्लिक करें मंत्री
तेजस्वी ने कहा कि अगर मंत्री रामसूरत राय सच बोल रहे हैं कि जिस स्कूल के कैंपस से शराब बरमाद हुई है, उससे उनका कोई वास्ता नहीं है और जमीन सालों पहले लीज पर दी गयी है, तो वे इससे संबंधित अग्रीमेंट पब्लिक करें. वहीं, जिस खाते में अग्रीमेंट किये जाने के बाद पैसे डाले भेजे गए, उसकी डिटेल्स भी हमारे बीच रखें.
नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि जिस जमीन पर स्कूल है, वो जमीन उनके भाई हंसलाल राय की है. उस जमीन का बिजली बिल उनके नाम से आता है. वहीं, स्कूल का नाम अर्जुन मेमोरियल ज्ञान विद्या मंदिर है, जो उनके पिता के नाम पर रखा गया है. अब सवाल ये है कि जब कोई जमीन लीज पर लेगा तो वो उनके पिता के नाम पर स्कूल क्यों खोलेगा.
तेजस्वी ने पर्याप्त सबूत होने का किया दावा
तेजस्वी यादव ने कहा कि मंत्री जी हमें चैलेंज कर रहे हैं. लेकिन अगर वो सच बोल रहे हैं, तो अपनी बातों का सबूत दें. हमारे पास इस मामले में पर्याप्त सबूत हैं, इसलिए हमने मामला सदन में उठाया था. लेकिन हम चाहते हैं कि मंत्री जी खुद सारी सच्चाई बताएं. साथ ही मुख्यमंत्री भी स्पष्टीकरण दें. वहीं, मामले में संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री तुरंत मंत्री रामसूरत राय को बर्खास्त करें. उनके मंत्री रहते मामले की जांच सही से नहीं हो पाएगी.
उन्होंने कहा कि सीएम अपनी बातों से पलटते रहे हैं. यह कोई नई बात नहीं है. उनका अंतरात्मा बदलता रहा है, हम सभी ने भी देखा है. लेकिन लिखतन्त्र के आगे, बकतंत्र नहीं चलेगा. वो मामले में संज्ञान लेकर निष्पक्ष जांच कराएं.
तेजस्वी ने बताया कि मंत्री के भाई हंसलाल की जमीन पर बने स्कूल के मालिक हंसलाल खुद हैं. वहीं, व्यवस्थापक लालकांत शर्मा हैं. जबकि स्कूल के केअर टेकर अमरेंद्र हैं और उन्हें इस पूरे मामले में फंसाया गया है. नेता प्रतिपक्ष की मानें तो सात नवंबर की रात अमरेंद्र को जब स्कूल में शराब लदी ट्रक के आने की जानकारी मिली तो उन्होंने हंसलाल राय को कॉल किया, लेकिन कॉल रिसीव नहीं किया गया.
तेजस्वी की मानें तो कॉल नहीं रिसीव होने के बाद उसने बोचहा थाने में कॉल किया और घटना की जानकारी दी. इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और दबाव में आकर अमरेंद्र को ही गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद अमरेंद्र के परिजनों ने मुख्यमंत्री, डीजीपी समेत वरीय अधिकारियों को चिट्ठी भेजी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
नेता प्रतिपक्ष ने पीसी के दौरान मंच पर अमनरेंद्र के भाई को अंशु भास्कर को बुलाया, जिसने अपने भाई के साथ हुए अन्याय की बात सबके सामने रखी. उसने बताया कि स्कूल की स्थापना 2017 में हुई थी. उस वक्त मंत्री रामसूरत राय ने स्कूल का उद्घाटन किया था और प्राइज भी बांटी थे. मंत्री के भाई ने अमरेंद्र को स्कूल के संचालन की जिम्मेदारी दी थी.
अंशु ने बताया कि जब 7 नवंबर की रात अमरेंद्र को शराब के संबंध में जानकरी मिली तब उसने इसकी सूचना सबसे पहले हंसलाल राय को देनी चाही, लेकिन उन्होंने फ़ोन नहीं उठाया. इसके बाद सूचना देने पर पुलिस आयी और अमरेंद्र को ही गिरफ्तार कर लिया. हमने थाने में जांच के लिए आवेदन दिया लेकिन थानाध्यक्ष ने गाली गलौज कर भगा दिया.
अमरेंद्र के भाई की मानें तो 11 मार्च को जब ये मुद्दा सदन में उठाया गया, तब उसे धमकी भी मिली कि केस वापस ले लो नहीं तो पूरा परिवार बर्बाद कर देंगे. इसके बाद वो नेता प्रतिपक्ष के पास आया और सारी सच्चाई बताई. उसने कहा कि मंत्री जी झूठ बोल रहे हैं, जमीन किराए पर नहीं दिया गया है.
इस खुलासे के बाद नेता प्रतिपक्ष ने सीएम नीतीश से मामले में संज्ञान लेने की अपील की. साथ रामसूरत राय को मंत्री पद से बर्खास्त करने की मांग की. वहीं, पीड़ित परिवार को संरक्षण देने की बात कही.