उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में काफी कम समय बचा है। विभागीय पदाधिकारी अपने निर्धारित लक्ष्यों के अनुरूप कार्य करते हुए कर वसूली के लक्ष्यों को पूरा करें। उन्होंने संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि कोविड–१९ की प्रतिकूलता के बावजूद विभाग ने विगत कुछ महीनों में कर वसूली के मामले में बेहतर प्रगति की है‚ परंतु अभी कुछ और मेहनत करने की जरूरत है। पुराना सचिवालय स्थित उप भवन के वाणिज्य–कर सभागार में उप मुख्यमंत्री ने वाणिज्य–कर विभाग के अंतर्गत संचालित कार्यों एवं कर वसूली की बिंदुवार समीक्षा की। बैठक में विभाग के सचिव डॉ. प्रतिमा‚ विशेष आयुक्त‚ राज्य–कर संयुक्त आयुक्त‚ राज्य कर उपायुक्त जबकि वीडियो कन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के विभागीय क्षेत्रीय कार्यालयों के पदाधिकारी उपस्थित रहे। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि वाणिज्य–कर विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय भवन एवं अन्य मूलभूत कमियों को शीघ्र दूर किया जाएगा। विभाग के स्तर से इस दिशा में समीक्षा की जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य के आर्थिक परिदृश्य पर कोरोना की प्रतिकूलता के बावजूद वित्तीय वर्ष २०२०–२१ के बजटीय आकार में कोई कमी नहीं की गई है‚ बल्कि इसका आकार बढा है। इसलिए अधिकारी पूरी तत्परता के साथ मेहनत करें एवं लक्ष्य के अनुरूप प्रगति लाएं। उपमुख्यमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर विभाग के सभी महिला पदाधिकारी एवं कर्मचारियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि विभाग वर्तमान वित्तीय वर्ष के शेष बचे दिनों में मेहनत कर लक्ष्यों को प्राप्त करें।
विभागीय सचिव डॉ. प्रतिमा ने कि जीएसटीआर–३बी रिटर्न दाखिले की औसत स्थिति दिसंबर २०२० तक संपूर्ण भारत में ८९.३७ प्रतिशत के मुकाबले बिहार में ८५.५४ प्रतिशत है। अप्रैल २०१९ से फरवरी २०२० में राजस्व संग्रहण जहां २२४९३.३४ करोड था‚ वहीं अप्रैल २०२० से फरवरी २०२१ की अवधि में २२७०९.३९ करोड हुई है। इसमें ०.९६ प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि करवंचना की रोकथाम के लिए विभागीय डाटा एनालिटिक्स एवं इंटेलिजेंस इनपुट के आधार पर इंफोर्समेंट की कार्रवाई नियमित रूप से की जा रही है। राजस्व वृद्धि के भी उपाय किए जा रहे हैं। वित्तीय वर्ष २०१९ के दौरान अंचलों द्वारा सृजित मांग के विरुद्ध अन्य बकाया राशि ५४२.६१ करोड रुपए की वसूली हेतु विशेष प्रबंध किए गए हैं। अब तक ८९.५० करोड की वसूली की जा चुकी है। राजस्व वृद्धि के लिए किए जा रहे कार्यों के अंतर्गत वर्ष २०२०–२१ में मालों का परिवहन करने वाले ५४४१ चलंत वाहनों की जांच की गई है। इसके विरुद्ध ५.४६ करोड की शास्ति अधिरोपित करते हुए उसकी वसूली की गई है। जीएसटी रिफंड के अंतर्गत २६ सितंबर‚ २०१९ के प्रभाव से जीएसटी रिफंड की प्रक्रिया पूर्णतः ऑनलाइन की गई है। वित्तीय वर्ष २०१७–१८ से २०१९–२० तक कुल १६७४ मामलों में १५२.०९ करोड तथा २०२०–२१ में कुल १४२३ मामलों में २१५.४५ करोड के जीएसटी रिफंड की स्वीकृति प्रदान की गई है। साथ ही‚ जीएसटी रिफंड के लिए निर्धारित समय–सीमा ६० दिनों से अधिक का कोई भी मामला लंबित नहीं है। ई–वे बिल के अंतर्गत जीएसटी के तहत मालों के परिवहन हेतु ऑनलाइन ई–वे बिल निर्गत किए जाने का प्रावधान है। अंतरप्रांतीय मामलों में ५० हजार एवं राज्य के अंदर परिवहन हेतु ०१ लाख से अधिक के मालों के परिवहन हेतु ई–वे बिल आवश्यक है। सचिव ने बताया कि बिहार कराधान समाधान योजना (वन टाइम सेटेलमेंट स्कीम) के तहत जीएसटी के पूर्व के अधिनियमों के बकाए के समाधान हेतु बिहार कराधान समाधान अधिनियम २०१९ लागू किया गया है। इसके अंतर्गत ११२७.५५ करोड बकाया राशि के समाधान हेतु कुल ३१‚११७ आवेदन प्राप्त हुए हैं‚ इसकी समाधान राशि ३३१.६६ करोड प्राप्त हुई है। कोविड–१९ वैश्विक महामारी के कारण विभाग द्वारा पुनः बिहार कराधान विवादों का समाधान योजना २०२० लागू किया गया है‚ जो दिनांक २१ सितंबर‚ २०२० से छह माह अर्थात २० मार्च‚ २०२१ तक प्रभावी है। इसके अंतर्गत ७१६.१० करोड बकाया राशि के समाधान हेतु कुल १०‚९४३ आवेदन प्राप्त हुए हैं। इसके समाधान की राशि ११८.७५ करोड रुपए है। इस पर कार्रवाई की जा रही है।
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