मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि २०१६–१७ में बाढ के कारण फसलों की क्षति के बाद केंद्र की ओर से मदद का प्रस्ताव अपर्याप्त था जिसे राज्य सरकार ने स्वीकार नहीं किया। विधान परिषद में भाकपा के प्रो. संजय कुमार सिंह के तारांकित सवाल के जवाब में कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह जब उत्तर दे रहे थे तभी मुख्यमंत्री श्री कुमार ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि उस समय केंद्र सरकार ने जो प्रस्ताव दिया था उस पर राज्य सरकार की राय नहीं थी। उस समय की नीति ही अलग थी। उन्होंने कहा कि राज्य की योजना तैयार की गई और जितना राज्य की सरकार मदद देती है वह मिल रही है। इससे पूर्व कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप ने कहा कि आपदा प्रबंधन विभाग ने पांच मार्च‚ २०२१ को राज्य में आने वाली बाढ के संबंध में तथ्यों का विवरणी प्रपत्र नौ में संधारित किया है। इसके अनुसार वर्ष २०१६ की बाढ में बेगूसराय जिले के आठ प्रखंड के १०९ गांव की कुल ३.९० लाख की जनसंख्या प्रभावित हुई थी। प्रभावित परिवारों को राहत प्रदान करने के लिए जिले में कुल १०३ राहत कैंप चलाए गए। लगभग २.६० लाख लोग राहत कैंपों में रखे गये। श्री सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत खरीफ २०१६ मौसम में बेगूसराय जिला के लिए बजाज एलियांज बीमा कंपनी कार्यभारित थी। बीमा कंपनी के प्रतिवेदन के अनुसार बेगूसराय जिले के कुरहा प्रखंड में धान फसल के लिए कुल ०३ किसान बीमित थे। अर्थ एवं सांख्यिकी निदेशालय के ऊपर जिधर आंकड़ों के आधार पर क्षतिपूर्ति गणना के बाद बीमित तीन किसानों को कुल २.२५ लाख रुपये का भुगतान बीमा कंपनी द्वारा किया जा चुका है। मंत्री ने कहा कि खरीफ २०१७ मौसम में बेगूसराय जिला के लिए एलआईसी बीमा कंपनी कार्यभारित थी। बीमा कंपनी के प्रतिवेदन के अनुसार उक्त प्रखंड में धान फसल के लिए कुल ६६९ किसान बीमित थे। आंकड़ों के आधार पर क्षतिपूर्ति देय नहीं होने के कारण बीमित किसानों को क्षतिपूर्ति राशि भुगतान नहीं हुई। उन्होंने कहा कि कार्यभारित बीमा कंपनी आवंटित जिला में योजना के क्रियान्वयन के लिए नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करती है। उक्त जिले के सभी बैंक‚ वाणिज्यिक बैंक‚ क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक एवं जिला केंद्रीय सहकारी बैंक कार्यभारित बीमा कंपनी के अभिकर्ता के रूप में कार्य करने के लिए अधिकृत होते हैं।
मंत्री श्रवण कुमार ने कांग्रेस के प्रेमचंद्र मिश्रा के अल्पसूचित प्रश्न के उत्तर में कहा कि जल जीवन हरियाली को लेकर सरकार ने कई प्राथमिकताएं तय करते हुए कार्यक्रमों की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि जल जीवन हरियाली अभियान के तहत कई गतिविधियां संचालित की जा रहीं हैं‚ जिनमें सार्वजनिक जल संचयन संरचनाओं तालाब‚ पोखर‚ आहर‚ और पइन को चिन्हित कर अतिक्रमण मुक्त कराना और उनका जीर्णोद्धार किया जाना है। इसी तरह सार्वजनिक कुआं और चापाकल के किनारे सोखता बनाना शामिल है। मंत्री ने कहा कि सार्वजनिक कुआं और चापाकल के किनारे सोख्ता रिचार्ज तथा अन्य जल संचयन संरचना का निर्माण है। इसी तरह छोटी–छोटी नदियों‚ नालों एवं पहाड़ी क्षत्रों के जल संग्रहण क्षेत्रों में चेकडैम एवं जल संचयन के अन्य संरचनाओं का निर्माण है। नए जल स्रोतों का सृजन एवं अधिशेष नदी जल क्षेत्र से जल की कमी वाले क्षेत्रों में जल ले जाना है। वैकल्पिक फसलों‚ सिंचाई‚ जैविक खेती एवं अन्य नई तकनीकों का उपयोग शामिल है।
पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक 10 दिसंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में पटना में होगी
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महीनों बाद एक दूसरे के आमने-सामने होंगे. दरअसल पटना...