नीति आयोग की छठी बैठक में मुख्यमंत्री ने राज्य में कृषि के विकास के लिए किये जा रहे कार्यों के बारे में प्रधानमंत्री को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बिहार में उत्पादन और उत्पादकता बढ़øी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नीति आयोग की छठी बैठक आयोजित करने के लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देता हूं। इस बार नीति आयोग ने बैठक के पूर्व ही राज्यों के साथ पूरी चर्चा की है‚ जिसमें राज्यों ने भी अपनी बातें रखी हैं। नीति आयोग की पहले की बैठकों में भी हमने राज्य से संबंधित जरूरी बातें रखी हैं‚ चाहे वह विशेष राज्य के दर्जा से संबंधित हो या राज्य के हित से संबंधित अन्य मसले हों।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष २००८ से ही कृषि रोड़मैप बनाकर कृषि के क्षेत्र में हमलोग कई काम कर रहे हैं। धान‚ गेहूं‚ मक्का‚ सब्जी‚ फलों समेत सभी चीजों का उत्पादन बढ़ा है। अब हमलोग जैविक खेती को भी बढ़øावा दे रहे हैं। बिहार में उत्पादन और उत्पादकता बढ़ी है। गंगा नदी के किनारे अवस्थित कुल १३ जिलों में जैविक खेती के लिए कृषि इनपुट अनुदान दिया जा रहा है। हमलोग जैविक खेती के लिए किसानों को प्रेरित कर रहे हैं। जलवायु में परिवर्तन को देखते हुए फसल उत्पादन के लिए मौसम अनुकूल कृषि कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है। पर्यावरण संतुलन को लेकर जल–जीवन–हरियाली अभियान भी चल रहा है। जल और हरियाली रहेगा‚ तभी जीवन सुरक्षित रहेगा। उन्होंने कहा कि मौसम के अनुकूल कृषि अभियान को ८ जिलों से शुरुआत करके अब सभी जिलों में इसे लागू कर दिया गया है। इसमें बॉरलॉग इंस्टीट¬ूट ऑफ साउथ एशिया‚ ड़ॉ. राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय विश्वविद्यालय– पूसा‚ बिहार कृषि विश्वविद्यालय‚ सबौर और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (पूर्वी क्षेत्र) की मदद ले रहे हैं। मौसम के अनुकूल खेती करने को लेकर किसानों को प्रेरित करने के लिए हमलोग इन सभी चीजों पर काफी कार्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा कृषि से संबंधित जो तीन एक्ट लाये गये हैं‚ वे किसानों के हित में हैं। यह किसानों के खिलाफ नहीं है। पहले भी नीति आयोग की बैठक में एपीएमसी एक्ट में संशोधन करने को लेकर जो प्रस्ताव आया था‚ तो हमने कहा था कि बिहार में तो एपीएमसी एक्ट हमलोगों ने वर्ष २००६ में ही बंद कर दिया है। पहले लोगों को अपना सामान बेचने में दिक्कत होती थी। जब हमलोगों ने एपीएमसी एक्ट को समाप्त कर दिया‚ तो सामान बेचने में किसानों को किसी प्रकार की समस्या नहीं हो रही। पहले प्रोक्योरमेंट भी यहां नहीं होता था। उसके लिए भी हमलोगों ने काम शुरू किया और अब तो काफी प्रोक्योरमेंट हो रहा है। एक बार प्रोक्योरमेंट २४ लाख मीट्रिक टन हुआ था‚ पिछले वर्ष २० लाख मीट्रिक टन और इस बार हमलोगों ने और तेजी से काम करवाया है। कल तक करीब–करीब ३२.८९ लाख मीट्रिक टन धान की अधिप्राप्ति हो चुकी है। हमलोगों ने पैक्स को विकसित किया। उन्होंने कहा कि प्रखंड़ स्तर पर व्यापार मंड़ल और पंचायत स्तर पर पैक्स के माध्यम से बड़े पैमाने पर भी प्रोक्योरमेंट का काम चल रहा है। हमलोगों की कोशिश है कि एग्रीकल्चर को और आगे बढायें। केंद्र के द्वारा जो नीति बनेगी‚ उससे सहयोग मिलेगा‚ इससे हमलोगों को और बढ़øावा मिलेगा‚ इसमें कोई शक नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे बहुत ही अच्छा लगा है कि एथेनॉल के उत्पादन की बात हो गई है। हमलोगों ने वर्ष २००७ में ही एथेनॉल के उत्पादन के लिए एक्ट में अमेंड़मेंट करके केंद्र सरकार को भेजा था। तत्कालीन केंद्र सरकार ने इसको स्वीकार नहीं किया था‚ लेकिन अब पूरी बात हो गई है। अब गन्ना के रस से भी एथेनॉल का उत्पादन होगा। एथेनॉल के उत्पादन से वैकल्पिक ईंधन मिलेगा। इससे पेट्रोल और ड़ीजल पर निर्भरता कम होगी और सहूलियत मिलेगी। ये काम शुरू करने का निर्णय ले लिया गया है‚ ये बहुत अच्छी बात है। हमें याद है कि एक बाहर के व्यक्ति ने राज्य में एथेनॉल के उत्पादन के संबंध में लगभग २१ हजार करोड़ रुपये का प्रस्ताव दिया था लेकिन उस समय की केंद्र सरकार ने अनुमति नहीं दी‚ अन्यथा बिहार में काफी पहले से ही एथेनॉल का उत्पादन शुरू हो जाता। अब इसकी शुरुआत हो रही है‚ यह अच्छी बात है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मानव संसाधन के विकास के लिए हमलोगों ने काफी काम किया है। केंद्र की तरफ से जो प्रस्ताव आया है‚ वह ठीक है। जो नई नीति आई है जब उस पर भी बैठक हुई है‚ जिसमें राज्य सरकार की तरफ से अपनी बात कही गयी है और बाद में भी हमलोगों ने एक पत्र भेजा है। अच्छी बात है कि पूरे तौर पर शिक्षा का विकास होना चाहिए। उन्होंने कहा कि संविधान के ७३वें और ७४वें सशोधन के अनुसार पंचायती राज संस्थाओं को और नगर निकायों को जो अधिकार दिये गये हैं‚ उनमें एक अधिकार शिक्षा का भी है। प्राइमरी शिक्षा से लेकर हाई स्कूल और प्लस टू तक की शिक्षा का अधिकार पंचायती राज संस्थाओं और नगर निकायों को मिला है। हमलोगों ने उन्हें यह अधिकार दे दिया है। स्कूलों के लिए भवन बनाये गये‚ भवनों का मेंटेनेंस करवाते हैं। शिक्षकों की नियुक्ति की गयी है और उन्हें वेतन दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि श्रद्धेय अटल जी की सरकार के समय से जो राशि तय की गयी थी‚ उस समय वह मिलती थी किंतु अब उतनी नहीं मिल रही है। हमारा आग्रह है कि जो पॉलिसी है‚ इसे देख लिया जाये। पंचायती राज संस्थाओं और नगर निकायों को टीचर नियुक्ति का जो अधिकार मिला हुआ है‚ इसको देखते हुए जो नई पॉलिसी लायी जा रही है उसमें यह काम बेहतर ढंग से हो‚ यह ध्यान रखने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि तीन लाख से भी ज्यादा टीचर का रिक्रूटमेंट हमलोगों ने करवाया‚ उन्हें वेतन दिया जा रहा है। समग्र शिक्षा कार्यक्रम के तहत केंद्र सरकार के तहत शिक्षकों के वेतन में जो राशि मिलती है वह राशि ससमय अगर मिल जाये‚ तो राज्य सरकार को सुविधा होती है। लड़कियों की शिक्षा के लिए हमलोगों ने साइकिल योजना‚ पोशाक योजना जैसी कई योजनायें शुरू कीं। हमारे यहां लड़कियां तो पहले बहुत कम पढ़ती थीं किंतु अब पढ़ाई में लड़के और लड़कियों की संख्या बराबर हो गयी है। पिछले वर्ष मैट्रिक की परीक्षा में लड़कियों की संख्या लड़कों से भी थोड़ी ज्यादा थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण की चपेट में पूरी दुनिया आई। अब भी देश के कुछ राज्यों में कोरोना का प्रकोप है। हमलोगों के राज्य में तो बहुत घट गया है। हमलोग पूरी तरह से सतर्क हैं और टेस्ट भी करा रहे हैं। देश में ही वैक्सीन का विकास किया गया और पूरे देश में वैक्सीनेशन का काम तेजी से हो रहा है। हम इसके लिए प्रधानमंत्री जी को बधाई देते हैं। बिहार में अगले चरण के टीकाकरण में पचास साल से अधिक उम्र वाले लोगों और पचास साल से कम उम्र वाले व्यक्ति जो अन्य बीमारी से भी ग्रस्त हैं‚ उनके लिए भी उपलब्ध हो जाएगा। हम आश्वस्त करते हैं कि इस मामले में हमलोग पूरे तौर पर सहयोग करेंगे और केन्द्र की जो गाइड़लाइन होगी उसका पालन करेंगे।