बिहार में शराबबंदी कानून को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए बिहार सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. अब अगर किसी के घर या गोदाम सेे अवैध शराब की बरामदगी होगी तो उस संपत्ति को जब्त कर लिया जाएगा और उसकी नीलामी की जाएगी. बता दें कि गुरुवार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित बैठक में पटना के प्रमंडलीय आयुक्त संजय अग्रवाल और आईजी ने विधि व्यवस्था के सुचारू रूप से संचालन के लिए प्रमंडल के सभी जिलों के डीएम एसएसपी और एसपी को आवश्यक निर्देश दिए हैं.
कड़ी कार्रवाई करने का दिया निर्देश
शराबबंदी कानून को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए प्रमंडलीय आयुक्त ने सभी डीएम और एसपी को शराब के अवैध कारोबार में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि अगर किसी मकान और गोदाम से शराब जब्त की जाती है, तो उस मकान या गोदाम को भी नीलाम किया जाएगा. उन्होंने सभी डीएम और एसपी को सख्ती से इसका अनुपालन सुनिश्चित कराने को कहा है.
डीएम से मांगी रिपोर्ट
बैठक में प्रमंडलीय आयुक्त ने जब्त वाहनों की जिलावार समीक्षा करते हुए पाया कि वाहनों की नीलामी की प्रक्रिया में तेजी आई है. ऐसे में उन्होंने सभी डीएम को पिछले दो महीने में नीलामी की गई वाहनों की अनुमंडलवार समीक्षा कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है. साथ ही थानावार/ उत्पाद विभाग द्वारा जब्त वाहनों की जानकारी और उसकी नीलामी के बारे में भी समीक्षा करने को कहा है.
छापेमारी अभियान चलाने का दिया निर्देश
प्रमंडलीय आयुक्त ने शराबबंदी अभियान के प्रभावी कार्यान्वयन के लिस छापेमारी अभियान तेज करने और दोषी को चिन्हित कर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. उन्होंने अपराध पर अंकुश लगाने के लिए थानावार रात्रि गश्ती तेज करने और डीएसपी को मॉनिटरिंग करने का निर्देश दिया है. गश्ती के दौरान असामाजिक तत्वों पर विशेष नजर रखने का भी निर्देश दिया है.
बिहार में 100 करोड़ की शराब बेचने वाला तस्कर खलीला हरियाणा में गिरफ्तार, नक्सलियों से जुड़ रहे तार
गोपालगंज पुलिस ने हरियाणा के बड़े शराब कारोबारी अजीत खलीला को गिरफ्तार किया है। अजीत ख़लीला के साथ भूपेंद्र उर्फ भूप्पी और मुजफ्फरपुर का कुख्यात शराब तस्कर सुरेश सहनी और उसके साले मुन्ना महतो को भी हरियाणा से गिरफ्तार किया गया। अनुमान है कि सबने मिलकर बिहार में करीब 100 करोड़ की शराब खपाई है।
नक्सलियों को जाता था शराब का पैसा?
सुरेश सहनी का नक्सली संगठन से भी तार जुड़ा हुआ है। यानी शराब के इस अवैध कारोबार का पैसा नक्सली संगठनों में भी जाता होगा। एसपी आनंद कुमार के मुताबिक सुरेश सहनी अपने साले मुन्ना महतो को हरियाणा में पैसे की सप्लाई करता था। उसके बाद मुन्ना महतो हरियाणा के पानीपत निवासी भूपेंद्र उर्फ भूप्पी को शराब की डिलीवरी के लिए पैसे भेजता था। भूप्पी के जरिए पैसा अजीत खलीला तक पहुंचता था। अजीत खलीला कई ट्रकों में शराब भरकर बिहार के कई जिलों में भेजता था।
हरियाणा में खलीला को मिला था बॉडीगार्ड
गोपालगंज पुलिस की एक टीम ने खलीला की गिरफ्तारी हरियाणा पुलिस के सहयोग से पानीपत से की है। अजीत खलीला हरियाणा का बड़ा शराब कारोबारी है। वो हरियाणा के पानीपत के खलीला गांव का रहने वाला है। उसका हरियाणा में 10 बड़े शराब के ठेके हैं। अजीत खलीला को दो पुलिस गार्ड भी उपलब्ध कराए गए हैं। वो बिहार में शराब को ट्रकों के माध्यम से भेजता था। बिहार में शराब के लाने के बाद उस शराब को गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, मधुबनी, सीतामढ़ी और दरभंगा में सप्लाई की जाती थी। एसपी आनंद कुमार के मुताबिक इस बड़े सिंडिकेट में करीब दो दर्जन से ज्यादा माफिया शामिल हैं।
शराब का पैसा बिटक्वाइन में करता था इंवेस्ट
पुलिस ने पिछले दिनों एंबुलेंस से शराब की खेप पकड़ी थी। उसी एम्बुलेंस से दो तस्कर गिरफ्तार किए गए थे। जिनकी निशानदेही पर पुलिस ने मुजफ्फरपुर के रहने वाले सुरेश सहनी मोबाइल फोन और हवाला के जरिए अपने साले को हरियाणा में पैसा भेजता था। इसी माध्यम से शराब का ऑर्डर भी दिया जाता था। एसपी आनंद कुमार के मुताबिक सुरेश के मोबाइल से अब तक 30 दिनों में 90 लाख रुपये भेजने की पुष्टि हुई है। इसके अलावा शराब के धंधे से कमाए गए पैसे को बिटकॉइन में इंवेस्ट किया जाता था। पुलिस हवाला कारोबार से पैसे की लेनदेन की तार जोड़ रही है। बहरहाल इस सिंडिकेट के चार माफिया की गिरफ्तारी से बिहार में शराब तस्करी के कमी आने की उम्मीद जताई जा रही है।