आज 31 जनवरी को बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह की पुण्यतिथि है। रस्मी तौर पर ही सही, इस दिन बिहार के नेता प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री को याद करते हैं। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी कुछ ऐसा ही किया, लेकिन एक गलती कर दी। अब उनकी यह गलती सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गई है। तेजस्वी यादव के सोशल मीडिया अकाउंट से श्रीकृष्ण सिंह को नमन करते हुए एक तस्वीर पोस्ट की गई। लेकिन वह तस्वीर ‘बिहार केसरी’ श्रीकृष्ण सिंह की नहीं, बल्कि उनके समकालीन एक और बड़े राजनेता अनुग्रह नारायण सिंह की थी। अनुग्रह नारायण सिंह, श्रीकृष्ण सिंह की ही सरकार में बिहार के पहले वित्त मंत्री बने थे। तेजस्वी के इस पोस्ट ने उनके विरोधियों को व्यंग करने का मौका भी दे दिया।
JDU के नीरज ने ‘ज्ञान से घृणा’ बताया
तेजस्वी यादव के इस सोशल मीडिया पोस्ट पर जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार तीखा व्यंग किया। उन्होंने कहा – पुण्यतिथि श्रद्धेय स्व. श्रीकृष्ण जी का और फोटो श्रद्धेय स्व. अनुग्रह बाबू का। यह ज्ञान से घृणा अथवा सामाजिक घृणा का प्रकटीकरण है। इस मसले पर राजद नेताओं ने चुप्पी साध ली है। भास्कर ने कई नेताओं से बात करने की कोशिश की, लेकिन सबने इसे मानवीय भूल बताते हुए आगे कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
तेजस्वी के पोस्ट पर भी आए कमेंट्स
नेता प्रतिपक्ष के सोशल मीडिया अकाउंट पर यह पोस्ट आज 31 जनवरी की सुबह 11:10 बजे किया गया है। इसके बाद उनके कई फॉलोवर्स ने भी कमेंट कर इस गलती की ओर ध्यान दिलाया। हालांकि खबर लिखे जाने तक इस पोस्ट को न तो हटाया गया है, न ही इसपर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया आई है।
एक यूजर विकास रंजन ने लिखा है – श्री कृष्ण सिंह जी के पुण्यतिथि पर नेता प्रतिपक्ष द्वारा अनुग्रह बाबू का फोटो शेयर करना मेरी समझ से तो परे है । a little bit of home work needed।
आदित्य सिंह ने लिखा – श्री कृष्ण सिंह की जगह आपने बाबू अनुग्रह नारायण सिंह का चित्र लगा दिया। तेजस्वी जी ज़रा होमवर्क कर लीजिए। इस पर राहुल मीणा नाम के यूजर ने जवाब दिया है – नवीं फेल से आप क्या उम्मीद करते हैं।
एक अन्य यूजर राजीव रंजन ने लिखा – तेजस्वी जी, आप बिहार के आगे बनने वाले CM हैं, और आप अपने महापुरुषों को ही नहीं पहचानते।
श्रीकृष्ण सिंह के बारे में जानिए
श्रीकृष्ण सिंह आधुनिक बिहार के शिल्पकार कहे जाते हैं। बिहार में औद्योगिक क्रांति उनकी वजह से ही आई। श्रीकृष्ण सिंह का जन्म तो नवादा जिले के खनवां गांव में हुआ था, लेकिन उनका पैतृक आवास शेखपुरा में है। महात्मा गांधी से प्रेरित होकर उन्होंने स्वतंत्रता के आंदोलन में हिस्सा लिया था। फिर देश की आजादी के बाद साल 1952 में हुए बिहार के पहले विधानसभा चुनाव में मुंगेर की खड़गपुर सीट से लड़े और भारी मतों से जीते। बिहार के पहले मुख्यमंत्री के तौर पर उन्होंने ही बरौनी, हटिया, बोकारो में बड़े औद्योगिक इकाइयों की स्थापना कराई।
अनुग्रह नारायण सिंह के बारे में जानिए
औरंगाबाद में जन्मे डॉ. अनुग्रह नारायण सिंह ने महात्मा गांधी और डॉ. राजेंद्र प्रसाद के साथ मिलकर चम्पारण सत्याग्रह में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वे आधुनिक बिहार के निर्माताओं में एक थे। इसी लोकप्रियता की वजह से उन्हें बिहार विभूति के रूप में जाना जाता था। देश की आजादी के बाद श्रीकृष्ण सिंह के नेतृत्व वाली बिहार की पहली सरकार में डॉ. सिंह उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री बने थे।
बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ. श्रीकृष्ण सिंह जी की पुण्यतिथि पर शत-शत नमन। pic.twitter.com/cUE1Epi1pY
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) January 31, 2021