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सेंसेक्स का ऐतिहासिक मुकाम ,1 हज़ार से 50 हज़ार का सफर बेमिशाल

UB India News by UB India News
January 22, 2021
in खास खबर, ब्लॉग, शेयर बाज़ार
0
सेंसेक्स का ऐतिहासिक मुकाम ,1 हज़ार से 50 हज़ार का सफर बेमिशाल

सेंसेक्स यानी मुंबई शेयर बाजार के संवेदी सूचकांक ने २१ जनवरी‚ २०२१ को एक ऐतिहासिक मुकाम हासिल किया। यह मुकाम 50000 बिंदुओं का है। इतिहास में पहली बार सेंसेक्स ने 50000 का शिखर छुआ। अर्थव्यवस्था ने कोरोना के झटकों से उठकर लडखडाकर चलना शुरू किया है। ऐसे में सेंसेक्स की इस मजबूती पर खुशी होती है‚ पर आश्चर्य भी होता है कि जब वित्त मंत्री संसाधन उगाही के नये–नये रास्ते तलाश रही हैं और कई उद्योग अभी भी राहत पैकेज की मांग कर रहे हैं‚ तब ऐसा क्या हो गया है निवेश जगत में कि सेंसेक्स लगातार ऊपर का रुख बनाए हुए है। सेंसेक्स ने २०२० के साल में करीब १७ प्रतिशत का प्रतिफल दिया‚ यह प्रतिफल इतना शानदार था कि लगा ही नहीं कि कोरोना ने भारतीय अर्थव्यवस्था को कहीं से प्रभावित किया। दरअसल‚ भारतीय अर्थव्यवस्था के भविष्य पर भरोसा करने वालों की तादाद लगातार बढ रही है। दिसम्बर‚ २०२० में खत्म हुई तिमाही में कई कंपनियों ने वित्तीय परिणामों की घोषणा की‚ ये परिणाम उम्मीद से ज्यादा बेहतर थे। विदेशी निवेशक भारत में अपना भरोसा लगातार बनाए हुए हैं। जीएसटी संग्रह को लेकर सरकार की चिंताएं कम हुई हैं। दुनिया भर से समाचार सकारात्मक हैं। जो बाइडेन का रुख तमाम मसलों पर टकराव वाला ना रहेगा‚ जैसा आम तौर पर ट्रंप का रहा करता था‚ ऐसी उम्मीदें सब तरफ लगाई जा रही हैं। समायोजन की राजनीति टकराव की राजनीति की जगह लेगी अमेरिका में‚ ऐसी उम्मीदें हैं। बाइडेन अमेरिकी अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए नये पैकेज घोषित करेंगे‚ ऐसी भी उम्मीद है। अमेरिकी अर्थव्यवस्था का मजबूत होना कहीं–ना–कहीं भारतीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करता है‚ खास तौर पर भारत का साफ्टवेयर उद्योग नई तरह से राहत की सांस ले रहा है बाइडेन के आने के बाद। कुल मिलाकर सेंसेक्स 50000 के पार जा चुका है‚ अब यह थोडा बहुत नीचे–ऊपर हो भी जाए‚ तो निवेशकों को ध्यान रखना चाहिए कि कोरोना अर्थव्यवस्था को चौपट कर सकता है‚ उम्मीदों को नहीं। पर सावधानी की भी दरकार है। शेयर बाजार ऊपर जाता है‚ तो तमाम छोटे निवेशक बडे प्रतिफल की उम्मीद में बिना आवश्यक ज्ञान के बाजार में आ जाते हैं‚ और अपने हाथ जला लेते हैं। अतीत में शेयर बाजार की तेजी से हमें यही सबक मिलता है कि तेजी हो या मंदी‚ बिना पूरे ज्ञान के शेयर बाजार में निवेश नहीं करना चाहिए।

सबसे पहले सेंसेक्स ने जुलाई, 1990 में 1,000 का आंकड़ा छुआ था. अक्टूबर, 1999 में 5,000, फरवरी, 2006 में 10,000 का आंकड़ा छुते हुए सेंसेक्स जुलाई, 2007 में 15,000 के आंकड़े पर पहुंचा. दिसंबर, 2007 में ही सेंसेक्स ने 20,000 का आंकड़ा भी छू लिया. लेकिन 25,000 तक पहुंचने में सेंसेक्स को लगभग सात साल लग गए. सेंसेक्स ने मई, 2014 में 25,000 का आंकड़ा छुआ, फिर मार्च, 2015 में 30,000 तक पहुंचा. लगभग तीन साल बाद जनवरी, 2018 में यह इंडेक्स 35,000 के आंकड़े पर आया और फिर….

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फरवरी, 2020 में सेंसेक्स 40,000 का आंकड़ा छूते हुए 4 दिसंबर, 2020 को 45,000 पर पहुंचा और महज एक साल के भीतर ही जनवरी, 2021 में 10,000 अंकों की उछाल लेते हुए 50,000 के आंकड़े पर पहुंच गया.

बता दें कि जो बाइडेन के आने के बाद से अर्थव्यवस्था में ज्यादा राहतभरे आर्थिक पैकेज की उम्मीद की जा रही है. अमेरिका की नामित वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था की रक्षा के लिए पहले ही भारी प्रोत्साहन यानी स्टिमुलस पैकेज का आह्वान किया है. उन्होंने अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिये 1.9 हजार अरब डॉलर के प्रोत्साहन पैकेज का प्रस्ताव रखा है, जिसके बाद ग्लोबल बाजारों के साथ घरेलू बाजार में भी उत्साह देखा जा रहा है.

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