दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलनरत किसानों की भीड़ को कोरोना संक्रमण से बचाने पर सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार से सवाल किए। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा कि एकत्रित किसानों के बीच संक्रमण न फैले‚ इसके लिए सरकारी मानकों का पालन हो रहा है या नहीं। अदालत ने कहा कि कोरोना वायरस पर अंकुश पाने के लिए बने दिशा निर्देशों का पालन होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल इस महामारी पर काबू पाने के लिए लागू हुए लाकडाउन के दौरान आनंद विहार बस अड्डे और निजामुद्दीन मरकज में तबलीगी जमात के आयोजन में बड़ी संख्या में लोगों के एकत्र होने की घटना की सीबीआई जांच के लिए दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान कोरोना वायरस से किसानों की सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की। चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबडे‚ जस्टिस एएस बोपन्ना और वी रामासुब्रमण्यन की बेंच ने सुनवाई के दौरान केंद्र से कहा कि आपको हमें बताना चाहिए कि क्या हो रहा है। किसानों के आंदोलन से भी वैसी ही समस्या पैदा होने जा रही है। हमें नहीं मालूम कि क्या किसान कोविड से सुरक्षित हैं। वही समस्या फिर पैदा होने जा रही है। ऐसा नहीं है कि सब कुछ बीत गया है। अदालत ने केंद्र की ओर से पेश सालिसिटर जनरल तुषार मेहता से जानना चाहा कि क्या विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान कोविड–१९ से सुरक्षित हैं। मेहता ने जवाब दिया कि निश्चित ही ऐसा नहीं है। मेहता ने कहा कि वह दो सप्ताह के भीतर एक रिपोर्ट दाखिल करके बताएंंगे।
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